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सवाईमाधोपुर: पोक्सो स्पेशल कोर्ट में पेश हुए डीजीपी कपिल गर्ग... ये था पूरा मामला - डीजीपी कपिल गर्ग

सवाईमाधोपुर में पोक्सो स्पेशल कोर्ट में डीजीपी कपिल गर्ग पेश हुए. विशेष न्यायालय पोक्सो द्वारा जारी न्यायालय की अवमानना मामले में ये पेशी हुई.

पोक्सो स्पेशल कोर्ट में पेश हुए डीजीपी कपिल गर्ग
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Published : Apr 24, 2019, 4:45 AM IST

सवाईमाधोपुर. विशेष न्यायालय पोक्सो द्वारा जारी न्यायालय की अवमानना मामले में आदेशों के मद्देनजर राज्य के पुलिस महानिदेशक कपिल गर्ग, एडीजी क्राइम बी एल सोनी, पुलिस अधीक्षक सवाईमाधोपुर समीर कुमार सिंह, पुलिस उपाधीक्षक एससी/एसटी सुनील प्रसाद शर्मा की मंगलवार को सवाई माधोपुर विशेष न्यायालय पोक्सो कोर्ट में पेश हुए.

इस दौरान न्यायालय ने पुलिस अधिकारियों के न्यायालय का सम्मान नहीं करने पर खेद जताते हुए नाराजगी व्यक्त की. इस पर पुलिस महानिदेशक ने कोर्ट में सफाई भी दी. न्यायालय पोक्सो ने उच्च न्यायालय के विपरित आदेश पारित नहीं करने के आदेश देने पर पुलिस अधिकारियों को 27 मई को पेश होने के निर्देश दिए है.

पोक्सो स्पेशल कोर्ट में पेश हुए डीजीपी कपिल गर्ग

सेल्यूट और पुलिस केप नहीं पहनने पर कोर्ट ने जताई नाराजगी
जानकारी के अनुसार न्यायालय पोक्सो के आदेश के बाद पुलिस महानिदेशक कपिल गर्ग, एडीजी क्राइम बीएल सोनी, पुलिस अधीक्षक सवाईमाधोपुर व डीवाईएसपी एससी/एसटी सेल न्यायालय पोक्सो में पेश हुए. इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने सेल्यूट नहीं किया. वहीं पुलिस महानिदेशक ने केप भी नहीं पहनी. इस पर न्यायालय ने नाराजगी जताते हुए खेद व्यक्त किया. लंच बाद चारों पुलिस अधिकारी न्यायालय चेम्बर में पेश हुए तब पीठासीन अधिकारी के आने पर पुलिस अधिकारियों ने न्यायालय के प्रति सम्मान नहीं दर्शाया, ना ही सेल्यूट किया.

पुलिस महानिदेशक ने न्यायालय में बैठे होने के बावजूद भी खड़े होकर और केप लगाकर कोई सम्मान दर्शाना उचित नहीं समझा. इस पर पुलिस महानिदेशक ने न्यायालय को बताया कि मुझे पीठासीन अधिकारी के न्यायालय में आने की जानकारी नहीं हो पाई थी. क्योंकि ऐसी कोई घोषणा नहीं हुई थी. ऐसे में वे न्यायालय के प्रति सम्मान प्रदर्शित नहीं कर पाए थे. वहीं केप पहनने को लेकर पुलिस महानिदेशक का कथन था कि पुलिस अधिकारियों के लिए किसी छत के नीचे खड़े होने की स्थिति में केप पहनना आवश्यक नहीं है.

हालांकि जब चारों अधिकारी न्यायालय में पेश हुए उस वक्त पुलिस महानिदेशक को छोड़कर एडीजी क्राइम, पुलिस अधीक्षक व पुलिस उपाधीक्षक एससी/एसटी सेल ने केप पहन रखी थी. हाईकोर्ट द्वारा एसबी क्रिमिनल मिसलेनियस एप्लीकेशन संख्या 199/2019 में 22 अप्रेल 2019 को पारित आदेश में न्यायालय पोक्सो को 23 अप्रेल को पुलिस अधिकारियों के व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में पेश होने पर औपचारिक आदेश पारित करने की स्वतंत्रता दी. उल्लेखनीय है कि न्यायालय पोक्सो ने 7 फरवरी 2019 को दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए लिखा था. जिसे पुलिस अधिकारियों ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी.

इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने उच्च न्यायालय में बताया कि प्रकरण उच्च न्यायालय में लंबित है. इस कारण न्यायालय के आदेशों की पालना नहीं हो पाई है. यह न्यायालय की अवमानना नहीं है. न्यायालय का अवमानना नोटिस निरस्त किया जाए. न्यायालय पोक्सो ने माना कि मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन होने से न्यायालय द्वारा आदेश पारित किया जाना उचित नहीं है. इस सम्बन्ध में आगामी आदेश पारित होने तक विचार किया जाएगा. इस पर न्यायालय पोक्सो ने उच्च न्यायालय के विपरित आदेश पारित नहीं करने के आदेश देने पर पुलिस अधिकारियों को कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए है.

