देवगढ़ (राजसमंद). जिले में विश्व वेटलैंड्स दिवस के अवसर पर वन विभाग की ओर से मंगलवार से प्रवासी और स्थानीय देसी पक्षियों की गणना शुरू की गई. जिसमें प्रथम दिन देवगढ़ नगर पालिका क्षेत्र में स्थित राघव सागर झील पर विभिन्न प्रकार के 200 प्रवासी पक्षियों सहित स्थानीय देसी पक्षी दिखाई दिए. विभाग की ओर से यह आयोजन 6 फरवरी तक चलाया जाएगा.
वन विभाग के कर्मचारी और पर्यावरण प्रेमियों की ओर से पक्षियों की गणना की जा रही है. गणना करने का उद्देश्य यह है कि पक्षी कम क्यों आ रहे हैं. इसका क्या कारण है. वहीं, ज्यादा आने का क्या कारण है. उप वन संरक्षक वन्यजीव फतेह सिंह राठौड़ ने बताया कि वेटलैंड्स दिवस पर जलाशयों पर प्रवासी और स्थानीय पक्षी जो क्षेत्र में आते हैं इनकी गणना करवा रहे हैं.
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देवगढ़ नगरपालिका के राघव सागर झील को भी जिले के पक्षी गणनाथ में रखा गया है. इसका वेटलैंड कंजर्वेशन संरक्षण करवाने के लिए प्लान तैयार करके भारत सरकार को भेजा गया है. जिससे प्रवासी और स्थानीय पक्षी जो यहां आते हैं उनको अच्छी आशा स्थली मिल सके. इनको यहां किसी भी तरह का नुकसान नहीं हो. इनके रहने और खाने के विशेष प्रबंध किए जा सके. झील में आने वाले गंदे पानी को भी रोकने के लिए प्लान में लिया गया है. आसपास के जो पेड़-पौधे हैं.
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झील की जो जमीन है उसके संरक्षण के प्रयास किए जाएंगे. पर्यावरण प्रेमी मनीष सोनी ने बताया कि राघव सागर झील पर सुबह 7 बजे से 10 बजे तक चली पंक्षी गणना के अंदर हमे कई तरह के देसी और प्रवासी पक्षियों का झुंड दिखाई दिए. जिसमें पक्षी गणना में प्रवासी और स्थाई कई प्रजातियां दिखी. इनमें बार हेडडगूज, ग्रे लेग गूज, ब्राम्हनी डक, पेंटेट स्टॉर्क, सेंड पाइपर, ब्लू थ्रोट, समुद्रीय बाज ओस्प्रे, ग्रेटर स्पॉटेड ईगल, ब्लैक व हींग स्टेट, मार्श हेरियर सहित कई पक्षियों को देखा गया. उन्होंने कहा कि राघव सागर एक बहुत अच्छा पक्षियों के लिए स्थान है और इसका संरक्षण किया जाना बहुत ही जरूरी है.