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Counting of Aquatic Creatures in Chambal: पालीघाट पर चम्बल नदी में जलीय जीवों की गणना शुरू

सवाईमाधोपुर जिले के पाली घाट में 28 जनवरी से 3 फरवरी तक डॉल्फिन, घड़ियाल, मगरमच्छ की गणना की जाएगी. सरकार के नए निर्देशों के अनुसार राष्ट्रीय चम्बल घड़ियाल अभ्यारण्य (National Chambal Gharial Sanctuary) अधिकारियों ने प्लान तैयार कर लिया है.

National Chambal Gharial Sanctuary
डॉल्फिन की गणना
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Published : Jan 29, 2022, 9:40 AM IST

Updated : Jan 29, 2022, 2:25 PM IST

सवाईमाधोपुर. सवाई के पालीघाट स्थित चम्बल नदी में डॉल्फिन सहित जलीय जीव घड़ियाल, मगरमच्छ की गणना (Counting Of Dolphins In Sawai Madhopur) शुक्रवार से शुरू हो गई है. इसके लिए राष्ट्रीय चम्बल घड़ियाल अभ्यारण्य में सात पाइंट बनाए गए हैं. सभी सात पाइंट पर दो-दो स्टाफ सदस्य के साथ एक विशेषज्ञ मौजूद रहेगा. गणना के बाद तीन फरवरी को राष्ट्रीय चम्बल घड़ियाल अधिकारियों की ओर से आंकड़े जारी किए जाएंगे.

धिरोली से घोड़ी कच्छ तक बने सात पाइंट: राष्ट्रीय चम्बल घड़ियाल अभ्यारण्य पालीघाट में धिरोली से घोड़ी कच्छ का क्षेत्र आता है. इस क्षेत्र में डॉल्फिन सहित जलीय जीव घड़ियाल, मगरमच्छ की गणना के लिए सात पाइंट बनाए गए हैं. चाकल से धिरोली, धिरोली से झरेल के बालाजी, झरेल के बालाजी से पालीघाट, पालीघाट से रामेश्वर, रामेश्वर से गढ़ी के हनुमान जी सहित सात पाइंट निर्धारित किए गए हैं. प्रत्येक पाइंट पर दो स्टाफ और एक विशेषज्ञ स्टाफ भी लगाए गए हैं, जो जलीय जीवों की गणना करेंगे.

पढ़ें- दूर देस से आए पंछी

केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने दिए थे आदेश: गत दिनों केन्द्रीय वन, पर्यावरण मंत्रालय ने वन क्षेत्र संरक्षण के साथ गंगा डॉल्फिन और अन्य वन्यजीवों के संरक्षण के लिए दिशा निर्देश जारी किए थे. इस संबंध में केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने फील्ड गाइड 2021-22 जारी करते हुए नए सिरे से गणना के लिए निगरानी प्रोटोकॉल बनाने के निर्देश दिए थे. इसके बाद अब राष्ट्रीय चम्बल घड़ियाल अभ्यारण्य (National Chambal Gharial Sanctuary) की ओर से डॉल्फिन की गिनती शुरू हो गई है.

पढ़ें- इस नन्हें पंछी में खूबियां तमाम, नाम है इंडियन स्कीमर...पूरा कुनबा पहुंचा धौलपुर

डॉल्फिन संरक्षण से होगा जलीय परिस्थितिकी तंत्र मजबूत: केन्द्र सरकार ने गाइडलाइन जारी कर कहा था कि डॉल्फिन के संरक्षण से भारत के सम्पूर्ण जलीय तंत्र और उस पर निर्भर लोगों का भला होगा. इसके साथ ही प्रकृति की बेहतर समझ को बढ़ावा मिलेगा. राजस्थान, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बंगाल, असम, पंजाब में डॉल्फिन की नए सिरे से गिनती के लिए पहली बार मानकीकृत निगरानी प्रोटोकॉल बनाया गया. इसके तहत अब राजस्थान में वन विभाग की ओर डॉल्फिन की गणना 28 जनवरी से 3 फरवरी तक की जाएगी. पिछली बार हुई डॉल्फिन गणना में राजस्थान में कुल 14 डॉल्फिन पाई गई थी.

सरकार की ओर से जारी डॉल्फिन संरक्षण के लिए नए प्रोटॉकाल और दिशा निर्देश के बाद सरकार के नए निर्देशानुसार एक्शन प्लान तैयार किया गया. जिले के पाली घाट स्थित चम्बल नदी (Counting Of Dolphins In Chambal River) में 28 जनवरी से 3 फरवरी तक डॉल्फिन सहित जलीय जीवों की गणना होगी. इसके लिए सात पाइंट बनाए गए है. प्रत्येक पाइंट पर दो स्टाफ और विशेषज्ञ स्टाफ भी लगाया गया है.

