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राजसमंदः 'सेल्फी विद परिंडा' अभियान की शुरुआत, करीब 400 परिंडे बांधे

पूरे राजस्थान में इन दिनों गर्मी अपनी चरम सीमा पर हैं. ऐसे में पक्षियों को इस गर्मी में पानी ढूंढ पाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा हैं. इस कड़ी में कैरियर महिला मण्डल की महिलाओं द्वारा सेल्फी विद परिंडा अभियान चलाया जा रहा हैं. वहीं इस अभियान के तहत 400 के करीब परिण्डे बांधे जा चुके है.

राजसमंद में परिंडे बंधे, Parinde tied in Rajsamand
सेल्फी विद परिंडा अभियान की शुरुआत
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Published : Apr 26, 2020, 5:19 PM IST

राजसमंद. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन है. इस लॉकडाउन के बीच प्रदेश में गर्मी का भी सितम देखने को मिल रहा है. वहीं इस गर्मी में चिड़ियों को पानी नहीं मिल पा रहा है.

राजसमंद में परिंडे बंधे, Parinde tied in Rajsamand
सेल्फी विद परिंडा अभियान की शुरुआत

ऐसे में इस समस्या को देखते हुए नेहरू युवा केंद्र राजसमंद के कैरियर महिला मण्डल की महिलाओं द्वारा सेल्फी विद परिंडा अभियान पक्षियों के लिए सहारा बन रहा है. यह अभियान राजसमंद सहित पाली, अजमेर, जालोर, उदयपुर, सवाई माधोपुर, भीलवाड़ा, कोटा, चित्तौड़गढ़, जयपुर, सीकर, बांसवाड़ा सहित कई जिलों में फैल चुका हैं.

अभियान के तहत कई पक्षी मित्र पक्षियों के लिए दाना, घोंसले बनाना, परिंडा बांधकर उनकी रक्षा करने का दायित्व निभाकर पर्यावरण के प्रति अपनी सजगता का परिचय दे रहे हैं. लॉकडाउन में सेल्फी विद परिंडा अभियान के तहत 400 के करीब परिण्डे बांधे जा चुके है.

पढ़ेंः CORONA की मार: थम गए सुर, धीमी पड़ी थाप और बढ़ गई पेट की आग

इस अभियान में अभी तक रीना खींची, करन कार्निवाल पूर्व सेनिक, मुश्ताक मोहम्मद, नीलम सोलंकी, फतह सिंह , रावत, दीपक सेन, इरफान मोहम्मद, धुर्विका सिंह, इंद्रा कुमारी, पूजा सेन सहित कई लोगों ने अपने घरों पर परिण्डे बांधे.

राजसमंद में परिंडे बंधे, Parinde tied in Rajsamand
सेल्फी विद परिंडा अभियान की शुरुआत

सेल्फी विद परिंडा अभियान बन रहा है प्रेरणा

पूर्व सैनिक करन कार्निवाल ने बताया कि यह अभियान लोगों के लिए प्रेरणा बन रहा हैं. वह पिछले कई साल से प्रकृति और पक्षियों के प्रति अपनी जिम्मेदारी का अहसास करवा रहें हैं और लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रेरित भी कर रहे हैं.

पढ़ेंः जयपुरः लॉकडाउन के दौरान घरों की छतों पर ही जॉगिंग ट्रैक, जिम, पार्क और खेल का मैदान

पक्षी हमारे पर्यावरण को शुद्ध रखते हैं और हमारे जीवन में इनका एक अहम योगदान हैं. पक्षी हर मायने में किसानों के भी मित्र होते हैं. पक्षी, जंतु और जंगल नहीं होंगे तो यह प्रकृति को सबसे बड़ा नुकसान पहुंचेगा. प्रकृति को नुकसान पहुंचेगा तो हमारा वजूद भी खतरे में आ जाएगा. इसलिए हमें पशु-पक्षियों के लिए दाना-पानी और खाना की जिम्मेदारी लेकर उनको बचाने की दिशा में कार्य करना चाहिए.

राजसमंद. कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन है. इस लॉकडाउन के बीच प्रदेश में गर्मी का भी सितम देखने को मिल रहा है. वहीं इस गर्मी में चिड़ियों को पानी नहीं मिल पा रहा है.

राजसमंद में परिंडे बंधे, Parinde tied in Rajsamand
सेल्फी विद परिंडा अभियान की शुरुआत

ऐसे में इस समस्या को देखते हुए नेहरू युवा केंद्र राजसमंद के कैरियर महिला मण्डल की महिलाओं द्वारा सेल्फी विद परिंडा अभियान पक्षियों के लिए सहारा बन रहा है. यह अभियान राजसमंद सहित पाली, अजमेर, जालोर, उदयपुर, सवाई माधोपुर, भीलवाड़ा, कोटा, चित्तौड़गढ़, जयपुर, सीकर, बांसवाड़ा सहित कई जिलों में फैल चुका हैं.

अभियान के तहत कई पक्षी मित्र पक्षियों के लिए दाना, घोंसले बनाना, परिंडा बांधकर उनकी रक्षा करने का दायित्व निभाकर पर्यावरण के प्रति अपनी सजगता का परिचय दे रहे हैं. लॉकडाउन में सेल्फी विद परिंडा अभियान के तहत 400 के करीब परिण्डे बांधे जा चुके है.

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इस अभियान में अभी तक रीना खींची, करन कार्निवाल पूर्व सेनिक, मुश्ताक मोहम्मद, नीलम सोलंकी, फतह सिंह , रावत, दीपक सेन, इरफान मोहम्मद, धुर्विका सिंह, इंद्रा कुमारी, पूजा सेन सहित कई लोगों ने अपने घरों पर परिण्डे बांधे.

राजसमंद में परिंडे बंधे, Parinde tied in Rajsamand
सेल्फी विद परिंडा अभियान की शुरुआत

सेल्फी विद परिंडा अभियान बन रहा है प्रेरणा

पूर्व सैनिक करन कार्निवाल ने बताया कि यह अभियान लोगों के लिए प्रेरणा बन रहा हैं. वह पिछले कई साल से प्रकृति और पक्षियों के प्रति अपनी जिम्मेदारी का अहसास करवा रहें हैं और लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रेरित भी कर रहे हैं.

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पक्षी हमारे पर्यावरण को शुद्ध रखते हैं और हमारे जीवन में इनका एक अहम योगदान हैं. पक्षी हर मायने में किसानों के भी मित्र होते हैं. पक्षी, जंतु और जंगल नहीं होंगे तो यह प्रकृति को सबसे बड़ा नुकसान पहुंचेगा. प्रकृति को नुकसान पहुंचेगा तो हमारा वजूद भी खतरे में आ जाएगा. इसलिए हमें पशु-पक्षियों के लिए दाना-पानी और खाना की जिम्मेदारी लेकर उनको बचाने की दिशा में कार्य करना चाहिए.

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