सवाई माधोपुर. प्रदेश भर में हो रहे गुर्जर आरक्षण आंदोलन की आग थमने का नाम नहीं ले रही है. ऐसे में मंगलवार को मध्य प्रदेश और राजस्थान को जोड़ने वाले श्योपुर स्टेट हाईवे पर दिन के करीब 3 बजे गुर्जर समाज के लोगों ने जाम लगा दिया.
इस दौरान गुर्जर समाज की पंचायत तलवाड़ा गांव में आयोजित की गई. जहां सामूहिक रूप से गुर्जर समाज ने निर्णय लिया. उसके बाद कुशालपुरा धरा के पास सुपर स्टेट हाईवे पर जाम लगा दिया. ऐसे में अचानक इन रास्तों से गुजरने वाले गाड़ियों के पहिए थम गए. साथ ही भारी संख्या में यात्रियों को परेशानियां झेलनी पड़ी. वहीं सवारी बसों के बंद होने से बच्चों, बुजुर्गों इत्यादि को पैदल ही सफर तय करना पड़ रहा है. बता दें कि जाम लगने के करीब 2 घंटे बाद भी जिला प्रशासनिक अधिकारियों ने जाम लगने वाले क्षेत्र की कोई सुध नहीं ली.
पंचायत में गुर्जर समाज का कहना है कि जिस प्रकार से सवर्णों के लिए सरकार ने 7 दिन के अंदर 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था कर दी है. उसी प्रकार गुर्जर जाति को भी अपने हक का 5 प्रतिशत आरक्षण सरकार तत्काल दे. अन्यथा आरक्षण देने तक गुर्जर समाज अपनी मांग पर अड़ा रहेगा. साथ ही कहा कि आरक्षण नहीं मिलने तक इसी प्रकार जाम लगा रहेगा.
ऐसे में अब पैदल चलने वाले राहगीरों और अस्त-व्यस्त हो रहे जीवन के बारे में सरकार को जल्द कदम उठाना चाहिए, जिससे की आम जनता को इस आरक्षण आंदोलन से राहत मिल सके. गौरतलब हो कि कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला 8 फरवरी को मलारना-डूंगर उपखंड के मकसूदन पुरा में महापंचायत कर वहीं से आंदोलन की हुंकार भरी थी, जिसके बाद खुद बैंसला चौथे दिन भी मलारना-डूंगर रेलवे स्टेशन से करीब 2 किलोमीटर दिल्ली की ओर जाने वाली रेलवे ट्रैक पर लगातार जमे हुए हैं.
आपको बता दें इस ट्रैक से गुजरने वाली करीब 80 मालवाहक रेलगाड़ियां और करीब 2 दर्जन से अधिक सवारी गाड़ियों को रायगढ़ के रास्ते गुजारना पड़ रहा है. इस आंदोलन के चलते अब दिल्ली की ओर से आने वाली गाड़ियां डाइवर्ट की गई हैं. इसी प्रकार मुंबई में जयपुर और जयपुर से नेपाल जाने वाली गाड़ियां दिल्ली की ओर नहीं जा पा रही हैं. ऐसे में दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पूरी तरह बंद है. बैंसला ने अपने आंदोलनकारियों से यह भी कहा कि आंदोलन पूर्ण तरीके से शांति के साथ किया जाएगा. किसी भी प्रकार से कोई भी सरकारी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा. किसी भी प्रकार की छेड़खानी आंदोलन के दौरान किसी के साथ नहीं हो.
ऐसे में फिलहाल इन 4 दिनों में इस प्रकार की कोई भी घटना आंदोलनकारियों द्वारा करना सामने नहीं आया और शांतिपूर्ण तरीके से चौथे दिन भी आंदोलन का रेलवे ट्रैक पर जमे हुए हैं. अब देखने वाली बात यह है कि जिस प्रकार गुर्जर आरक्षण के चलते आए दिन हो रहे विभिन्न मार्गों पर जाम और बढ़ती हुई लोगों की दुविधा को सरकार अमल में लाती है. देश की जनता को इस आंदोलन से कब छुटकारा दिला पाती है. यह तो केंद्र व राज्य सरकार की कार्यप्रणाली अमल में लाने के बाद ही कहा जा सकता है. फिलहाल गुर्जर समाज अपनी 5 प्रतिशत आरक्षण लेने की मांग पर ही आड़ा बैठा हुआ है. साफ शब्दों में गुर्जर समाज का कहना है कि कोई समझौता वार्ता नहीं सिर्फ सरकार 5 प्रतिशत आरक्षण का नोटिफिकेशन रेलवे ट्रैक पर लाकर दे. तभी समाज की मांग पूरी होने पर जाम हटाएगा.