ऐसे होगी गणना: रणथंभौर चंबल घड़ियाल में जलीय जीवों की गणना शुरू हो गई है. डॉल्फिन सहित क्रोकोडाइल, मगरमच्छ आदि की गणना दो तरीके से होगी. नदी किनारे आए जलीय जीवों की फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी की जाएगी. इसके बाद नाव में सवार होकर नदी में घूम कर डॉल्फिन आदि जलीय जीवों की गणना होगी.

सवाईमाधोपुर. सवाई के पालीघाट स्थित चम्बल नदी में डॉल्फिन सहित जलीय जीव घड़ियाल, मगरमच्छ की गणना (Counting Of Dolphins In Sawai Madhopur) शुक्रवार से शुरू हो गई है. इसके लिए राष्ट्रीय चम्बल घड़ियाल अभ्यारण्य में सात पाइंट बनाए गए हैं. सभी सात पाइंट पर दो-दो स्टाफ सदस्य के साथ एक विशेषज्ञ मौजूद रहेगा. गणना के बाद तीन फरवरी को राष्ट्रीय चम्बल घड़ियाल अधिकारियों की ओर से आंकड़े जारी किए जाएंगे.

धिरोली से घोड़ी कच्छ तक बने सात पाइंट: राष्ट्रीय चम्बल घड़ियाल अभ्यारण्य पालीघाट में धिरोली से घोड़ी कच्छ का क्षेत्र आता है. इस क्षेत्र में डॉल्फिन सहित जलीय जीव घड़ियाल, मगरमच्छ की गणना के लिए सात पाइंट बनाए गए हैं. चाकल से धिरोली, धिरोली से झरेल के बालाजी, झरेल के बालाजी से पालीघाट, पालीघाट से रामेश्वर, रामेश्वर से गढ़ी के हनुमान जी सहित सात पाइंट निर्धारित किए गए हैं. प्रत्येक पाइंट पर दो स्टाफ और एक विशेषज्ञ स्टाफ भी लगाए गए हैं, जो जलीय जीवों की गणना करेंगे.

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केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने दिए थे आदेश: गत दिनों केन्द्रीय वन, पर्यावरण मंत्रालय ने वन क्षेत्र संरक्षण के साथ गंगा डॉल्फिन और अन्य वन्यजीवों के संरक्षण के लिए दिशा निर्देश जारी किए थे. इस संबंध में केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने फील्ड गाइड 2021-22 जारी करते हुए नए सिरे से गणना के लिए निगरानी प्रोटोकॉल बनाने के निर्देश दिए थे. इसके बाद अब राष्ट्रीय चम्बल घड़ियाल अभ्यारण्य (National Chambal Gharial Sanctuary) की ओर से डॉल्फिन की गिनती शुरू हो गई है.

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डॉल्फिन संरक्षण से होगा जलीय परिस्थितिकी तंत्र मजबूत: केन्द्र सरकार ने गाइडलाइन जारी कर कहा था कि डॉल्फिन के संरक्षण से भारत के सम्पूर्ण जलीय तंत्र और उस पर निर्भर लोगों का भला होगा. इसके साथ ही प्रकृति की बेहतर समझ को बढ़ावा मिलेगा. राजस्थान, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बंगाल, असम, पंजाब में डॉल्फिन की नए सिरे से गिनती के लिए पहली बार मानकीकृत निगरानी प्रोटोकॉल बनाया गया. इसके तहत अब राजस्थान में वन विभाग की ओर डॉल्फिन की गणना 28 जनवरी से 3 फरवरी तक की जाएगी. पिछली बार हुई डॉल्फिन गणना में राजस्थान में कुल 14 डॉल्फिन पाई गई थी.

सरकार की ओर से जारी डॉल्फिन संरक्षण के लिए नए प्रोटॉकाल और दिशा निर्देश के बाद सरकार के नए निर्देशानुसार एक्शन प्लान तैयार किया गया. जिले के पाली घाट स्थित चम्बल नदी (Counting Of Dolphins In Chambal River) में 28 जनवरी से 3 फरवरी तक डॉल्फिन सहित जलीय जीवों की गणना होगी. इसके लिए सात पाइंट बनाए गए है. प्रत्येक पाइंट पर दो स्टाफ और विशेषज्ञ स्टाफ भी लगाया गया है.

ऐसे होगी गणना: रणथंभौर चंबल घड़ियाल में जलीय जीवों की गणना शुरू हो गई है. डॉल्फिन सहित क्रोकोडाइल, मगरमच्छ आदि की गणना दो तरीके से होगी. नदी किनारे आए जलीय जीवों की फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी की जाएगी. इसके बाद नाव में सवार होकर नदी में घूम कर डॉल्फिन आदि जलीय जीवों की गणना होगी.

Last Updated : Jan 29, 2022, 2:25 PM IST
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