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स्पेशल स्टोरी: राजसमंद में उज्जवला योजना की हकीकत...1.46 लाख गैस कनेक्शन बांटे..लेकिन फिर भी चूल्हे पर पक रहा खाना - पीएम एलपीजी पंचायत

मोदी सरकार ने कमजोर वर्ग के परिवारों के लिए खासकर महिलाओं के लिए 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से उज्ज्वला योजना को लांच किया गया था. जिसका मकसद देश के करोड़ों गरीब महिलाओं का जीवन बदलना और उन्हें चूल्हे से मुक्ति दिलाना. इस योजना के तहत 8 करोड़ गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया था. इस योजना के तहत राजसमंद में भी 1.46 लाख के करीब कनेक्शन बांटे गए. लेकिन जब ईटीवी भारत ने इस योजना की सच जानने के लिए पड़ताल की तो चौंकाने वाले मामले सामने आए. देखिए इस स्पेशल रिपोर्ट में...

ujjwala scheme rajsamand, राजसमंद में उज्जवला योजना
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Published : Sep 29, 2019, 11:28 PM IST

राजसमंद. मोदी सरकार की उज्ज्वला गैस योजना की हकीकत ईटीवी भारत ने जानने की कोशिश की. प्रधानमंत्री मोदी की इस महत्वपूर्ण योजना के बावजूद क्या गरीब महिलाओं को चूल्हे से मुक्ति मिल पाई या नहीं. इसके लिए ईटीवी भारत की टीम ने राजसमंद जिले में पड़ताल की. जिसमें सामने आया की राजसमंद जिले में करीब-करीब सभी जगह प्रधानमंत्री मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजना से लोगों को फायदा पहुंचा है.

राजसमंद में उज्जवला योजना की हकीकत...1.46 लाख गैस कनेक्शन बांटे..लेकिन फिर भी चूल्हे पर पक रहा खाना

राजसमंद में मिले करीब 1 लाख 46 हजार 984 कनेक्शन
लेकिन इस महत्वाकांक्षी योजना के दूसरे पहलू को समझने की कोशिश करें तो राजसमंद जिले में करीब 1 लाख 46 हजार 984 कनेक्शन दिए गए. इस योजना के तहत लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि इस योजना के माध्यम से दिए गए कनेक्शनों में से दोबारा रिफिल कराने के आंकड़ों पर नजर डाले तो करीब 25 से 30% लोगों ने ही रिफिल कराए हैं. देखा जाए तो करीब 4 से 5 महीनों में एक बार रिफिल कराया गया है.

पढ़ें- स्पेशल स्टोरी: 1.90 लाख उज्ज्वला गैस कनेक्शन बांटे, रिफिल के पैसे नहीं इसलिए चूल्हें पर बनता है खाना

लेकिन 25 से 30 फीसदी परिवार नहीं सिलेंडर रिफिल नहीं करा रहे
तो वहीं इसको लेकर जब हमने महिलाओं से जानने की कोशिश कि वे रिफिल 4 से 5 महीने में क्यों करवा रहे हैं. जिसका कारण सामने आया कि रिफिल सिलेंडर की अधिक कीमत होने के कारण गरीब महिलाओं को बार-बार रिफिल कराने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वही कांकरोली निवासी मेहराज बानू का कहना है कि सिलेंडर की अधिक कीमत होने के कारण परिवार का खर्चा चलाना और हर महीने सिलेंडर भरवाना हम जैसे परिवार के लिए थोड़ा कठिन है. जिसके लिए हम लोग चूल्हे पर ही खाना बनाना थोड़ा सस्ता भी है और आसान भी.

गैस चूल्हे और सिलेंडर घर में ऐसे ही रखे
प्रधानमंत्री मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजना से जहां एक ओर गरीब महिलाओं के जीवन स्थिति में सुधार आया है, लेकिन रिफिल के आंकड़ों पर गौर करें तो दिए गए कनेक्शनों में बहुत कम लोगों ने सिलेंडर रिफिल कराया है. यह गैस कनेक्शन परिवार की महिला सदस्य के नाम पर होता है. लेकिन आगे सिलेंडर भराने के लिए इन गरीबों के पास पैसा नहीं होता. इसलिए कई परिवारों में गैस चूल्हे और सिलेंडर ऐसे ही पड़े रह रहे हैं.

