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पद्मश्री अवार्ड: बेटियों के जन्म पर 111 पेड़ लगवाने वाले श्याम सुंदर पालीवाल की कहानी - राजसमंद न्यूज

राजसमंद के श्याम सुंदर पालीवाल को समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करने के लिए पद्मश्री से नवाजा जाएगा. उनके पिपलांत्री मॉडल को डेनमार्क की स्कूलों में पढ़ाया जाता है. पालीवाल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बताया कि वो जंगल और जनजीवन को बचाना के लिए काम कर रहे हैं. इंसान औद्योगिकीकरण की अंधाधुंध दौड़ में जंगल को काटकर कंक्रीट के जंगल बनाने की ओर बढ़ रहा है, लेकिन असली सुकून तो पेड़-पौधों के जंगलों में ही है.

padma shri award 2021,  shyam sundar paliwal
पद्मश्री श्याम सुंदर पालीवाल
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Published : Jan 26, 2021, 9:27 PM IST

राजसमंद. केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों का एलान किया. राजस्थान से तीन लोगों को पद्मश्री के लिए चयनित किया गया है. राजस्थानी भाषा और साहित्य के क्षेत्र में योगदान के लिए पाली के अर्जुन सिंह शेखावत, सारंगी वादक लाला खान और समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करने के लिए राजसमंद के श्याम सुंदर पालीवाल को पद्मश्री से नवाजा जाएगा.

पद्मश्री श्याम सुंदर पालीवाल Exclusive

कौन हैं श्याम सुंदर पालीवाल

श्याम सुंदर पालीवाल निर्मल ग्राम पंचायत पिपलांत्री के सरपंच रह चुके हैं. श्याम सुंदर पालीवाल ने बताया कि उनके पास गृह मंत्रालय से फोन आया था कि उनका नाम पद्मश्री के लिए चुना गया है. उनको ये पुरुस्कार निर्मल ग्राम पंचायत पिपलांत्री में जल संग्रहण, पर्यावरण संरक्षण की विभिन्न योजनाओं, नवाचार, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान में सराहनीय कार्य करने के लिए दिया जा रहा है. पालीवाल ने बताया कि पिपलांत्री उनका पुश्तैनी गांव हैं और इस मिट्टी का कर्ज उतारने के लिए वह प्रयासरत हैं.

पढे़ं: पद्मश्री अवार्ड: विदेशों में अपनी सारंगी से राजस्थानी लोक संगीत का जादू बिखेरने वाले लाखा खान की कहानी

क्या हैं उनके आगे के प्लान

उन्होंने अपना अगला लक्ष्य जंगल और जनजीवन को बचाना बताया. उन्होंने कहा कि इंसान औद्योगिकीकरण की अंधाधुंध दौड़ में जंगल को काटकर कंक्रीट के जंगल बनाने की ओर बढ़ रहा है, लेकिन असली सुकून तो पेड़-पौधों के जंगलों में ही है. अब वह इस दिशा में कार्य करेंगे.

बेटियों के जन्म पर 111 पेड़ लगाने की मुहिम

सरपंच बनने के बाद श्याम सुंदर पालीवाल ने अपनी बेटी किरण के नाम पर एक योजना शुरु की, जिसका नाम है 'किरण निधि योजना'. इस योजना के तहत, बेटी के जन्म लेने पर उसके नाम 111 पेड़ लगाए जाते हैं. यही नहीं, उसके बेहतर भविष्य के लिए 21 हजार रुपए भी खाते में जमा कराए जाते हैं. साथ ही उसके घर से एक फॉर्म भरवा कर वचन लिया जाता है कि वो 20 साल से पहले लड़की की शादी नहीं करेंगे और बेटो की पढ़ाएंगे.

डेनमार्क के स्कूलों में पढ़ाया जाता है उनका पिपलांत्री मॉडल

डेनमार्क के स्कूलों में पिपलांत्री मॉडल को पढ़ाया जा रहा है. उन्होंने लोगों को खेती और पेड़ लगाने के प्रति जागरुक किया. खेतों की सिंचाई के लिए 4500 चेक डेम बनवाए, सरकारी जमीनों को भू-माफियाओं से छुड़वाया. गांववालों को श्याम सुंदर पालीवाल ने एलोवेरा और आंवला की फसल का सुझाव दिया. गांव में प्लांट भी लगवाया, जिसमें एलोवेरा और आंवला का जूस और इसके साथ ही क्रीम बनाई जाती है, जिन्हें बाजारों में बेचा जाता है. आज गांव में न तो कोई बेरोजगार है और न ही कोई बेटियों को बोझ समझता है. श्यामसुंदर पालीवाल को 8 अक्टूबर को कौन बनेगा करोड़पति के कर्मवीर स्पेशल एपिसोड में बुलाया गया था, इस खेल में उनके साथ टीवी एक्ट्रेस साक्षी तंवर भी नजर आई थी.

