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राजसमंद झील को भरने का राजनीतिक पार्टियों का वादा फेल...दिन पर दिन सूख रही - झील

राजसमंद झील को हर चुनाव के समय, बीजेपी और कांग्रेस, दोनों दलों की तरफ से लबालब भरने का वादा जनता को दिया गया. लेकिन, वो वादा धरातल तक नहीं उतर पाया. जिससे राजसमंद झील का पानी दिन पर दिन सूखता जा रहा है, जो एक चिंता का विषय है. बता दें, इस झील का निर्माण महाराणा राजसिंह ने करवाया था.

दिन ब दिन सूख रही राजसमंद झील
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Published : Jun 22, 2019, 6:33 PM IST

राजसमंद. ऐतिहासिक राजसमंद झील में पानी लाने की योजना अभी तक धरातल पर नहीं उतर पाई है. इस संबंध में भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही पार्टियों के नेताओं ने झील को पर्यटन और सिंचाई पेयजल की दृष्टि से लबालब रखने की बात कही थी. लेकिन, अभी तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जिससे झील का पानी सूखता जा रहा है.

दिन ब दिन सूख रही राजसमंद झील

दरअसल, जहां एक तरफ 2013 में झील को भरने के लिए कांग्रेस सरकार ने माही से राजसमंद झील में पानी लाने के लिए योजना बनाने की बात कही थी. लेकिन, वह बात भी अधूरी साबित हुई. वहीं, 2018 में भाजपा सरकार के अपने अंतिम बजट में झील में देवास से पानी लाने की योजना साकार करने का सपना दिखाया था. लेकिन, वह भी धरातल पर नहीं उतर पाया. जिसके कारण झील निरंतर सूख रही है. जलस्तर लगातार घट रहा है. क्योंकि नेताओं ने झील को भरने के लिए वादे तो अनेक किए. लेकिन अपने वादों को धरातल पर उतारने में असफल साबित रहे.

बता दें, राजसमंद झील का निर्माण साल1660 शताब्दी में महाराणा राजसिंह ने करवाया था. यह 2.82 किमी चौड़ी, 6.4 किमी लंबी और 18 मीटर तक गहरी है. इसका केचमेंट एरिया बेहद विशाल लगभग 510 वर्ग किलोमीटर का है. वहीं, इस की भराव क्षमता 30 फिट की है. जबकि, कुल भराव 3786 एमसीएफटी वर्तमान में जलस्तर 5.60 गेज फिट है. ऐसे में अब देखना होगा कि विश्व के दूसरे मीठे पानी की झील को भरने के लिए सरकार और राजसमंद के जनप्रतिनिधि क्या करते हैं.

राजसमंद. ऐतिहासिक राजसमंद झील में पानी लाने की योजना अभी तक धरातल पर नहीं उतर पाई है. इस संबंध में भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही पार्टियों के नेताओं ने झील को पर्यटन और सिंचाई पेयजल की दृष्टि से लबालब रखने की बात कही थी. लेकिन, अभी तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जिससे झील का पानी सूखता जा रहा है.

दिन ब दिन सूख रही राजसमंद झील

दरअसल, जहां एक तरफ 2013 में झील को भरने के लिए कांग्रेस सरकार ने माही से राजसमंद झील में पानी लाने के लिए योजना बनाने की बात कही थी. लेकिन, वह बात भी अधूरी साबित हुई. वहीं, 2018 में भाजपा सरकार के अपने अंतिम बजट में झील में देवास से पानी लाने की योजना साकार करने का सपना दिखाया था. लेकिन, वह भी धरातल पर नहीं उतर पाया. जिसके कारण झील निरंतर सूख रही है. जलस्तर लगातार घट रहा है. क्योंकि नेताओं ने झील को भरने के लिए वादे तो अनेक किए. लेकिन अपने वादों को धरातल पर उतारने में असफल साबित रहे.

बता दें, राजसमंद झील का निर्माण साल1660 शताब्दी में महाराणा राजसिंह ने करवाया था. यह 2.82 किमी चौड़ी, 6.4 किमी लंबी और 18 मीटर तक गहरी है. इसका केचमेंट एरिया बेहद विशाल लगभग 510 वर्ग किलोमीटर का है. वहीं, इस की भराव क्षमता 30 फिट की है. जबकि, कुल भराव 3786 एमसीएफटी वर्तमान में जलस्तर 5.60 गेज फिट है. ऐसे में अब देखना होगा कि विश्व के दूसरे मीठे पानी की झील को भरने के लिए सरकार और राजसमंद के जनप्रतिनिधि क्या करते हैं.

Intro:राजसमंद झील को हर चुनाव के समय लबालब भरने का वादा जनता को दिया गया. लेकिन यह वादा धरातल तक नहीं उतर पाया.
राजसमंद- ऐतिहासिक राजसमंद झील में पानी लाने की योजनाएं अभी तक धरातल पर नहीं उतर पाई. जहां एक तरफ भाजपा और कांग्रेस दोनों के ही पार्टियों के नेताओं ने झील को पर्यटन और सिंचाई पेयजल की दृष्टि से लबालब रखने की बात कही थी. लेकिन यह सभी बातें बातों में ही लबालब भरी दिखाई दी गई. अभी तक सरकारों ने इस झील को भरने के लिए योजनाएं बनाई है.लेकिन वे कोई भी योजनाएं अमल में नहीं आ पाए झील को भरने के लिए.


Body:जहां एक तरफ 2013 मैं झील को भरने के लिए कांग्रेस सरकार ने माही से राजसमंद झील में पानी लाने के लिए योजना बनाने की बात कही थी.लेकिन वह बात भी अधूरी साबित हुई वही 2018 मैं भाजपा सरकार के अपने अंतिम बजट में झील मैं देवास से पानी लाने की योजना साकार करने का सपना दिखाया था.लेकिन वह भी धरातल पर नहीं उतर पाया. जिसके कारण झील निरंतर सूख रही है. जलस्तर लगातार घट रहा है. क्योंकि नेताओं ने झील को भरने के लिए वादे तो अनेक किए. लेकिन अपने वादों को धरातल पर उतारने में असफल साबित रहे.
आपको बता दें कि राजसमंद झील का निर्माण सन,1660 शताब्दी में महाराणा राज सिंह ने करवाया था.यह 2.82 किमी चौड़ी,6.4 किमी लंबी कथा 18 मीटर तक गहरी है. इसका केचमेंट एरिया बेहद विशाल लगभग 510 किलोमीटर का है.


Conclusion:वहीं इस की भराव क्षमता 30 फिट की है.जबकि कुल भराव 3786 एमसीएफटी वर्तमान में जलस्तर5.60 गेज फिट है.अब देखना होगा.कि विश्व के दूसरे मीठे पानी की झील को भरने के लिए सरकार और राजसमंद के जनप्रतिनिधि क्या करते हैं.
बाइट- लोकेश कुमार सुथार- जूनियर इंजीनियर कनिष्ठ अभियंता
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