पीएम एलपीजी पंचायत के जरिए दी जा रही जानकारी
वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत वितरित किए गए गैस कनेक्शनों में करीब 8 करोड़ कनेक्शन भारत में वितरित किए गए हैं. लेकिन बड़ी संख्या में लोगों ने गैस कनेक्शन लेने के बाद दोबारा से रिफिल सिलेंडर नहीं लिया है. ऐसे परिवारों में एलपीजी उपयोग बढ़ाने के लिए सरकार देशभर में एक लाख एलपीजी पंचायत का आयोजन कर रही है. तो वहीं राजसमंद जिले में भी प्रधानमंत्री एलपीजी पंचायत के माध्यम से उन दूर ग्रामीण क्षेत्रों कि गरीब महिलाओं को प्रधानमंत्री एलपीजी पंचायत के माध्यम से जानकारी दी जा रही है. जिसके माध्यम से महिलाओं को सिलेंडर की उपयोगिता और उसके फायदे के बारे में बताया जा रहा है. वहीं चूल्हे से होने वाले हानियों के बारे में उन्हें अवगत कराया जा रहा है. जिसका मकसद है कि लोग ज्यादा से ज्यादा सिलेंडर की रिफिल कराएं. राजसमंद जिले में करीब पांच से छह जगह इन पंचायतों का आयोजन किया जा चुका है.

पढ़ें- स्पेशल स्टोरी: मां-बाप के बाद अब आशियाने ने भी छोड़ा साथ, 2 मासूमों के सिर पर अब नहीं है छत...प्रशासन बेखबर

अब देखना होगा कि प्रधानमंत्री मोदी सरकार महत्वपूर्ण योजना रही उज्ज्वला योजना मैं क्या आने वाले समय में कुछ राहत मिलती है. क्या जिससे सिलेंडर की रिफिल की मात्रा को बढ़ाया जा सके. क्योंकि जहां एक और वितरित किए गए. सिलेंडरों का आंकड़ा दिखाई दे रहा है. तो वहीं दूसरी तरफ दोबारा रिफिल नहीं कराने वाले लोगों का आंकड़ा भी सामने आ रहा है.

राजसमंद. मोदी सरकार की उज्ज्वला गैस योजना की हकीकत ईटीवी भारत ने जानने की कोशिश की. प्रधानमंत्री मोदी की इस महत्वपूर्ण योजना के बावजूद क्या गरीब महिलाओं को चूल्हे से मुक्ति मिल पाई या नहीं. इसके लिए ईटीवी भारत की टीम ने राजसमंद जिले में पड़ताल की. जिसमें सामने आया की राजसमंद जिले में करीब-करीब सभी जगह प्रधानमंत्री मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजना से लोगों को फायदा पहुंचा है.

राजसमंद में उज्जवला योजना की हकीकत...1.46 लाख गैस कनेक्शन बांटे..लेकिन फिर भी चूल्हे पर पक रहा खाना

राजसमंद में मिले करीब 1 लाख 46 हजार 984 कनेक्शन
लेकिन इस महत्वाकांक्षी योजना के दूसरे पहलू को समझने की कोशिश करें तो राजसमंद जिले में करीब 1 लाख 46 हजार 984 कनेक्शन दिए गए. इस योजना के तहत लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि इस योजना के माध्यम से दिए गए कनेक्शनों में से दोबारा रिफिल कराने के आंकड़ों पर नजर डाले तो करीब 25 से 30% लोगों ने ही रिफिल कराए हैं. देखा जाए तो करीब 4 से 5 महीनों में एक बार रिफिल कराया गया है.

पढ़ें- स्पेशल स्टोरी: 1.90 लाख उज्ज्वला गैस कनेक्शन बांटे, रिफिल के पैसे नहीं इसलिए चूल्हें पर बनता है खाना

लेकिन 25 से 30 फीसदी परिवार नहीं सिलेंडर रिफिल नहीं करा रहे
तो वहीं इसको लेकर जब हमने महिलाओं से जानने की कोशिश कि वे रिफिल 4 से 5 महीने में क्यों करवा रहे हैं. जिसका कारण सामने आया कि रिफिल सिलेंडर की अधिक कीमत होने के कारण गरीब महिलाओं को बार-बार रिफिल कराने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वही कांकरोली निवासी मेहराज बानू का कहना है कि सिलेंडर की अधिक कीमत होने के कारण परिवार का खर्चा चलाना और हर महीने सिलेंडर भरवाना हम जैसे परिवार के लिए थोड़ा कठिन है. जिसके लिए हम लोग चूल्हे पर ही खाना बनाना थोड़ा सस्ता भी है और आसान भी.

