राजसमंद. जिले के थानेटा ग्राम पंचायत में शुक्रवार को ग्राम पंचायत में शराबबंदी लागू करने के लिए जिला कलेक्टर के आदेश पर प्रशासन की ओर से मतदान कराया जा रहे हैं. ग्राम पंचायत के 11 वार्डों में 3244 कुल मतदाता है. ग्राम पंचायत में शराबबंदी लागू करने के लिए 51 प्रतिशत यानी 1654 ग्रामीणों को शराबंदी के पक्ष में मतदान करना है. जिस तरह से पिछले एक महीनों से महिला सरपंच दीक्षा चौहान के सानिध्य में चुनाव को लेकर तैयारियां चल रही थी शराबंदी आंदोलन में थानेटा ग्राम पंचायत की महाजीत लग रही है.
सुबह 8 बजे से प्रशासन की ओर से मतदान केंद्र राजीव गांधी सेवा केंद्र पर पूरी सुरक्षा व्यवस्था के साथ मतदान शरू हुआ. प्रातः 10 बजे तक 20 प्रतिशत मतदान हो चुका था. मतदान केंद्र पर महिलाओं की विशेष रूप से भीड़ दिखाई दी. महिलाएं पूरे उत्साह उमंग के साथ मतदान करने के लिए पहुंची. ग्राम विकास अधिकारी संतोष सिंह ने बताया कि थानेटा से शराब का ठेका हटाने और शराबमुक्त पंचायत बनाने को लेकर शांतिपूर्ण मतदान चल रहा है.
लोगों में दिख रहा उत्साह
थानेटा में शराबबंदी मतदान के पूर्व लोगों में खासा उत्साह है. सरपंच दीक्षा चौहान ने बताया कि थानेटावासियों के इंतजार की घड़िया समाप्त हो चुकी है. यहां खुशी का माहौल है. मतदान के लिए लोग एक-दूसरे को प्रेरित कर रहे हैं. कांग्रेस ब्लॉक अध्यक्ष प्रभुदयाल नागर, सरपंच राकेश कुमार, सरपंच भूपेन्द्र सिंह, पूर्व सरपंच अमर सिंह नारायण सिंह पटेल, गोविन्द सिह आदि प्रबुद्धजनों, वरिष्ठ नागरिकों ने थानेटा पहुंचकर मतदान करने की अपील की. सभी वार्डों में बनाई गई कमेटी के सदस्यों की ओर से विभिन्न वाहनों में बैठाकर मतदाताओं को मतदान केंद्र तक लाया जा रहा है.
राजसमंद जिले की दो ग्राम पंचायत काछबली, मण्डावर में पहले ही शराबबंदी लागू हो चुकी है. थानेटा के ग्रामीणों की ओर से 6 मार्च 2017 को आंदोलन की शरुआत की गई थी. पहले 662 ग्रामीणों के हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन जिला कलेक्टर उपखंड अधिकारी आबकारी विभाग के अधिकारियों को सौंपा गया था.
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ज्ञापन देने के बाद जिला कलेक्टर के आदेश पर इन हस्ताक्षर का 26 मार्च 2017 को भौतिक सत्यापन किया गया था. इसमें 250 हस्ताक्षर का भौतिक सत्यापन होने से ग्रामीणों की हार हुई. लेकिन ग्रामीणों ने अपना अभियान जारी रखा और 09 जनवरी 2018 को 1,420 हस्ताक्षर का ज्ञापन सौंपा गया.
14 फरवरी 2018 जिला कलेक्टर के आदेश पर भौतिक सत्यापन हुआ. इस बार ग्रामीणों ने एकजुटता दिखाते हुए 1764 लोग पहुंचे. शराबंदी लागू करने के लिए ओर ग्रामीणों की जीत हुई. लेकिन प्रशासन की ओर से 30 जुलाई 2019 को पुनः सत्यापन कराया गया. वहीं जनवरी 2019 में ही ग्रामीण उच्च न्यायालय की शरण में गए, यहां भी ग्रामीणों की जीत हुई. लेकिन प्रशासन की ओर से मतदान करने को लेकर गम्भीर नहीं दिखा. ग्रामीणों की ओर से लम्बे इंतजार के बाद जिला कलेक्टर ने आदेश जारी कर 15 अप्रैल को मतदान करने की तारीख जारी की गई थी.