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कोच्चि से जम्मू-कश्मीर देखने निकले दो युवाओं की ईटीवी भारत से की खास बातचीत - अनुच्छेद 370 संबधी खबर

कश्मीर से अनुच्छेद- 370 हटने के बाद युवाओं में कश्मीर की संस्कृति को जानने की ललक देखते ही बनती है. कश्मीर को लेकर अब तक आतंक को जानने वाले अब इस प्रदेश को करीब से देख कर भारतीय संस्कृति के अभिनय का अंग कश्मीर को जाने निकल पड़े हैं. कोच्चि से निकले बाइक राइडर देश के अलग-अलग प्रदेशों से होते हुए कश्मीर जा रहे हैं.

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Published : Sep 5, 2019, 12:58 PM IST

राजसमंद. कोच्चि से निकले बाइक राइडर देश के अलग-अलग प्रदेशों से होते हुए कश्मीर जा रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम ने उनसे बातचीत की. उनका कहना था कि देश की संस्कृति विविधता को देखने के लिए हम दोनों साथ ही निकले हैं. उन्होंने बताया कि देश के अलग-अलग प्रदेशों से होते हुए कई जिलों से यात्रा करते हुए वह आ रहे हैं. जिसमें देश की प्रमुख संस्कृति और सभ्यता को भी जानने की कोशिश कर रहे हैं.

जम्मू कश्मीर युवाओं से ईटीवी भारत ने की बातचीत

भारत कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक है. लंबे समय से अनुच्छेद- 370 के चलते कश्मीर एक विधान एक सविधान दूर था. लेकिन अब जब मौजूद सरकार ने इस धारा को खत्म कर दिया. तो ऐसे में देश के हजारों युवा कश्मीर को करीब से जानना चाह रहे हैं.

पढ़ें- युवक को प्लेट चुराने से रोका तो दो दिन बाद चाकू से दो भाइयों पर किया हमला, एक की मौत दूसरा गंभीर

अब तक कश्मीर को आतंक का गढ़ माना जा रहा है. ऐसे में वहां जाने के लिए पहले 10 बार सोचना पड़ता था. लेकिन जब से अनुच्छेद- 370 खत्म किया गया. लोगों को सुरक्षा एहसास होने लगा. ऐसे ही कुछ युवा बाइक राइडर्स कोच्चि से चलकर देश के अलग-अलग हिस्सों की संस्कृति को जानते हुए कश्मीर जा रहे हैं. उनका उद्देश्य है.कि वे कश्मीर को करीब से जाने कश्मीर के विभिन्न प्रकार के लोग निवास करते हैं. ऐसे में वहां की भी संस्कृति को जानना एक अलग रोमांच है.

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बाइक राइडर्स का दल जब अहमदाबाद होते हुए नाथद्वारा से गुजरा तो यहां उन्होंने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत की. लेकिन इरादे अगर मजबूत हो तो कोच्चि से जम्मू-कश्मीर की यात्रा बाइक पर करने का दृढ़ विश्वास के साथ यह दोनों युवा निकल पड़े हैं. साथ ही देश के विभिन्न राज्यों से होते हुए अपनी यात्रा कर रहे हैं.

राजसमंद. कोच्चि से निकले बाइक राइडर देश के अलग-अलग प्रदेशों से होते हुए कश्मीर जा रहे हैं. ईटीवी भारत की टीम ने उनसे बातचीत की. उनका कहना था कि देश की संस्कृति विविधता को देखने के लिए हम दोनों साथ ही निकले हैं. उन्होंने बताया कि देश के अलग-अलग प्रदेशों से होते हुए कई जिलों से यात्रा करते हुए वह आ रहे हैं. जिसमें देश की प्रमुख संस्कृति और सभ्यता को भी जानने की कोशिश कर रहे हैं.

जम्मू कश्मीर युवाओं से ईटीवी भारत ने की बातचीत

भारत कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक है. लंबे समय से अनुच्छेद- 370 के चलते कश्मीर एक विधान एक सविधान दूर था. लेकिन अब जब मौजूद सरकार ने इस धारा को खत्म कर दिया. तो ऐसे में देश के हजारों युवा कश्मीर को करीब से जानना चाह रहे हैं.

