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Sawai Madhopur Fraud Case : ढोंगी बाबा गिरफ्तार, पूजा-अनुष्ठान के नाम पर करता था लाखों की ठगी

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Published : May 15, 2022, 6:30 PM IST

सवाईमाधोपुर में भक्तों के कष्टों का निवारण के नाम पर ठगी करने वाले ढोंगी बाबा को पुलिस ने गिरफ्तार (Sawai Madhopur Fraud Case) कर लिया है. आरोपी खुद एक कोचिंग संस्थान चलाता था, जिसमें घाटा होने के बाद भरपाई के लिए उसने ठगी का ये रास्ता अपनाया. पुलिस ने धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है.

Fake baba Arrested in Sawai Madhopur
सवाईमाधोपुर में ढोंगी बाबा गिरफ्तार

सवाईमाधोपुर. रामसिंहपुरा चौकी थाना बाटोदा पुलिस ने कष्ट के निवारण के नाम पर ठगी करने वाले ढोंगी बाबा को गिरफ्तार (Sawai Madhopur Fraud Case) किया है. पुलिस ने परिवादी शिवलाल और रतनलाल पुत्रान जंसी मीना निवासी हल्कारा की झोपड़ी बिछोछ की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, आरोपी ढोंगी बाबा संतोष पुत्र हंसराज मीना निवासी सुकार थाना बामनवास को गिरफ्तार कर धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है.

जेवरात-नगदी की गठरी बदलकर देता था ठगी को अंजाम : रामसिंहपुरा चौकी प्रभारी थाना बाटोदा मीठालाल यादव के अनुसार परिवादी शिवलाल और रतनलाल के खेत में सिंचाई के लिए पानी नहीं आ रहा था. आरोपी बाबा ने बोरिंग में पानी होने का आश्वासन देते हुए परिवार के सदस्यों को पूजा करने को कहा. आरोपी ने परिवादी को सुकार पहाड़ी पर स्थित मंदिर पर जाने को कहा. वहां उसने खुद रात के अंधेरे में रूप बदलकर नकली सोने की ईंट, बिस्किट और कागजों की नोटों के आकार की गड्डियां लाल कपड़े में बांधकर परिवादी को दी. इसके साथ ही उसने दी गई गठरी को घर में पूजा के स्थान पर रखकर 11 दिन तक पूजा करने को कहा. जब 11 दिन पूरे हो जाएं तब वापस उपस्थित होकर विशेष पूजा करने की बाक कही. जिसके बाद बोरिंग में पानी आने का आश्वासन दिया.

11 दिन बाद आरोपी ने परिवादी के घर आकर विशेष पूजा करवाई. पूजा के दौरान घर की महिलाओं से सोने के 58 तोला के जेवर, चांदी के जेवर और एक लाख 51 हजार रुपए की नकदी लाल कपड़े में बांध कर पूजा के स्थान पर रखवाए. इसके बाद सभी को बाहर भेजकर आरोपी ने लाल कपड़े की गठरी बदल दी. आरोपी ने परिवादी को दोनों गठरियों की लगातार पूजा करने की सलाह दी और बोरिंग में पानी होने का विश्वास दिलाया.

पढ़ें. डायमंड और चांदी धोखाधड़ी की वारदात का पर्दाफाश, चार आरोपी गिरफ्तार...15 लाख रुपये का माल बरामद

बताए गए समय तक लाल कपड़े में रखी सामग्री की पूजा करने के बाद भी बोरिंग करवाने पर पानी नहीं निकलना. धोखाधड़ी का अंदेशा होने पर परिवादी ने लाल कपड़े की गठरी को खोलकर देखा, तो उसमें नकली जेवर और कागज की गड्‌ड़ियां मिली. परिवादी ने जब आरोपी से शिकायत की तो उसने पूजा में चूक होने की बात कहते हुए जेवर नकली होने, नोटों की गड्‌ड़ियां कागज में बदलने की बात कही. इसी कारण बोरिंग में पानी भी नहीं निकला. इस पर परिवादी ने रामसिंहपुरा चौकी में मामला दर्ज कराया.