मामले के अनुसार सवाई माधोपुर की पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के प्रयास के मामले में एफआईआर दर्ज नहीं होने की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने के लिए डीजीपी को मामला भेजा था. लेकिन, डीजीपी ने कार्रवाई करने की बजाय मूल पत्रावली ही स्थानीय थाने को भेज दी. इस पर हाईकोर्ट ने डीजीपी सहित अन्य अधिकारियों को पोक्सो कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए थे.

सवाईमाधोपुर. विशेष न्यायालय पोक्सो द्वारा जारी न्यायालय की अवमानना मामले में आदेशों के मद्देनजर राज्य के पुलिस महानिदेशक कपिल गर्ग, एडीजी क्राइम बी एल सोनी, पुलिस अधीक्षक सवाईमाधोपुर समीर कुमार सिंह, पुलिस उपाधीक्षक एससी/एसटी सुनील प्रसाद शर्मा की मंगलवार को सवाई माधोपुर विशेष न्यायालय पोक्सो कोर्ट में पेश हुए.

इस दौरान न्यायालय ने पुलिस अधिकारियों के न्यायालय का सम्मान नहीं करने पर खेद जताते हुए नाराजगी व्यक्त की. इस पर पुलिस महानिदेशक ने कोर्ट में सफाई भी दी. न्यायालय पोक्सो ने उच्च न्यायालय के विपरित आदेश पारित नहीं करने के आदेश देने पर पुलिस अधिकारियों को 27 मई को पेश होने के निर्देश दिए है.

पोक्सो स्पेशल कोर्ट में पेश हुए डीजीपी कपिल गर्ग

सेल्यूट और पुलिस केप नहीं पहनने पर कोर्ट ने जताई नाराजगी
जानकारी के अनुसार न्यायालय पोक्सो के आदेश के बाद पुलिस महानिदेशक कपिल गर्ग, एडीजी क्राइम बीएल सोनी, पुलिस अधीक्षक सवाईमाधोपुर व डीवाईएसपी एससी/एसटी सेल न्यायालय पोक्सो में पेश हुए. इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने सेल्यूट नहीं किया. वहीं पुलिस महानिदेशक ने केप भी नहीं पहनी. इस पर न्यायालय ने नाराजगी जताते हुए खेद व्यक्त किया. लंच बाद चारों पुलिस अधिकारी न्यायालय चेम्बर में पेश हुए तब पीठासीन अधिकारी के आने पर पुलिस अधिकारियों ने न्यायालय के प्रति सम्मान नहीं दर्शाया, ना ही सेल्यूट किया.

पुलिस महानिदेशक ने न्यायालय में बैठे होने के बावजूद भी खड़े होकर और केप लगाकर कोई सम्मान दर्शाना उचित नहीं समझा. इस पर पुलिस महानिदेशक ने न्यायालय को बताया कि मुझे पीठासीन अधिकारी के न्यायालय में आने की जानकारी नहीं हो पाई थी. क्योंकि ऐसी कोई घोषणा नहीं हुई थी. ऐसे में वे न्यायालय के प्रति सम्मान प्रदर्शित नहीं कर पाए थे. वहीं केप पहनने को लेकर पुलिस महानिदेशक का कथन था कि पुलिस अधिकारियों के लिए किसी छत के नीचे खड़े होने की स्थिति में केप पहनना आवश्यक नहीं है.

हालांकि जब चारों अधिकारी न्यायालय में पेश हुए उस वक्त पुलिस महानिदेशक को छोड़कर एडीजी क्राइम, पुलिस अधीक्षक व पुलिस उपाधीक्षक एससी/एसटी सेल ने केप पहन रखी थी. हाईकोर्ट द्वारा एसबी क्रिमिनल मिसलेनियस एप्लीकेशन संख्या 199/2019 में 22 अप्रेल 2019 को पारित आदेश में न्यायालय पोक्सो को 23 अप्रेल को पुलिस अधिकारियों के व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में पेश होने पर औपचारिक आदेश पारित करने की स्वतंत्रता दी. उल्लेखनीय है कि न्यायालय पोक्सो ने 7 फरवरी 2019 को दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए लिखा था. जिसे पुलिस अधिकारियों ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी.

इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने उच्च न्यायालय में बताया कि प्रकरण उच्च न्यायालय में लंबित है. इस कारण न्यायालय के आदेशों की पालना नहीं हो पाई है. यह न्यायालय की अवमानना नहीं है. न्यायालय का अवमानना नोटिस निरस्त किया जाए. न्यायालय पोक्सो ने माना कि मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन होने से न्यायालय द्वारा आदेश पारित किया जाना उचित नहीं है. इस सम्बन्ध में आगामी आदेश पारित होने तक विचार किया जाएगा. इस पर न्यायालय पोक्सो ने उच्च न्यायालय के विपरित आदेश पारित नहीं करने के आदेश देने पर पुलिस अधिकारियों को कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए है.