गैस चूल्हे और सिलेंडर घर में ऐसे ही रखे
प्रधानमंत्री मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजना से जहां एक ओर गरीब महिलाओं के जीवन स्थिति में सुधार आया है, लेकिन रिफिल के आंकड़ों पर गौर करें तो दिए गए कनेक्शनों में बहुत कम लोगों ने सिलेंडर रिफिल कराया है. यह गैस कनेक्शन परिवार की महिला सदस्य के नाम पर होता है. लेकिन आगे सिलेंडर भराने के लिए इन गरीबों के पास पैसा नहीं होता. इसलिए कई परिवारों में गैस चूल्हे और सिलेंडर ऐसे ही पड़े रह रहे हैं.

पीएम एलपीजी पंचायत के जरिए दी जा रही जानकारी
वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत वितरित किए गए गैस कनेक्शनों में करीब 8 करोड़ कनेक्शन भारत में वितरित किए गए हैं. लेकिन बड़ी संख्या में लोगों ने गैस कनेक्शन लेने के बाद दोबारा से रिफिल सिलेंडर नहीं लिया है. ऐसे परिवारों में एलपीजी उपयोग बढ़ाने के लिए सरकार देशभर में एक लाख एलपीजी पंचायत का आयोजन कर रही है. तो वहीं राजसमंद जिले में भी प्रधानमंत्री एलपीजी पंचायत के माध्यम से उन दूर ग्रामीण क्षेत्रों कि गरीब महिलाओं को प्रधानमंत्री एलपीजी पंचायत के माध्यम से जानकारी दी जा रही है. जिसके माध्यम से महिलाओं को सिलेंडर की उपयोगिता और उसके फायदे के बारे में बताया जा रहा है. वहीं चूल्हे से होने वाले हानियों के बारे में उन्हें अवगत कराया जा रहा है. जिसका मकसद है कि लोग ज्यादा से ज्यादा सिलेंडर की रिफिल कराएं. राजसमंद जिले में करीब पांच से छह जगह इन पंचायतों का आयोजन किया जा चुका है.

पढ़ें- स्पेशल स्टोरी: मां-बाप के बाद अब आशियाने ने भी छोड़ा साथ, 2 मासूमों के सिर पर अब नहीं है छत...प्रशासन बेखबर

अब देखना होगा कि प्रधानमंत्री मोदी सरकार महत्वपूर्ण योजना रही उज्ज्वला योजना मैं क्या आने वाले समय में कुछ राहत मिलती है. क्या जिससे सिलेंडर की रिफिल की मात्रा को बढ़ाया जा सके. क्योंकि जहां एक और वितरित किए गए. सिलेंडरों का आंकड़ा दिखाई दे रहा है. तो वहीं दूसरी तरफ दोबारा रिफिल नहीं कराने वाले लोगों का आंकड़ा भी सामने आ रहा है.

Intro:राजसमंद- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूसरे कार्यकाल के 100 दिन पिछले दिनों पूरे हो गए. जिसको लेकर जहां एक और केंद्र की मोदी सरकार के मंत्री और सांसद इन 100 दिनों को बेहतरीन बता रहे हैं.तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष इन 100 दिनों में सरकार को विफल साबित कर रहा है. ईटीवी भारत की टीम ने भी मोदी सरकार के इन 100 दिनों के बारे में जानने की कोशिश की आम जनता इन 100 दिनों को किस प्रकार देखती है. ईटीवी भारत की टीम ने पड़ताल कि मोदी सरकार के फर्स्ट पार्ट में शुरू की गई महत्वपूर्ण योजनाओं के बारे में जानने की कोशिश की जिस कारण मोदी सरकार दोबारा से सत्ता में आने में ज्यादा फायदा पहुंचा. इन्हीं योजनाओं में से एक थी.प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना जो मोदी सरकार के योजनाओं में सबसे महत्वाकांक्षी योजना साबित हुई थी.


