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खाद्य सुरक्षा योजना से वंचितों का नहीं हो पा रहा पंजीयन, सरकार ध्यान दें: किरण माहेश्वरी - खाद्य सुरक्षा से वंचित लोग

कोरोना महामारी का देश की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ा है. ऐसे में राजसमंद में गरीब लोगों का खाद्य सुरक्षा में नाम जोड़ा जा रहा है. सरकार ने पंजीयन के लिए 31 मई की समय सीमा निर्धारित की है. लेकिन विगत 3 दिनों से ई-मित्र पोर्टल चल ही नहीं रहा है. जिसको देखते हुए राज्य सरकार ने घर-घर सर्वेक्षण करने के आदेश दिए हैं.

People deprived of food security, खाद्य सुरक्षा से वंचित का नहीं हुआ पंजीयन
खाद्य सुरक्षा से वंचित का नहीं हुआ पंजीयन
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Published : May 31, 2020, 4:52 PM IST

राजसमंद. प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना महामारी से उत्पन्न हुई समस्याओं को देखते हुए जिन निर्धन गरीब लोगों का खाद्य सुरक्षा में नाम नहीं है, उनका नाम जोड़ा जा रहा है. लेकिन नाम जुड़वाने में समस्याएं सामने आ रही हैं. जिसे लेकर राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी ने कहा कि खाद्य सुरक्षा से बाहर रहे निर्धन परिवारों को निशुल्क खाद्यान्न के लिए पंजीयन ही नहीं हो पा रहा हैं.

जबकि सरकार ने पंजीयन के लिए 31 मई की समय सीमा निर्धारित की है. उन्होंने बताया कि विगत 3 दिनों से ई-मित्र पोर्टल चल ही नहीं रहा है. कभी-कभी पोर्टल खुल जाता है, तो विवरण भरते ही त्रुटि संदेश आ जाता है. राज्य सरकार ने मतदाता केंद्र अधिकारी के साथ कोर समिति गठित कर घर-घर सर्वेक्षण के आदेश दिए थे.

पढ़ेंः कोरोना से लड़ाई में काढ़ा बना मददगार, Corona संक्रमित मरीज 5 से 6 दिन में हो रहे Negative

माहेश्वरी ने कहा कि धरातल पर कोई सर्वेक्षण नहीं हो रहा है. मोबाइल फोन अनुप्रयोग भी नहीं चल रहा है. इस कारण राजसमंद जिले में 1 प्रतिशत भी नहीं हुआ है. किरण माहेश्वरी ने प्रशासन और जयपुर सचिवालय से वार्ता कर सामान्य जन का पंजीयन में आ रही समस्याओं से अवगत कराया है.

किरण माहेश्वरी ने पंजीयन की पूरी प्रक्रिया को ही गलत और अनावश्यक बताया है. राज्य सरकार के पास खाद्य सुरक्षा से वंचित निर्धन परिवारों की पूरी सूचना भामाशाह कार्ड प्रणाली में उपलब्ध है. अन्य राज्यों से आए प्रवासी की सूचना भी पृथक वास और चिकित्सा जांच के लिए एकत्रित सूचना में उपलब्ध है.

पढ़ेंः सरकारी योजनाओं का गलत फायदा उठाने वालों पर होगी कार्रवाईः खाद्य मंत्री मीणा

राज्य सरकार इनके आधार पर निशुल्क खाद्यान्न और दाल का वितरण कर सकती है. इसके अतिरिक्त कोई पात्र परिवार छूट जाता है, तो उसके लिए ई-मित्र पंजीयन सुविधा दे सकते हैं.

राजसमंद. प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना महामारी से उत्पन्न हुई समस्याओं को देखते हुए जिन निर्धन गरीब लोगों का खाद्य सुरक्षा में नाम नहीं है, उनका नाम जोड़ा जा रहा है. लेकिन नाम जुड़वाने में समस्याएं सामने आ रही हैं. जिसे लेकर राजसमंद विधायक किरण माहेश्वरी ने कहा कि खाद्य सुरक्षा से बाहर रहे निर्धन परिवारों को निशुल्क खाद्यान्न के लिए पंजीयन ही नहीं हो पा रहा हैं.

जबकि सरकार ने पंजीयन के लिए 31 मई की समय सीमा निर्धारित की है. उन्होंने बताया कि विगत 3 दिनों से ई-मित्र पोर्टल चल ही नहीं रहा है. कभी-कभी पोर्टल खुल जाता है, तो विवरण भरते ही त्रुटि संदेश आ जाता है. राज्य सरकार ने मतदाता केंद्र अधिकारी के साथ कोर समिति गठित कर घर-घर सर्वेक्षण के आदेश दिए थे.

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माहेश्वरी ने कहा कि धरातल पर कोई सर्वेक्षण नहीं हो रहा है. मोबाइल फोन अनुप्रयोग भी नहीं चल रहा है. इस कारण राजसमंद जिले में 1 प्रतिशत भी नहीं हुआ है. किरण माहेश्वरी ने प्रशासन और जयपुर सचिवालय से वार्ता कर सामान्य जन का पंजीयन में आ रही समस्याओं से अवगत कराया है.

किरण माहेश्वरी ने पंजीयन की पूरी प्रक्रिया को ही गलत और अनावश्यक बताया है. राज्य सरकार के पास खाद्य सुरक्षा से वंचित निर्धन परिवारों की पूरी सूचना भामाशाह कार्ड प्रणाली में उपलब्ध है. अन्य राज्यों से आए प्रवासी की सूचना भी पृथक वास और चिकित्सा जांच के लिए एकत्रित सूचना में उपलब्ध है.

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राज्य सरकार इनके आधार पर निशुल्क खाद्यान्न और दाल का वितरण कर सकती है. इसके अतिरिक्त कोई पात्र परिवार छूट जाता है, तो उसके लिए ई-मित्र पंजीयन सुविधा दे सकते हैं.

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