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Sawai Madhopur Sentence: पत्नी को आजीवन कारावास, दो साल पहले बेटी संग मिलकर कर दी थी पति की हत्या

राजस्थान में सवाई माधोपुर की अदालत ने दो साल पहले अपने पति की हत्या के आरोप में पत्नी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. यह घटना 13 जुलाई 2021 को जिला मुख्यालय के सूरवाल थाना क्षेत्र के पढ़ाना गांव में हुई थी.

wife life imprisonment
पत्नी को आजीवन कारावास
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Published : Apr 12, 2023, 5:33 PM IST

पत्नी को आजीवन कारावास, दो साल पहले बेटी संग मिलकर कर दी थी पति की हत्या

सवाई माधोपुर. पति की हत्या की आरोपी महिला बर्फी देवी को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. यह मामला 15 जुलाई 2021 का है. इस केस में सामने आया था कि हंसराज की हत्या उसकी पत्नी बर्फी देवी और नाबालिग बेटी ने मिलकर की थी. इस हत्या का कारण घरेलू कलह बताया गया था.

ये था पूरा घटनाक्रमः घटना को अंजाम कुछ इस तरह दिया गया. 13 जुलाई 2021 के रात हंसराज और उसकी पत्नी बर्फी के बीच घरेलू मामले को लेकर झगड़ा हो गया था. जिस पर हंसराज की पत्नी बर्फी देवी और उसकी नाबालिग बेटी ने हंसराज को नींद की गोलियां देकर सुला दिया. इसके बाद बेसुध सो रहे हंसराज पर मां बेटी ने मिलकर ताबड़तोड़ लाठी-डंडों से हमला किया और उसे मौत के घाट उतार दिया. हत्या के बाद मां-बेटी ने हंसराज की लाश को 1 दिन घर में छिपाए रखा. इसके बाद 15 जुलाई 2021 को अपनी बेटी के साथ हत्या की आरोपी बर्फी देवी अपने पति की मौत का नाटक कर विलाप करने लगी. सोची समझी साजिश के तहत मां-बेटी ने हत्या के सुबूत मिटाने की मंशा से अपने घर के आंगन को भी लीप दिया था, ताकि किसी तरह का कोई प्रमाण न मिल सके.

ये भी पढ़ेंः पति और बच्चों की हत्यारिन संतोष को प्रेमी संग मिली आजीवन कारावास की सजा

भाई ने भाभी व भतीजी के विरुद्ध दर्ज कराया था केसः इसके बाद कुछ जगह लगे खून के दाग हत्या के मामले के खुलासे में अहम साबित हुए. पूरे मामले में मृतक हंसराज के भाई को अपनी भाभी एवं भतीजी पर शक हुआ. इसके बाद बबलू मीणा ने अपनी भाभी और भतीजी के खिलाफ हत्या की आशंका जताते हुए सूरवाल थाने में मुकदमा दर्ज कराया. जिस पर पुलिस ने मौके से मिले साक्ष्य सुबूतों के आधार पर मां-बेटी को गिरफ्तार किया और मामले की जांच में जुट गई. मामले का अनुसंधान चलता रहा. उस सयम से ही नाबालिक बेटी को बाल कारागृह भेज दिया गया था. वहीं पति की हत्या की आरोपी बर्फी देवी को ट्रायल चलने तक भरतपुर जेल में रखा गया.

ये भी पढ़ेंः Court Verdict : पवन बिश्नोई हत्याकांड में 6 साल बाद आया फैसला, आरोपियों को उम्रकैद की सजा

जज महेंद्र कुमार ने सुनाई सजाः लंबे अनुसंधान के बाद बुधवार को मामले में अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश महेंद्र कुमार डाबी ने सुनवाई करते हुए अपना फैसला दिया. जिसमें एक्ट 207/ 34 में 7 वर्ष की सजा सुनाई और 5 हजार अर्थदंड से दंडित किया. इसी प्रकार हत्या के मामले में धारा 302 के तहत बर्फी देवी को न्यायाधीश महेंद्र कुमार ने आजीवन कारावास व 10 हजार रुपए जुर्माना से दंडित किया. महिला को सजा सुनाए जाने के बाद भरतपुर जेल भेज दिया गया. इस पूरे मामले में राज्य सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक दिलीप सिंह राजावत ने पैरवी की और दोषी महिला को सजा दिलवाई.सजा सुनाए जाने के बाद जिस किसी ने भी इस पूरे घटनाक्रम के बारे में सुना वही पति-पत्नी के रिश्तों को कोसता नजर आया.

