राजसमंद. कोरोना के बढ़ते हुए संक्रमण को देखते हुए राजस्थान सरकार की ओर से राजस्थान एपिडेमिक एक्ट के तहत पटाखे बेचने और खरीद कर उन्हें जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है. इसके बाद प्रदेश के पटाखा व्यवसायियों के लिए काफी परेशानियां खड़ी हो गई है. साथ ही पटाखा व्यवसायियों के सामने रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है.
बता दें, हर साल प्रशासन दिवाली से पहले आवेदन आमंत्रित कर इसके लिए अस्थाई लाइसेंस जारी करता है. पिछले साल जिले में 61 लाइसेंस जारी किए गए थे, लेकिन इसके अलावा भी जिले में कई पटाखे की दुकानें लगती हैं. जिले में दिवाली पर करीब डेढ़ करोड़ रुपए के पटाखे बिकते हैं, लेकिन इस बार इस व्यवसाय पर ग्रहण लग गया है.
व्यवसाई सरकार के फैसले से आहत...
पटाखा व्यवसायियों से जब ईटीवी भारत के संवाददाता ने बात की तो उनका कहना था कि सरकार के इस फैसले से वे आहत हैं. व्यवसाई ने बताया कि दिवाली के सीजन के कारण उन्होंने पहले से ही विभिन्न प्रकार के पटाखों का स्टॉक जमा कर लिया था, लेकिन सरकार की ओर से लगाए गए रोक के बाद पटाखे गोदाम में पड़े हैं.
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पटाखा व्यवसाय से चलता है रोजी-रोटी...
पटाखा व्यवसाई शब्बीर मोहम्मद का कहना है कि पटाखे का व्यवसाय काफी पुराना है. हमारी रोजी-रोटी इसी से जुड़ी हुई है. उन्होंने बताया कि दिवाली का पर्व आने से दो-तीन महीने पहले ही पटाखों की खरीद कर स्टोर करते हैं. इसको लेकर एडवांस पैसा कंपनी को दिया जाता है. उन्होंने बताया कि काफी मात्रा में पटाखों का माल आ चुका है और दिवाली में 10 दिन से भी कम समय बचा है. इस बीच सरकार ने जो रोक लगाई है, इसकी सूचना हमें पहले मिल जाती तो अच्छा रहता.
सरकार का निर्णय गलत...
मांगीलाल का कहना है कि सरकार ने जो निर्णय लगाया है, वह गलत है. इस निर्णय से हमें काफी चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार को अगर रोक लगानी थी तो 2 महीने पहले इस से अवगत कराना चाहिए था, जिससे हम लोग पटाखे का स्टोर नहीं करते.
व्यवसायियों के सामने आर्थिक संकट...
एक अन्य व्यापारी बल्लू का कहना था कि किसानों की फसल जब खराब होती है तो सरकार उन्हें राहत देती है. लेकिन सरकार की ओर से पटाखा व्यवसाय पर रोक लगाया गया है, इसके कारण हमें आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने बताया कि इससे हमारे सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है.
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2019 में 61 अस्थाई लाइसेंस हुए थे जारी...
पिछले साल राजसमंद में पटाखों की बिक्री के लिए 61 अस्थाई लाइसेंस जारी हुए. शहर में जिला मुख्यालय पर 15, देवगढ़ में 7, भीम में 12, नाथद्वारा में 7, केलवाड़ा में एक और आमेट में 9 लाइसेंस जारी किए गए. साथ ही उपखंड स्तर पर राजसमंद में 13, देवगढ़ में 10, भीम में 10, नाथद्वारा में 9, केलवाड़ा में 5, आमेट से 7 और रेलमगरा से 8 लाइसेंस जारी हुए थे.