राजसमंद. दिवाली का पावन पर्व को आने में करीब 2 सप्ताह से भी कम समय बचा है. जिसको लेकर जिले में तैयारियां शुरू हो गई हैं, साथ ही जिले के सभी मिष्ठान भंडारों पर मिठाइयां बनना शुरू हो गई हैं. वहीं दूसरी तरफ इन मिठाइयों की क्वालिटी की जांच के लिए चिकित्सा विभाग मुस्तैद नहीं दिखाई दे रहा.
बता दें कि पिछले दिनों राज्य सरकार ने आदेश जारी करते हुए एफएसओ रमेश चंद्र सैनी का तबादला कर उन्हें अजमेर भेज दिया गया था जो पहले राजसमंद में थे. उनकी जगह सवाई माधोपुर से नरेश चेजारा को लगाया गया, लेकिन उन्होंने अभी तक राजसमंद में इस पद को ज्वाइन नहीं किया. जिसके कारण मिष्ठान भंडार की दुकानों पर धड़ल्ले से मिठाइयां बन रही है. जिनकी क्वालिटी को मापने के लिए चिकित्सा विभाग मूकदर्शक बना हुआ है. जहां एक और दिवाली के त्यौहार को देखते हुए विभाग ने 3 अक्टूबर से प्रदेश में 'शुद्ध के लिए युद्ध' अभियान शुरू कर रखा है, लेकिन इस अभियान को शुरू होने के बाद भी जिले में करीब इस अभियान के 14 दिन बीत जाने के बाद भी विभाग कुछ नहीं कर पाया है.
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जहां एक और जिले में एफएसओ के दो पद है, जोकि एक पद तो लंबे समय से रिक्त चल रहा है वहीं दूसरा पद वर्तमान में हुए ट्रांसफर के कारण खाली है. वहीं ईटीवी भारत ने जब चिकित्सा विभाग की पिछले 5 सालों के जिले के मिष्ठान भंडारों से लिए गए सैम्पलों के आंकड़े खंगाले तो सामने आया कि 2015 से लेकर 2019 अक्टूबर तक विभाग ने करीब 472 सैंपल लिए. बता दें कि जब ईटीवी भारत ने सीएमएचओ जेपी बुनकर से सवाल पूछा कि प्रदेश भर में विभाग द्वारा अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन जिले में अभी तक यह अभियान शुरू नहीं हो पाया. जिसको लेकर उन्होंने बताया कि एफएसओ नहीं होने के कारण अभियान की शुरुआत नहीं हो पाई.