Body:यह योजना मोदी सरकार ने कमजोर वर्ग के परिवारों के लिए खासकर महिलाओं के लिए इसे 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से लांच किया गया था. जिसका मकसद था. देश के करोड़ों गरीब महिलाओं का जीवन बदलना और उन्हें घुही वाले चूल्हे से मुक्ति दिलाना. जिसमें मोदी सरकार सफल भी रही. इस योजना के माध्यम से देश भर मैं करीब 8 करोड़ गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य रखा गया था. जिसे मोदी सरकार ने पूरा भी किया वही ईटीवी भारत ने भी जानने की कोशिश कि प्रधानमंत्री मोदी की इस महत्वपूर्ण योजना के बावजूद क्या गरीब महिलाओं को चूल्हे से मुक्ति मिल पाई या नहीं. इसके लिए ईटीवी भारत की टीम ने राजस्थान के राजसमंद जिले में पड़ताल की जिसमें सामने आया की राजसमंद जिले में करीब-करीब सभी जगह प्रधानमंत्री मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजना से लोगों को फायदा पहुंचा है. लेकिन इस महत्वाकांक्षी योजना के दूसरे पहलू को समझने की कोशिश करें तो राजसमंद जिले में करीब 146984 कनेक्शन दिए गए.इस योजना के तहत लेकिन गौर करने वाली बात यह है. कि इस योजना के माध्यम से दिए गए.कनेक्शनों में से दोबारा रिफिल कराने के आंकड़ों पर नजर डाले तो करीब 25 से 30% लोगों ने ही रिफिल कराए हैं. देखा जाए तो करीब 4 से 5 महीनों में एक बार रिफिल कराया गया है. तो वही इसको लेकर जब हमने ग्रहणी महिलाओं से जानने की कोशिश कि वे रिफिल 4 से 5 महीने में क्यों करवा रहे हैं.जिसका कारण सामने आया कि रिफिल सिलेंडर की अधिक कीमत होने के कारण गरीब महिलाओं को बार-बार रिफिल कराने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वही कांकरोली निवासी मेहराज बानू का कहना है. कि सिलेंडर की अधिक कीमत होने के कारण परिवार का खर्चा चलाना और हर महीने सिलेंडर भरवाना हम जैसे परिवार के लिए थोड़ा कठिन है. जिसके लिए हम लोग चूल्हे पर ही खाना बनाना थोड़ा सस्ता भी है। और आसान भी प्रधानमंत्री मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजना से जहां एक और गरीब महिलाओं के जीवन स्थिति में सुधार आया है. लेकिन रिफिल के आंकड़ों पर गौर करें तो दिए गए कनेक्शनों में बहुत कम लोगों ने सिलेंडर रिफिल कराया है. यह गैस कनेक्शन परिवार की महिला सदस्य के नाम पर होता है. लेकिन आगे सिलेंडर भराने के लिए इन गरीबों के पास पैसा नहीं होता. इसलिए कई परिवारों में गैस चूल्हे और सिलेंडर ऐसे ही पड़े रह रहे हैं.



Conclusion:वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत वितरित किए गए गैस कनेक्शनों में करीब 8 करोड कनेक्शन भारत में वितरित किए गए हैं. लेकिन बड़ी संख्या में लोगों ने गैस कनेक्शन लेने के बाद दोबारा से रिफिल सिलेंडर नहीं लिया है.ऐसे परिवारों में एलपीजी उपयोग बढ़ाने के लिए सरकार देशभर में एक लाख एलपीजी पंचायत का आयोजन कर रही है. तो वही राजसमंद जिले में भी प्रधानमंत्री एलपीजी पंचायत के माध्यम से उन दूर ग्रामीण क्षेत्रों कि गरीब महिलाओं को प्रधानमंत्री एलपीजी पंचायत के माध्यम से जानकारी दी जा रही है. जिसके माध्यम से महिलाओं को सिलेंडर की उपयोगिता और उसके फायदे के बारे में बताया जा रहा है. वहीं चूल्हे से होने वाले हानियों के बारे में उन्हें अवगत कराया जा रहा है. जिसका मकसद है.कि लोग ज्यादा से ज्यादा सिलेंडर की रिफिल कराएं.राजसमंद जिले में करीब पांच से छह जगह इन पंचायतों का आयोजन किया जा चुका है.
अब देखना होगा कि प्रधानमंत्री मोदी सरकार महत्वपूर्ण योजना रही उज्जवला योजना मैं क्या आने वाले समय में कुछ राहत मिलती है. क्या जिससे सिलेंडर की रिफिल की मात्रा को बढ़ाया जा सके. क्योंकि जहां एक और वितरित किए गए. सिलेंडरों का आंकड़ा दिखाई दे रहा है.तो वहीं दूसरी तरफ दोबारा रिफिल नहीं कराने वाले लोगों का आंकड़ा भी सामने आ रहा है.
बाइट- जिन्होंने चार से पांच महीनों में एक बार रिफिल करवाया सिलेंडर ग्रहणी महिलाएं
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