सवाईमाधोपुर. पिछले दिनों रणथंभौर पर्यटन क्षेत्र के जोन-5 क्षेत्र से बाघिन टी-102 को रामगढ़ विषधारी शिफ्ट किए जाने को लेकर पर्यटन से जुड़े लोगों, एनजीओ और आमजन ने विरोध जताया गया है. इसे लेकर लोगों ने उपवन संरक्षक (प्रथम) को रणथंभौर बाघ परियोजना को ज्ञापन सौंपते हुए आगे से बाघों की शिफ्टिंग नहीं करने की मांग की है. इसके साथ ही ऐसा न करने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है.
लोगों का कहना है कि भविष्य में रणथंभौर के ट्यूरिज्म एरिया के टाइगर को किसी अन्य स्थान पर शिफ्ट (Ranthambore Tiger Reserve) नहीं किया जाना चाहिए. क्योंकि स्थानीय लोगों की रोजी-रोटी पर्यटन से ही जुड़ी है. यदि पर्यटन क्षेत्र के बाघ शिफ्ट किए जाएंगे तो इससे स्थानीय लोगों पर बुरा असर पड़ेगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यदि पर्यटन जोन से बाघ को शिफ्ट किया गया तो आंदोलन किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी वन विभाग की होगी.
ट्यूरिज्म क्षेत्र के बाघों को शिफ्ट करने का विरोध : ज्ञापन में बताया कि यदि भविष्य में रणथंभौर से बाघ अन्यत्र टाइगर रिजर्व में शिफ्ट किए जाते हैं, तो वह नॉन ट्यूरिज्म एरिया का होना चाहिए. साथ ही एक स्थानीय कमेटी बनाकर लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए तथा लोकल एडवाइजर कमेटी में शामिल किया जाए. जब भी कोई टाइगर शिफ्ट किया जाए तो कमेटी में जुड़े एनजीओ संस्था सदस्य, पर्यटन से जुड़े सदस्यों से भी राय ली जाए.
उन्होंने कहा कि यदि भविष्य में टयूरिज्म जोन का कोई भी बाघ भेजा जाएगा तो इसके विरोध में आंदोलन किया जाएगा. ज्ञापन देने वालों में रणथंभौर जंगल सफारी व्हीकल ओनर्स यूनियन, रणथंभौर ड्राइवर एसोसिएशन, रणथंभौर नेचर गाइड एसोसिएशन, पथिक लोक सेवा समिति, रणथंभौर बाघ संरक्षण एवं ग्रामीण विकास समिति, रणथंभौर होटल एसोसिएशन, रणथंभौर ट्रैवल एजेंट एसोसिएशन एवं समस्त रणथंभौर बाघ संघर्ष समिति सवाई माधोपुर के सदस्य शामिल रहे.