राजसमंद. जिले के बिनोल गांव के वीर शहीद नारायण लाल गुर्जर उन 40 शूरवीरों में शामिल हैं, जो एक साल पहले हुए पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हो गए थे. इस हमले को 1 साल पूरा होने जा रहा है. ईटीवी भारत जब शहीद हुए नारायण लाल गुर्जर के घर पहुंचा, तो वहां शहीद की पुत्री हेमलता से मुलाकात हुई.
हेमलता ने बताया कि अभी वह 10वीं क्लास में है. जब उसेसे पूछा गया कि वह आगे क्या करना चाहती है. तब हेमलता ने कहा कि वह आगे जाकर सेना में जाना चाहती है और अपने पापा का नाम रोशन करना चाहती है. हेमलता ने कहा कि मां भारती की रक्षा के लिए अपने प्राण भी गंवाने पड़े तो बड़ी बात नहीं है.
बनना चाहती हैं 'आर्मी ऑफिसर...'
हेमलता का कहना है कि जिस तरह उसके पिता ने अपने प्राणों की आहुति देकर इस देश का नाम और मां भारती का नाम रोशन किया है. वह भी अपने पिता के नक्शे कदम पर चलकर भारतीय सेना ज्वाइन करेगी और अफसर बनेगी. हेमलता ने बताया कि वह अभी से आर्मी में जाने के लिए तैयारी कर रही है. बता दें कि हेमलता ही नहीं शहीद नारायण लाल के पुत्र मुकेश भी सेना में जाने की इच्छा है.
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वतन की मिट्टी से प्यार...
इस दौरान पता चला कि शहीद नारायण लाल गुर्जर भी जब अपनी छुट्टियों में गांव आते थे. तभी वे गांव के युवाओं को सेना में भर्ती होने के लिए सुबह दौड़ और योगाभ्यास कराया करते थे. साथ ही उन्हें देश भक्ति से ओत प्रोत बातें बताया करते थे. शहीद की बेटी का कहना है कि वह अपने पिता के तरह ही इस वतन की मिट्टी से प्रेम करती है. ईटीवी भारत इस जांबाज बेटी को सलाम करता है.