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अब तक कश्मीर को आतंक का गढ़ माना जा रहा है. ऐसे में वहां जाने के लिए पहले 10 बार सोचना पड़ता था. लेकिन जब से अनुच्छेद- 370 खत्म किया गया. लोगों को सुरक्षा एहसास होने लगा. ऐसे ही कुछ युवा बाइक राइडर्स कोच्चि से चलकर देश के अलग-अलग हिस्सों की संस्कृति को जानते हुए कश्मीर जा रहे हैं. उनका उद्देश्य है.कि वे कश्मीर को करीब से जाने कश्मीर के विभिन्न प्रकार के लोग निवास करते हैं. ऐसे में वहां की भी संस्कृति को जानना एक अलग रोमांच है.

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बाइक राइडर्स का दल जब अहमदाबाद होते हुए नाथद्वारा से गुजरा तो यहां उन्होंने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत की. लेकिन इरादे अगर मजबूत हो तो कोच्चि से जम्मू-कश्मीर की यात्रा बाइक पर करने का दृढ़ विश्वास के साथ यह दोनों युवा निकल पड़े हैं. साथ ही देश के विभिन्न राज्यों से होते हुए अपनी यात्रा कर रहे हैं.

Intro:राजसमंद- कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद युवाओं में कश्मीर की संस्कृति को जानने की ललक देखते ही बनती है.कश्मीर को लेकर अब तक आतंक को जानने वाले अब इस प्रदेश को करीब से देख कर भारतीय संस्कृति के अभिनय का अंग कश्मीर को जाने निकल पड़े हैं.कोच्चि से निकले बाइक राइडर देश के अलग-अलग प्रदेशों से होते हुए कश्मीर जा रहे हैं. ऐसे ही बाइक राइडर्स का एक दल राजसमंद जिले के नाथद्वारा पहुंचा जहां उन्होंने नाथद्वारा पहुंचकर भगवान श्रीनाथजी के दर्शन किए.


Body:उसके बाद उन्होंने ईटीवी भारत की टीम से बातचीत की उनका कहना था.कि देश की संस्कृति विविधता को देखने के लिए हम दोनों साथ ही निकले हैं.उन्होंने बताया कि देश के अलग-अलग प्रदेशों से होते हुए कई जिलों से यात्रा करते हुए वह आ रहे हैं. जिसमें देश की प्रमुख संस्कृति और सभ्यता को भी जानने की कोशिश कर रहे हैं. भारत कश्मीर से कन्याकुमारी तक एक है. लंबे समय से धारा 370 के चलते कश्मीर एक विधान एक सविधान दूर था. लेकिन अब जब मौजूद सरकार ने इस धारा को खत्म कर दिया. तो ऐसे में देश के हजारों युवा कश्मीर की ओर करीब से जानना चाह रहे हैं.


Conclusion:अब तक कश्मीर को आतंक का गढ़ माना जा रहा है. ऐसे में वहां जाने के लिए पहले 10 बार सोचना पड़ता था. लेकिन जब से धारा 370 खत्म किया गया.लोगों को सुरक्षा एहसास होने लगा ऐसे ही कुछ युवा बाइक राइडर्स कोच्चि से चलकर देश के अलग-अलग हिस्सों की संस्कृति को जानते हुए कश्मीर जा रहे हैं. उनका उद्देश्य है.कि वे कश्मीर को करीब से जाने कश्मीर के विभिन्न प्रकार के लोग निवास करते हैं. ऐसे में वहां की भी संस्कृति को जानना एक अलग रोमांच है. बाइक राइडर्स का दल जब अहमदाबाद होते हुए नाथद्वारा से गुजरा तो यहां उन्होंने ईटीवी भारत से विशेष बातचीत की ईटीवी भारत ने बताया कि अभी जम्मू कश्मीर में जाने के लिए परमिशन की आवश्यकता है. तो इसके बारे में उन्होंने कोई ठोस जवाब नहीं दे पाए। लेकिन इरादे अगर मजबूत हो तो कोच्चि से जम्मू कश्मीर की यात्रा बाइक पर करने का दृढ़ विश्वास के साथ यह दोनों युवा निकले और देश के विभिन्न राज्यों से होते हुए अपनी यात्रा कर रहे हैं.
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