कोचिंग में नुकसान होने पर भरपाई के लिए ठगी को बनाया जरिया: पुलिस के अनुसार आरोपी के दादा और पिता सुकार गांव में पहाड़ी पर बने मंदिर में पूजा करते हैं. आरोपी बी.ए., बी.एड. कर चुका है और तुंगा, बस्सी, जयपुर जोधपुर, जैसलमेर के एक दर्जन से अधिक कोचिंग में भारतीय संविधान, भूगोल और राजस्थान के इतिहास की कोचिंग देता है. आरोपी ने बस्सी में कोचिंग कक्षाएं की शुरुआत की थी. लेकिन कोचिंग में नुकसान होने पर, भरपाई करने के लिए परिवार के पूजा कार्य को माध्यम बनाया. उसने मनगढ़ंत कहानी गढ़ी. उसने हर जगह ये बात फैला दी कि रात में मंदिर में संत बाबा प्रकट होते हैं और लोगों के कष्टों का निवारण करते हैं. समस्या लेकर आने वाले लोगों के घर जाकर पूजा के नाम पर घर में रखे जेवर, नकदी लाल कपड़े में लपेटकर रखवा कर पूजा के दौरान वस्तुओं को बदल कर घटना को अंजाम देता था.

पढ़ें. Jaipur: सोशल मीडिया पर लड़कियों से दोस्ती का झांसा देकर ब्लैकमेल करने वाली गैंग सक्रिय, जांच में जुटी पुलिस

ऐसे देता था घटना को अंजाम: आरोपी गांव सुकार के पहाड़ पर बने मंदिर में जाने पर भक्तों को एक जगह पर बैठकर आंख बंद कर रामधुनी करने के लिए कहता. आंख खोलने पर मृत्यु का भय दिखाता. इस दौरान आरोपी अपने एक सहयोगी को पहाड़ के ऊपर और एक को पहाड़ के नीचे निगरानी के लिए तैनात रखता था. इस दौरान रात में मंदिर की लाइटें बंद कर सफेद दाढ़ी लगाकर भक्तों के समक्ष निश्चित दूरी पर उपस्थित होता, ताकि उसे कोई पहचान न सके. निराकरण का आश्वासन देकर प्रसाद स्वरूप लाल कपड़े में सोने की सिल्ली, बिस्किट और नोटों की गड्‌ड़ियां बताकर उन्हें देता और घर में पूजा वाले स्थान पर रखकर पूजा करने को कहता.

बताए गए समय के बाद लोगों के घर जाकर विशेष पूजा करवाने जाता और लाल कपड़े में महिलाओं के सोने-चांदी के जेवर और नगदी बांधकर रखवा देता. पूजा के बाद सभी को घर से बाहर निकालकर लाल गठरी बदल देता और वापस पूजा वाले स्थान पर रख देता. इसके बाद घर के लोगों से लगातार पूजा करने की बात कहकर वापस चला जाता. जब लोग गठरी के जेवर, नगदी नकली होने की बात को लेकर बाबा के पास जाते तो आरोपी उन्हें पूजा में चूक होने की बात कहता. साथ ही घटना किसी को बताने पर बाबा के प्रकोप से परिवार के सदस्य की मौत होने का भय दिखाता. इसके चलते लोग घटना की शिकायत पुलिस को नहीं करते थे.

सवाईमाधोपुर. रामसिंहपुरा चौकी थाना बाटोदा पुलिस ने कष्ट के निवारण के नाम पर ठगी करने वाले ढोंगी बाबा को गिरफ्तार (Sawai Madhopur Fraud Case) किया है. पुलिस ने परिवादी शिवलाल और रतनलाल पुत्रान जंसी मीना निवासी हल्कारा की झोपड़ी बिछोछ की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए, आरोपी ढोंगी बाबा संतोष पुत्र हंसराज मीना निवासी सुकार थाना बामनवास को गिरफ्तार कर धोखाधड़ी सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया है.

जेवरात-नगदी की गठरी बदलकर देता था ठगी को अंजाम : रामसिंहपुरा चौकी प्रभारी थाना बाटोदा मीठालाल यादव के अनुसार परिवादी शिवलाल और रतनलाल के खेत में सिंचाई के लिए पानी नहीं आ रहा था. आरोपी बाबा ने बोरिंग में पानी होने का आश्वासन देते हुए परिवार के सदस्यों को पूजा करने को कहा. आरोपी ने परिवादी को सुकार पहाड़ी पर स्थित मंदिर पर जाने को कहा. वहां उसने खुद रात के अंधेरे में रूप बदलकर नकली सोने की ईंट, बिस्किट और कागजों की नोटों के आकार की गड्डियां लाल कपड़े में बांधकर परिवादी को दी. इसके साथ ही उसने दी गई गठरी को घर में पूजा के स्थान पर रखकर 11 दिन तक पूजा करने को कहा. जब 11 दिन पूरे हो जाएं तब वापस उपस्थित होकर विशेष पूजा करने की बाक कही. जिसके बाद बोरिंग में पानी आने का आश्वासन दिया.