मामले के अनुसार सवाई माधोपुर की पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के प्रयास के मामले में एफआईआर दर्ज नहीं होने की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने के लिए डीजीपी को मामला भेजा था. लेकिन, डीजीपी ने कार्रवाई करने की बजाय मूल पत्रावली ही स्थानीय थाने को भेज दी. इस पर हाईकोर्ट ने डीजीपी सहित अन्य अधिकारियों को पोक्सो कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए थे.

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सवाईमाधोपुर. विशेष न्यायालय पोक्सो द्वारा जारी न्यायालय की अवमानना मामले में आदेशों के मद्देनजर राज्य के पुलिस महानिदेशक कपिल गर्ग, एडीजी क्राइम बी एल सोनी, पुलिस अधीक्षक सवाईमाधोपुर समीर कुमार सिंह, पुलिस उपाधीक्षक एससी/एसटी सुनील प्रसाद शर्मा की मंगलवार को सवाई माधोपुर विशेष न्यायालय पोक्सो कोर्ट में पेश हुए.

इस दौरान न्यायालय ने पुलिस अधिकारियों के न्यायालय का सम्मान नहीं करने पर खेद जताते हुए नाराजगी व्यक्त की. इस पर पुलिस महानिदेशक ने कोर्ट में सफाई भी दी. न्यायालय पोक्सो ने उच्च न्यायालय के विपरित आदेश पारित नहीं करने के आदेश देने पर पुलिस अधिकारियों को 27 मई को पेश होने के निर्देश दिए है.

सेल्यूट और पुलिस केप नहीं पहनने पर कोर्ट ने जताई नाराजगी

जानकारी के अनुसार न्यायालय पोक्सो के आदेश के बाद पुलिस महानिदेशक कपिल गर्ग, एडीजी क्राइम बीएल सोनी, पुलिस अधीक्षक सवाईमाधोपुर व डीवाईएसपी एससी/एसटी सेल न्यायालय पोक्सो में पेश हुए. इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने सेल्यूट नहीं किया. वहीं पुलिस महानिदेशक ने केप भी नहीं पहनी. इस पर न्यायालय ने नाराजगी जताते हुए खेद व्यक्त किया. लंच बाद चारों पुलिस अधिकारी न्यायालय चेम्बर में पेश हुए तब पीठासीन अधिकारी के आने पर पुलिस अधिकारियों ने न्यायालय के प्रति सम्मान नहीं दर्शाया, ना ही सेल्यूट किया.

पुलिस महानिदेशक ने न्यायालय में बैठे होने के बावजूद भी खड़े होकर और केप लगाकर कोई सम्मान दर्शाना उचित नहीं समझा. इस पर पुलिस महानिदेशक ने न्यायालय को बताया कि मुझे पीठासीन अधिकारी के न्यायालय में आने की जानकारी नहीं हो पाई थी.  क्योंकि ऐसी कोई घोषणा नहीं हुई थी. ऐसे में वे न्यायालय के प्रति सम्मान प्रदर्शित नहीं कर पाए थे. वहीं केप पहनने को लेकर पुलिस महानिदेशक का कथन था कि पुलिस अधिकारियों के लिए किसी छत के नीचे खड़े होने की स्थिति में केप पहनना आवश्यक नहीं है.

हालांकि जब चारों अधिकारी न्यायालय में पेश हुए उस वक्त पुलिस महानिदेशक को छोड़कर एडीजी क्राइम, पुलिस अधीक्षक व पुलिस उपाधीक्षक एससी/एसटी सेल ने केप पहन रखी थी. हाईकोर्ट द्वारा एसबी क्रिमिनल मिसलेनियस एप्लीकेशन संख्या 199/2019 में 22 अप्रेल 2019 को पारित आदेश में न्यायालय पोक्सो को 23 अप्रेल को पुलिस अधिकारियों के व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में पेश होने पर औपचारिक आदेश पारित करने की स्वतंत्रता दी. उल्लेखनीय है कि न्यायालय पोक्सो ने 7 फरवरी 2019 को दोषी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए लिखा था. जिसे पुलिस अधिकारियों ने उच्च न्यायालय में चुनौती दी.

इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने उच्च न्यायालय में बताया कि प्रकरण उच्च न्यायालय में लंबित है. इस कारण न्यायालय के आदेशों की पालना नहीं हो पाई है. यह न्यायालय की अवमानना नहीं है. न्यायालय का अवमानना नोटिस निरस्त किया जाए. न्यायालय पोक्सो ने माना कि मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन होने से न्यायालय द्वारा आदेश पारित किया जाना उचित नहीं है. इस सम्बन्ध में आगामी आदेश पारित होने तक विचार किया जाएगा. इस पर न्यायालय पोक्सो ने उच्च न्यायालय के विपरित आदेश पारित नहीं करने के आदेश देने पर पुलिस अधिकारियों को कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए है.

मामले के अनुसार सवाई माधोपुर की पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के प्रयास के मामले में एफआईआर दर्ज नहीं होने की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करने के लिए डीजीपी को मामला भेजा था. लेकिन, डीजीपी ने कार्रवाई करने की बजाय मूल पत्रावली ही स्थानीय थाने को भेज दी. इस पर हाईकोर्ट ने डीजीपी सहित अन्य अधिकारियों को पोक्सो कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए थे.






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