सवाई माधोपुर. गांव गढ़ी के 49 परिवारों में से 44 परिवारों के लैण्ड पैकेज लेने और 5 परिवारों के कैश पैकेज लेने पर उन्हें विस्थापित किया गया है. रणथम्भौर कोर एरिया से अब तक आधा दर्जन गांवों को विस्थापित किया जा चुका है.
रणथम्भौर के मुख्य संरक्षक एवं क्षेत्र निदेशक टीसी वर्मा ने बताया कि रणथम्भौर बाघ परियोजना में स्वैच्छिक ग्राम विस्थापन योजना के अंतर्गत कैम्प फंडिंग से वर्ष 2016-17 में रेंज तालड़ा स्थित ग्राम गढ़ी में विस्थापन कार्य शुरु किया गया. सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार ग्राम गढ़ी में कुल 49 परिवार थे, जिनमें से पांच परिवारों ने विकल्प एक कैश पैकेज और 44 परिवारों ने विकल्प दो लैण्ड पैकेज में विस्थापन के लिए अपनी सहमति दी थी.
लैण्ड पैकेज में विस्थापित 44 परिवारों में से 27 परिवार आनंदीपुर एवं गिर्राज पुरा (आमली) तथा 17 परिवार गणेशनगर (खण्डार) में बसाए गए हैं. शेष पांच परिवारों को कैश पैकेज देकर विस्थापित किया गया है. इससे पूर्व रणथम्भौर टाइगर रिजर्व के कोर एरिया से वर्ष 2008-09 में इण्डाला, 2010-11 में पादड़ा, 2012-13 में मोरडूंगरी एवं भिड़ तथा वर्ष 2014-15 में ग्राम कठूली को विस्थापित किया गया है.
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इस प्रकार लगभग छह वर्ष बाद एक और गांव गढ़ी को विस्थापित कर सफलता हासिल की है. उप वन संरक्षक (विस्थापन) संजीव शर्मा ने गढ़ी ग्राम, आनंदीपुर (आमली) एवं गणेशपुर (खण्डार) का नियमित दौरा किया तथा विस्थापित होने वाले परिवारों से लगातार संवाद कर उनमें उनमें विश्वास कायम करते हुए विस्थापन के लिए प्रेरित किया.
इस कार्य में विस्थापन रेंज के स्टाफ एवं सम्बन्धित रेंजों के स्टाफ ने विस्थापित होने वाले परिवारों के लिए कृषि एवं आवासीय भूमि समतलीकरण, कृषि सिंचाई के लिए बोरिंग व्यवस्था, अस्थायी आवास के लिए टेंट आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने में योगदान दिया.