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जब विद्यालय बंद है, तो शुल्क क्यों लिया जा रहा है: किरण माहेश्वरी - rajasthan hindi news

राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी ने निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा विद्यार्थियों से शुल्क वसूली को पूर्णता अनैतिक और विधि विरुद्ध बताया है. साथ ही कहा कि शिक्षण संस्थानों को जितने समय विद्यालय बंद रहे, उतने समय के अनुपात में अपने सभी शुल्क कम कर देनी चाहिए.

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विधायक किरण माहेश्वरी
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Published : Jul 4, 2020, 8:28 PM IST

राजसमंद. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न हुई परिस्थितियों की वजह से सभी निजी शिक्षण संस्थान बंद है. इस बीच पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री और राजसमंद से विधायक किरण माहेश्वरी ने निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा विद्यार्थियों से शुल्क वसूली को पूर्णता अनैतिक और विधि विरुद्ध बताया है.

उन्होंने कहा कि किसी भी सेवा का शुल्क सेवा का स्तर बनाए रखते हुए देने पर ही लिया जा सकता है. इन दिनों सारे शिक्षण संस्थान बंद है. विद्यार्थियों को अध्ययन करवाया नहीं जा रहा है. किंतु शुल्क जमा करवाने के लिए बार-बार कहा जा रहा है.

पढ़ेंः JEE Main: परीक्षा केंद्र बदलने और Re-correction का मौका 15 जुलाई तक

किरण माहेश्वरी ने कहा कि शिक्षण संस्थानों को जितने समय विद्यालय बंद रहे, उतने समय के अनुपात में अपने सभी शुल्क कम कर देनी चाहिए. विद्यालय नियमित रूप से प्रारंभ हो, उसके बाद ही आनुपातिक शुल्क लिया जाना चाहिए. ऑनलाइन अध्ययन का स्तर अत्यंत निम्न है. इस पर विद्यालय को विशेष वयय भी नहीं होता है. वैसे भी केंद्र सरकार ने प्रत्येक कक्षा के लिए प्रथक टीवी चैनल चलाकर शिक्षण व्यवस्था की है.

माहेश्वरी ने कहां की राजस्थान सरकार महामारी अध्यादेश के प्रावधानों का उपयोग करते हुए निजी शिक्षण संस्थानों को शुल्क वसूली नहीं करने के निर्देश दें. शिक्षा राज्य मंत्री को लिखे पत्र में किरण माहेश्वरी ने विद्यालयों को शुल्क नहीं लेने के निर्देश जारी करने का सामाजिक दायित्व बताया है. शिक्षण संस्थाएं शिक्षकों का वेतन अपने पूर्व के अर्जित अधिशेष सेवन कर सकती हैं.

राजसमंद. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न हुई परिस्थितियों की वजह से सभी निजी शिक्षण संस्थान बंद है. इस बीच पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री और राजसमंद से विधायक किरण माहेश्वरी ने निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा विद्यार्थियों से शुल्क वसूली को पूर्णता अनैतिक और विधि विरुद्ध बताया है.

उन्होंने कहा कि किसी भी सेवा का शुल्क सेवा का स्तर बनाए रखते हुए देने पर ही लिया जा सकता है. इन दिनों सारे शिक्षण संस्थान बंद है. विद्यार्थियों को अध्ययन करवाया नहीं जा रहा है. किंतु शुल्क जमा करवाने के लिए बार-बार कहा जा रहा है.

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किरण माहेश्वरी ने कहा कि शिक्षण संस्थानों को जितने समय विद्यालय बंद रहे, उतने समय के अनुपात में अपने सभी शुल्क कम कर देनी चाहिए. विद्यालय नियमित रूप से प्रारंभ हो, उसके बाद ही आनुपातिक शुल्क लिया जाना चाहिए. ऑनलाइन अध्ययन का स्तर अत्यंत निम्न है. इस पर विद्यालय को विशेष वयय भी नहीं होता है. वैसे भी केंद्र सरकार ने प्रत्येक कक्षा के लिए प्रथक टीवी चैनल चलाकर शिक्षण व्यवस्था की है.

माहेश्वरी ने कहां की राजस्थान सरकार महामारी अध्यादेश के प्रावधानों का उपयोग करते हुए निजी शिक्षण संस्थानों को शुल्क वसूली नहीं करने के निर्देश दें. शिक्षा राज्य मंत्री को लिखे पत्र में किरण माहेश्वरी ने विद्यालयों को शुल्क नहीं लेने के निर्देश जारी करने का सामाजिक दायित्व बताया है. शिक्षण संस्थाएं शिक्षकों का वेतन अपने पूर्व के अर्जित अधिशेष सेवन कर सकती हैं.

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