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हमारी कोई कमेटी सरकार से बात नहीं करेगी...जो होगा पटरी पर ही होगा-कर्नल बैंसला के पुत्र विजय

पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने वार्ता के लिए पहले देवनारायण मंदिर तय किया था, लेकिन गुर्जरों ने उन्हें धरनास्थल पर ही आने को कहा. ऐसे में विश्वेन्द्र सिंह कमेटी के अन्य सदस्यों के साथ कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला से धरनास्थल पर ही पहुंचे.

फोटोः विजय बैंसला
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Published : Feb 9, 2019, 8:59 PM IST

सवाईमाधोपुर. मलारना डूंगर की पटरियों पर धरना देकर बैठे गुर्जरों से वार्ता सरकार की पहले दौर की वार्ता विफल रही. गहलोत सरकार में मंत्री विश्वेन्द्र सिंह धरनास्थल पर आईएएस नीरज के पवन और आईजी भूपेन्द्र साहू के साथ वहां पहुंचे थे. उन्होंने गुर्जरों को कुछ सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल बनाकर बिन्दूवार वार्ता करने का निवेदन किया था लेकिन बैंसला ने अब किसी भी वार्ता से इनकार कर दिया है.

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पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने वार्ता के लिए पहले देवनारायण मंदिर तय किया था, लेकिन गुर्जरों ने उन्हें धरनास्थल पर ही आने को कहा. ऐसे में विश्वेन्द्र सिंह कमेटी के अन्य सदस्यों के साथ कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला से धरनास्थल पर ही पहुंचे. वहां करीब आधा घंटा दोनों तरफ से बातचीत की गई. रोष की स्थिती देखते हुए मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने माइक संभाला और सरकार का पक्ष रखते हुए वार्ता के लिए कमेटी भेजने का आग्रह किया.

विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि वे खुद कई आन्दोलनों का हिस्सा रहे हैं इसलिए इसकी पीड़ा को वे समझते हैं. उन्होंने कहा कि निवेदन करने आए हैं कि उनके पास सरकार का जो पक्ष है उसे रखने के लिए किसी अन्य स्थल का चुनाव किया जाए जहां गुर्जर समाज के प्रतिनिधिमंडल के साथ तमाम बिन्दूओं पर चर्चा हो सके. गुर्जरों की तीन प्रमुख मांगों से सरकार पहले से अवगत है लेकिन मांगो को कब तक पूरा किया जा सकता है या उसमें आ रही अड़चन है को लेकर सुझाव गुर्जर समाज देना चाहे, ऐसे कई महत्वपूर्ण बिन्दू है जिनपर सरकार आपसे चर्चा करना चाहती है.

उन्होंने कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला से निवेदन किया कि आप एक प्रतिनिधिमंडल तैयार कर भेजें जिनके सामने हम अपना पक्ष रखें. क्योंकि सरकार वादा खिलाफी नहीं चाहती और जो भी पक्ष है खुलकर समाज के सामने रखना चाहती है लेकिन इसके लिए एक शांतिपूर्ण माहौल में ही चर्चा संभव है. विश्वेन्द्र सिंह ने जयपुर में और गुर्जर समाज की किसी भी मनपसंद जगह पर वार्ता का सुझाव भी दिया.

कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने दो टूक शब्दों कहा कि हम वार्ता के लिए कहीं नहीं जाने वाले, आप यहां आए आपका धन्यवाद...आपको बहुत-बहुत सम्मान. उन्होंने कहा कि गुर्जरों को 14 साल से न्याय नहीं मिला है. सवर्ण आरक्षण की तर्ज पर हमारे समाज को भी आरक्षण दिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि हम सिर्फ इंसाफ चाहते हैं. इसके लिए न वे जयपुर जाएंगे और ना ही किसी की बातों में आएंगे.

