ETV Bharat / state

राजस्थान उपचुनाव: राजसमंद में भाजपा का टिकट तय करेगा कांग्रेसी उम्मीदवार का चेहरा - bjp candidate in rajsamand byelection

राजस्थान में तीन सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं. राजसमंद सीट पर भाजपा का उम्मीदवार कौन होगा यह काफी हद तक कांग्रेस का उम्मीदवार कौन होगा तय करेगा. अगर भाजपा से दीप्ति माहेश्वरी को टिकट मिलती है तो कांग्रेस तनसुख बोहरा को चुनाव मैदान में उतार सकती है. अगर दीप्ति की जगह बीजेपी किसी और को टिकट देती है तो मुख्यमंत्री गहलोत के बेटे वैभव गहलोत का चुनावी मैदान में उतरना तय माना जा रहा है.

rajasthan byelection,  rajsamand byelection
राजस्थान उपचुनाव
author img

By

Published : Mar 22, 2021, 5:18 PM IST

राजसमंद. राजस्थान में तीन सीटों पर 17 अप्रैल को उपचुनाव होने जा रहे हैं. कांग्रेस और भाजपा ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है. दोनों पार्टियां इन उपचुनावों में अपनी पूरी ताकत झोंक रही हैं. राजसमंद सीट पर दोनों पार्टियों से टिकट किसे मिलेगा यह अभी तय नहीं हुआ है. लेकिन एक दिलचस्प बात निकल कर सामने आ रही है. वो ये कि भाजपा किसे टिकट देती है यह तय करेगा कि कांग्रेस का उम्मीदवार कौन होगा.

पढ़ें: अजय माकन पहुंचे जयपुर, कहा- सरकार का काम बहुत अच्छा, तीनों सीटें जीतेंगी कांग्रेस

क्या है टिकट वितरण के पीछे की पॉलिटिक्स

बताया जा रहा है कि 25 या 26 मार्च को भाजपा अपने उम्मीदवार का एलान कर सकती है. भाजपा में इस समय किरण माहेश्वरी की बेटी दीप्ति माहेश्वरी का नाम सबसे आगे चल रहा है. अगर भाजपा दीप्ति माहेश्वरी को टिकट देती है तो कांग्रेस तनसुख बोहरा को चुनाव मैदान में उतार सकती है. तनसुख बोहरा एक मार्बल व्यवसाई हैं. जिसके चलते उन्हें मार्बल लॉबी और केलवा के निवासी होने के कारण तेली समाज का समर्थन मिल सकता है. वहीं जैन समाज का होने के चलते सवर्ण वर्ग का भी समर्थन मिल सकता है.

राजस्थान उपचुनाव

वैभव गहलोत उतर सकते हैं मैदान में

वहीं बीजेपी में भी दीप्ति माहेश्वरी का एक धड़ा विरोध कर रहा है. मेवाड़ वाले भाई साहब के नाम से एक नेता हैं जिनकी किरण माहेश्वरी से अदावत जनजाहिर थी. उन्होंने रविवार को जयपुर में हुई प्रदेश प्रभारी के साथ बैठक में खुलकर दीप्ति के टिकट का विरोध किया था. ऐसे में कुछ और दावेदार भाजपा की तरफ से सामने आ रहे हैं उनमें दिनेश बडाला, श्याम सुंदर पालीवाल और अशोक रांका के नाम शामिल हैं. अगर बीजेपी दीप्ति माहेश्वरी को टिकट नहीं देती है तो कांग्रेस राजसमंद से अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को चुनाव मैदान में उतार सकती है. सूत्रों की माने तो अंदर खाने इसकी तैयारियां भी चल रही हैं. पिछले एक माह में वैभव दो बार राजसमंद की यात्रा भी कर चुके हैं.

कांग्रेस की क्या है अंदरखाने तैयारी

16 मार्च को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और गोविंद सिंह डोटासरा ने राजसमंद नगर परिषद के नवनिर्वाचित पार्षदों, पंचायती राज जनप्रतिनिधि, जिला कार्यकारिणी के सदस्य और अन्य कांग्रेसी नेताओं से मुलाकात की थी. हालांकि इस मुलाकात को सामान्य मुलाकात बताया जा रहा था. लेकिन इसके पीछे बड़ा उद्देश्य कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का मन टटोलना था. साथ ही उनको यह स्पष्ट संदेश देना था कि कांग्रेस का प्रत्याशी आलाकमान ही तय करेगा.

सूत्रों की माने तो प्रदेश सचिव पुष्पेंद्र भारद्वाज के निवास पर 16 मार्च की रात को हुई. बैठक में स्पीकर सीपी जोशी ने सभी कांग्रेसी दावेदारों से बात की और पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा प्रकट करवाई. जिसके बाद कई दावेदारों ने अपने कदम बैकफुट पर ले लिए. यह सीपी जोशी की सोची समझी रणनीति मानी जा रही है कि सभी दावेदारों को एक जाजम पर लाकर और उनका पार्टी के प्रति समर्थन करवाकर जरूरत पड़ने पर वैभव गहलोत को मैदान में उतारा जा सके.