राजसमंद. केंद्र सरकार ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर पद्म पुरस्कारों का एलान किया. राजस्थान से तीन लोगों को पद्मश्री के लिए चयनित किया गया है. राजस्थानी भाषा और साहित्य के क्षेत्र में योगदान के लिए पाली के अर्जुन सिंह शेखावत, सारंगी वादक लाला खान और समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय काम करने के लिए राजसमंद के श्याम सुंदर पालीवाल को पद्मश्री से नवाजा जाएगा.

पद्मश्री श्याम सुंदर पालीवाल Exclusive

कौन हैं श्याम सुंदर पालीवाल

श्याम सुंदर पालीवाल निर्मल ग्राम पंचायत पिपलांत्री के सरपंच रह चुके हैं. श्याम सुंदर पालीवाल ने बताया कि उनके पास गृह मंत्रालय से फोन आया था कि उनका नाम पद्मश्री के लिए चुना गया है. उनको ये पुरुस्कार निर्मल ग्राम पंचायत पिपलांत्री में जल संग्रहण, पर्यावरण संरक्षण की विभिन्न योजनाओं, नवाचार, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान में सराहनीय कार्य करने के लिए दिया जा रहा है. पालीवाल ने बताया कि पिपलांत्री उनका पुश्तैनी गांव हैं और इस मिट्टी का कर्ज उतारने के लिए वह प्रयासरत हैं.

पढे़ं: पद्मश्री अवार्ड: विदेशों में अपनी सारंगी से राजस्थानी लोक संगीत का जादू बिखेरने वाले लाखा खान की कहानी

क्या हैं उनके आगे के प्लान

उन्होंने अपना अगला लक्ष्य जंगल और जनजीवन को बचाना बताया. उन्होंने कहा कि इंसान औद्योगिकीकरण की अंधाधुंध दौड़ में जंगल को काटकर कंक्रीट के जंगल बनाने की ओर बढ़ रहा है, लेकिन असली सुकून तो पेड़-पौधों के जंगलों में ही है. अब वह इस दिशा में कार्य करेंगे.

बेटियों के जन्म पर 111 पेड़ लगाने की मुहिम

सरपंच बनने के बाद श्याम सुंदर पालीवाल ने अपनी बेटी किरण के नाम पर एक योजना शुरु की, जिसका नाम है 'किरण निधि योजना'. इस योजना के तहत, बेटी के जन्म लेने पर उसके नाम 111 पेड़ लगाए जाते हैं. यही नहीं, उसके बेहतर भविष्य के लिए 21 हजार रुपए भी खाते में जमा कराए जाते हैं. साथ ही उसके घर से एक फॉर्म भरवा कर वचन लिया जाता है कि वो 20 साल से पहले लड़की की शादी नहीं करेंगे और बेटो की पढ़ाएंगे.

डेनमार्क के स्कूलों में पढ़ाया जाता है उनका पिपलांत्री मॉडल

डेनमार्क के स्कूलों में पिपलांत्री मॉडल को पढ़ाया जा रहा है. उन्होंने लोगों को खेती और पेड़ लगाने के प्रति जागरुक किया. खेतों की सिंचाई के लिए 4500 चेक डेम बनवाए, सरकारी जमीनों को भू-माफियाओं से छुड़वाया. गांववालों को श्याम सुंदर पालीवाल ने एलोवेरा और आंवला की फसल का सुझाव दिया. गांव में प्लांट भी लगवाया, जिसमें एलोवेरा और आंवला का जूस और इसके साथ ही क्रीम बनाई जाती है, जिन्हें बाजारों में बेचा जाता है. आज गांव में न तो कोई बेरोजगार है और न ही कोई बेटियों को बोझ समझता है. श्यामसुंदर पालीवाल को 8 अक्टूबर को कौन बनेगा करोड़पति के कर्मवीर स्पेशल एपिसोड में बुलाया गया था, इस खेल में उनके साथ टीवी एक्ट्रेस साक्षी तंवर भी नजर आई थी.

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