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कांग्रेस को विश्वासघात का सबक सिखाएगा गुर्जर समाजः विजय बैंसला
वार्ता से पहले कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के पुत्र विजय बैंसला ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि कांग्रेस ने पावर में आने से पहले अपने मेनिफेस्टो में गुर्जर समाज को आरक्षण देने की बात कही थी और अब जब उनकी सरकार पावर में है तो वह अपने मेनिफेस्टो में किए गए जिक्र से ही मुकर रही है. विजय बैंसला ने कहा या तो कांग्रेस सरकार यह मान ले कि मेनिफेस्टो में किया गया जिक्र उनकी गलती था और यदि यह नहीं मानती है तो फिर गुर्जर समाज के साथ कांग्रेस सरकार ने जो विश्वासघात किया है उसका खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहे.

गौरतलब है कि शुक्रवार से कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के आह्वान पर गुर्जर समाज के लोग आन्दोलन पर हैं. बैंसला ने गहलोत सरकार को दिए अल्टिमेटम खत्म होने के बाद मलारना डूंगर में महापंचायत की और उसके बाद रेलवे ट्रेक पर कब्जा जमा लिया. तब से प्रदेश के कई हिस्सों में आंदोलन का खासा असर देखने को मिला है. शुक्रवार देर रात कई दर्जन रेलगाड़ियों को डायवर्ट कर दिया गया वहीं कई रद्द की गई.

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सवाईमाधोपुर. मलारना डूंगर की पटरियों पर धरना देकर बैठे गुर्जरों से वार्ता सरकार की पहले दौर की वार्ता विफल रही. गहलोत सरकार में मंत्री विश्वेन्द्र सिंह धरनास्थल पर आईएएस नीरज के पवन और आईजी भूपेन्द्र साहू के साथ वहां पहुंचे थे. उन्होंने गुर्जरों को कुछ सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल बनाकर बिन्दूवार वार्ता करने का निवेदन किया था लेकिन बैंसला ने अब किसी भी वार्ता से इनकार कर दिया है.

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पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने वार्ता के लिए पहले देवनारायण मंदिर तय किया था, लेकिन गुर्जरों ने उन्हें धरनास्थल पर ही आने को कहा. ऐसे में विश्वेन्द्र सिंह कमेटी के अन्य सदस्यों के साथ कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला से धरनास्थल पर ही पहुंचे. वहां करीब आधा घंटा दोनों तरफ से बातचीत की गई. रोष की स्थिती देखते हुए मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने माइक संभाला और सरकार का पक्ष रखते हुए वार्ता के लिए कमेटी भेजने का आग्रह किया.

विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि वे खुद कई आन्दोलनों का हिस्सा रहे हैं इसलिए इसकी पीड़ा को वे समझते हैं. उन्होंने कहा कि निवेदन करने आए हैं कि उनके पास सरकार का जो पक्ष है उसे रखने के लिए किसी अन्य स्थल का चुनाव किया जाए जहां गुर्जर समाज के प्रतिनिधिमंडल के साथ तमाम बिन्दूओं पर चर्चा हो सके. गुर्जरों की तीन प्रमुख मांगों से सरकार पहले से अवगत है लेकिन मांगो को कब तक पूरा किया जा सकता है या उसमें आ रही अड़चन है को लेकर सुझाव गुर्जर समाज देना चाहे, ऐसे कई महत्वपूर्ण बिन्दू है जिनपर सरकार आपसे चर्चा करना चाहती है.

उन्होंने कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला से निवेदन किया कि आप एक प्रतिनिधिमंडल तैयार कर भेजें जिनके सामने हम अपना पक्ष रखें. क्योंकि सरकार वादा खिलाफी नहीं चाहती और जो भी पक्ष है खुलकर समाज के सामने रखना चाहती है लेकिन इसके लिए एक शांतिपूर्ण माहौल में ही चर्चा संभव है. विश्वेन्द्र सिंह ने जयपुर में और गुर्जर समाज की किसी भी मनपसंद जगह पर वार्ता का सुझाव भी दिया.

कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने दो टूक शब्दों कहा कि हम वार्ता के लिए कहीं नहीं जाने वाले, आप यहां आए आपका धन्यवाद...आपको बहुत-बहुत सम्मान. उन्होंने कहा कि गुर्जरों को 14 साल से न्याय नहीं मिला है. सवर्ण आरक्षण की तर्ज पर हमारे समाज को भी आरक्षण दिया जा सकता है. उन्होंने कहा कि हम सिर्फ इंसाफ चाहते हैं. इसके लिए न वे जयपुर जाएंगे और ना ही किसी की बातों में आएंगे.

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कांग्रेस को विश्वासघात का सबक सिखाएगा गुर्जर समाजः विजय बैंसला
वार्ता से पहले कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के पुत्र विजय बैंसला ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि कांग्रेस ने पावर में आने से पहले अपने मेनिफेस्टो में गुर्जर समाज को आरक्षण देने की बात कही थी और अब जब उनकी सरकार पावर में है तो वह अपने मेनिफेस्टो में किए गए जिक्र से ही मुकर रही है. विजय बैंसला ने कहा या तो कांग्रेस सरकार यह मान ले कि मेनिफेस्टो में किया गया जिक्र उनकी गलती था और यदि यह नहीं मानती है तो फिर गुर्जर समाज के साथ कांग्रेस सरकार ने जो विश्वासघात किया है उसका खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहे.

गौरतलब है कि शुक्रवार से कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के आह्वान पर गुर्जर समाज के लोग आन्दोलन पर हैं. बैंसला ने गहलोत सरकार को दिए अल्टिमेटम खत्म होने के बाद मलारना डूंगर में महापंचायत की और उसके बाद रेलवे ट्रेक पर कब्जा जमा लिया. तब से प्रदेश के कई हिस्सों में आंदोलन का खासा असर देखने को मिला है. शुक्रवार देर रात कई दर्जन रेलगाड़ियों को डायवर्ट कर दिया गया वहीं कई रद्द की गई.

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Intro:सवाई माधोपुर
आरक्षण की मांग को लेकर रेलवे ट्रैक पर बैठे गुर्जर समाज के लोगों में सरकार के प्रति रोष बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के पुत्र विजय बैंसला ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि सरकार का प्रतिनिधि मंडल वार्ता के लिए मलारना डूंगर आ रहा है। प्रतिनिधि मंडल द्वारा वार्ता के लिए उन्हें प्रदर्शन स्थल से दूसरी जगह बुलाया जा रहा है लेकिन गुर्जर समाज के लोग यही चाहते हैं कि वार्ता रेलवे ट्रैक पर ही हो। जिसके चलते सरकार के प्रतिनिधि मंडल को वार्ता के लिए रेलवे ट्रैक पर ही आने की अपील गुर्जर समाज द्वारा की गई है। साथ ही विजय बैंसला ने कहा कि यदि महज आश्वासन देने के लिए ही सरकार का प्रतिनिधि मंडल प्रदर्शन स्थल पर आ रहा है तो वह हमारे साथ बैठे, चाय पिए, कुछ वक्त बिताएं और आंदोलन को बढ़ता हुआ देखे।


Body:मेनिफेस्टो में आरक्षण देने का जिक्र करने के बाद किया जा रहा विश्वासघात

कर्नल बैंसला के बेटे विजय बैसला ने कहा कि कांग्रेस ने पावर में आने से पहले अपने मेनिफेस्टो में गुर्जर समाज को आरक्षण देने की बात कही थी और अब जब उनकी सरकार पावर में है तो वह अपने मेनिफेस्टो में किए गए जिक्र से ही मुकर रही है। विजय बैंसला ने कहा या तो कांग्रेस सरकार यह मान ले कि मेनिफेस्टो में किया गया जिक्र उनकी गलती था और यदि यह नहीं मानती है तो फिर गुर्जर समाज के साथ कांग्रेस सरकार ने जो विश्वासघात किया है उसका खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहे।


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