11 दिन बाद आरोपी ने परिवादी के घर आकर विशेष पूजा करवाई. पूजा के दौरान घर की महिलाओं से सोने के 58 तोला के जेवर, चांदी के जेवर और एक लाख 51 हजार रुपए की नकदी लाल कपड़े में बांध कर पूजा के स्थान पर रखवाए. इसके बाद सभी को बाहर भेजकर आरोपी ने लाल कपड़े की गठरी बदल दी. आरोपी ने परिवादी को दोनों गठरियों की लगातार पूजा करने की सलाह दी और बोरिंग में पानी होने का विश्वास दिलाया.

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बताए गए समय तक लाल कपड़े में रखी सामग्री की पूजा करने के बाद भी बोरिंग करवाने पर पानी नहीं निकलना. धोखाधड़ी का अंदेशा होने पर परिवादी ने लाल कपड़े की गठरी को खोलकर देखा, तो उसमें नकली जेवर और कागज की गड्‌ड़ियां मिली. परिवादी ने जब आरोपी से शिकायत की तो उसने पूजा में चूक होने की बात कहते हुए जेवर नकली होने, नोटों की गड्‌ड़ियां कागज में बदलने की बात कही. इसी कारण बोरिंग में पानी भी नहीं निकला. इस पर परिवादी ने रामसिंहपुरा चौकी में मामला दर्ज कराया.

कोचिंग में नुकसान होने पर भरपाई के लिए ठगी को बनाया जरिया: पुलिस के अनुसार आरोपी के दादा और पिता सुकार गांव में पहाड़ी पर बने मंदिर में पूजा करते हैं. आरोपी बी.ए., बी.एड. कर चुका है और तुंगा, बस्सी, जयपुर जोधपुर, जैसलमेर के एक दर्जन से अधिक कोचिंग में भारतीय संविधान, भूगोल और राजस्थान के इतिहास की कोचिंग देता है. आरोपी ने बस्सी में कोचिंग कक्षाएं की शुरुआत की थी. लेकिन कोचिंग में नुकसान होने पर, भरपाई करने के लिए परिवार के पूजा कार्य को माध्यम बनाया. उसने मनगढ़ंत कहानी गढ़ी. उसने हर जगह ये बात फैला दी कि रात में मंदिर में संत बाबा प्रकट होते हैं और लोगों के कष्टों का निवारण करते हैं. समस्या लेकर आने वाले लोगों के घर जाकर पूजा के नाम पर घर में रखे जेवर, नकदी लाल कपड़े में लपेटकर रखवा कर पूजा के दौरान वस्तुओं को बदल कर घटना को अंजाम देता था.

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ऐसे देता था घटना को अंजाम: आरोपी गांव सुकार के पहाड़ पर बने मंदिर में जाने पर भक्तों को एक जगह पर बैठकर आंख बंद कर रामधुनी करने के लिए कहता. आंख खोलने पर मृत्यु का भय दिखाता. इस दौरान आरोपी अपने एक सहयोगी को पहाड़ के ऊपर और एक को पहाड़ के नीचे निगरानी के लिए तैनात रखता था. इस दौरान रात में मंदिर की लाइटें बंद कर सफेद दाढ़ी लगाकर भक्तों के समक्ष निश्चित दूरी पर उपस्थित होता, ताकि उसे कोई पहचान न सके. निराकरण का आश्वासन देकर प्रसाद स्वरूप लाल कपड़े में सोने की सिल्ली, बिस्किट और नोटों की गड्‌ड़ियां बताकर उन्हें देता और घर में पूजा वाले स्थान पर रखकर पूजा करने को कहता.

बताए गए समय के बाद लोगों के घर जाकर विशेष पूजा करवाने जाता और लाल कपड़े में महिलाओं के सोने-चांदी के जेवर और नगदी बांधकर रखवा देता. पूजा के बाद सभी को घर से बाहर निकालकर लाल गठरी बदल देता और वापस पूजा वाले स्थान पर रख देता. इसके बाद घर के लोगों से लगातार पूजा करने की बात कहकर वापस चला जाता. जब लोग गठरी के जेवर, नगदी नकली होने की बात को लेकर बाबा के पास जाते तो आरोपी उन्हें पूजा में चूक होने की बात कहता. साथ ही घटना किसी को बताने पर बाबा के प्रकोप से परिवार के सदस्य की मौत होने का भय दिखाता. इसके चलते लोग घटना की शिकायत पुलिस को नहीं करते थे.

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