पत्नी को आजीवन कारावास, दो साल पहले बेटी संग मिलकर कर दी थी पति की हत्या

सवाई माधोपुर. पति की हत्या की आरोपी महिला बर्फी देवी को न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. यह मामला 15 जुलाई 2021 का है. इस केस में सामने आया था कि हंसराज की हत्या उसकी पत्नी बर्फी देवी और नाबालिग बेटी ने मिलकर की थी. इस हत्या का कारण घरेलू कलह बताया गया था.

ये था पूरा घटनाक्रमः घटना को अंजाम कुछ इस तरह दिया गया. 13 जुलाई 2021 के रात हंसराज और उसकी पत्नी बर्फी के बीच घरेलू मामले को लेकर झगड़ा हो गया था. जिस पर हंसराज की पत्नी बर्फी देवी और उसकी नाबालिग बेटी ने हंसराज को नींद की गोलियां देकर सुला दिया. इसके बाद बेसुध सो रहे हंसराज पर मां बेटी ने मिलकर ताबड़तोड़ लाठी-डंडों से हमला किया और उसे मौत के घाट उतार दिया. हत्या के बाद मां-बेटी ने हंसराज की लाश को 1 दिन घर में छिपाए रखा. इसके बाद 15 जुलाई 2021 को अपनी बेटी के साथ हत्या की आरोपी बर्फी देवी अपने पति की मौत का नाटक कर विलाप करने लगी. सोची समझी साजिश के तहत मां-बेटी ने हत्या के सुबूत मिटाने की मंशा से अपने घर के आंगन को भी लीप दिया था, ताकि किसी तरह का कोई प्रमाण न मिल सके.

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भाई ने भाभी व भतीजी के विरुद्ध दर्ज कराया था केसः इसके बाद कुछ जगह लगे खून के दाग हत्या के मामले के खुलासे में अहम साबित हुए. पूरे मामले में मृतक हंसराज के भाई को अपनी भाभी एवं भतीजी पर शक हुआ. इसके बाद बबलू मीणा ने अपनी भाभी और भतीजी के खिलाफ हत्या की आशंका जताते हुए सूरवाल थाने में मुकदमा दर्ज कराया. जिस पर पुलिस ने मौके से मिले साक्ष्य सुबूतों के आधार पर मां-बेटी को गिरफ्तार किया और मामले की जांच में जुट गई. मामले का अनुसंधान चलता रहा. उस सयम से ही नाबालिक बेटी को बाल कारागृह भेज दिया गया था. वहीं पति की हत्या की आरोपी बर्फी देवी को ट्रायल चलने तक भरतपुर जेल में रखा गया.

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जज महेंद्र कुमार ने सुनाई सजाः लंबे अनुसंधान के बाद बुधवार को मामले में अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश महेंद्र कुमार डाबी ने सुनवाई करते हुए अपना फैसला दिया. जिसमें एक्ट 207/ 34 में 7 वर्ष की सजा सुनाई और 5 हजार अर्थदंड से दंडित किया. इसी प्रकार हत्या के मामले में धारा 302 के तहत बर्फी देवी को न्यायाधीश महेंद्र कुमार ने आजीवन कारावास व 10 हजार रुपए जुर्माना से दंडित किया. महिला को सजा सुनाए जाने के बाद भरतपुर जेल भेज दिया गया. इस पूरे मामले में राज्य सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक दिलीप सिंह राजावत ने पैरवी की और दोषी महिला को सजा दिलवाई.सजा सुनाए जाने के बाद जिस किसी ने भी इस पूरे घटनाक्रम के बारे में सुना वही पति-पत्नी के रिश्तों को कोसता नजर आया.

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