जनता सेना भी दिखा सकती है दम

दीप्ति माहेश्वरी को टिकट नहीं मिलने की सूरत में जनता सेना भी राजसमंद उपचुनाव में अपना प्रत्याशी खड़ा कर सकती है. जनता सेना को करणी सेना का भी समर्थन मिल सकता है. इस बात के संकेत खुद जनता सेना के रणधीर सिंह भिंडर ने दिए थे. भिंडर गुपचुप तरीके से राजसमंद की यात्रा भी कर चुके हैं. रणधीर भिंडर को गुलाब कटारिया का धुर विरोधी माना जाता है. ऐसे में दीप्ति को टिकट नहीं मिलेगा तो कटारिया खेमे की ही चलेगी और उनके ही किसी समर्थक को टिकट मिलेगा. ऐसे में भिंडर अपना प्रत्याशी खड़ा कर कटारिया समर्थक की राह मुश्किल कर सकते हैं.

राजसमंद. राजस्थान में तीन सीटों पर 17 अप्रैल को उपचुनाव होने जा रहे हैं. कांग्रेस और भाजपा ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है. दोनों पार्टियां इन उपचुनावों में अपनी पूरी ताकत झोंक रही हैं. राजसमंद सीट पर दोनों पार्टियों से टिकट किसे मिलेगा यह अभी तय नहीं हुआ है. लेकिन एक दिलचस्प बात निकल कर सामने आ रही है. वो ये कि भाजपा किसे टिकट देती है यह तय करेगा कि कांग्रेस का उम्मीदवार कौन होगा.

पढ़ें: अजय माकन पहुंचे जयपुर, कहा- सरकार का काम बहुत अच्छा, तीनों सीटें जीतेंगी कांग्रेस

क्या है टिकट वितरण के पीछे की पॉलिटिक्स

बताया जा रहा है कि 25 या 26 मार्च को भाजपा अपने उम्मीदवार का एलान कर सकती है. भाजपा में इस समय किरण माहेश्वरी की बेटी दीप्ति माहेश्वरी का नाम सबसे आगे चल रहा है. अगर भाजपा दीप्ति माहेश्वरी को टिकट देती है तो कांग्रेस तनसुख बोहरा को चुनाव मैदान में उतार सकती है. तनसुख बोहरा एक मार्बल व्यवसाई हैं. जिसके चलते उन्हें मार्बल लॉबी और केलवा के निवासी होने के कारण तेली समाज का समर्थन मिल सकता है. वहीं जैन समाज का होने के चलते सवर्ण वर्ग का भी समर्थन मिल सकता है.

राजस्थान उपचुनाव

वैभव गहलोत उतर सकते हैं मैदान में

वहीं बीजेपी में भी दीप्ति माहेश्वरी का एक धड़ा विरोध कर रहा है. मेवाड़ वाले भाई साहब के नाम से एक नेता हैं जिनकी किरण माहेश्वरी से अदावत जनजाहिर थी. उन्होंने रविवार को जयपुर में हुई प्रदेश प्रभारी के साथ बैठक में खुलकर दीप्ति के टिकट का विरोध किया था. ऐसे में कुछ और दावेदार भाजपा की तरफ से सामने आ रहे हैं उनमें दिनेश बडाला, श्याम सुंदर पालीवाल और अशोक रांका के नाम शामिल हैं. अगर बीजेपी दीप्ति माहेश्वरी को टिकट नहीं देती है तो कांग्रेस राजसमंद से अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को चुनाव मैदान में उतार सकती है. सूत्रों की माने तो अंदर खाने इसकी तैयारियां भी चल रही हैं. पिछले एक माह में वैभव दो बार राजसमंद की यात्रा भी कर चुके हैं.

कांग्रेस की क्या है अंदरखाने तैयारी

16 मार्च को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और गोविंद सिंह डोटासरा ने राजसमंद नगर परिषद के नवनिर्वाचित पार्षदों, पंचायती राज जनप्रतिनिधि, जिला कार्यकारिणी के सदस्य और अन्य कांग्रेसी नेताओं से मुलाकात की थी. हालांकि इस मुलाकात को सामान्य मुलाकात बताया जा रहा था. लेकिन इसके पीछे बड़ा उद्देश्य कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का मन टटोलना था. साथ ही उनको यह स्पष्ट संदेश देना था कि कांग्रेस का प्रत्याशी आलाकमान ही तय करेगा.

सूत्रों की माने तो प्रदेश सचिव पुष्पेंद्र भारद्वाज के निवास पर 16 मार्च की रात को हुई. बैठक में स्पीकर सीपी जोशी ने सभी कांग्रेसी दावेदारों से बात की और पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा प्रकट करवाई. जिसके बाद कई दावेदारों ने अपने कदम बैकफुट पर ले लिए. यह सीपी जोशी की सोची समझी रणनीति मानी जा रही है कि सभी दावेदारों को एक जाजम पर लाकर और उनका पार्टी के प्रति समर्थन करवाकर जरूरत पड़ने पर वैभव गहलोत को मैदान में उतारा जा सके.

जनता सेना भी दिखा सकती है दम

दीप्ति माहेश्वरी को टिकट नहीं मिलने की सूरत में जनता सेना भी राजसमंद उपचुनाव में अपना प्रत्याशी खड़ा कर सकती है. जनता सेना को करणी सेना का भी समर्थन मिल सकता है. इस बात के संकेत खुद जनता सेना के रणधीर सिंह भिंडर ने दिए थे. भिंडर गुपचुप तरीके से राजसमंद की यात्रा भी कर चुके हैं. रणधीर भिंडर को गुलाब कटारिया का धुर विरोधी माना जाता है. ऐसे में दीप्ति को टिकट नहीं मिलेगा तो कटारिया खेमे की ही चलेगी और उनके ही किसी समर्थक को टिकट मिलेगा. ऐसे में भिंडर अपना प्रत्याशी खड़ा कर कटारिया समर्थक की राह मुश्किल कर सकते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.