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देशव्यापी डाक्टरों की हड़ताल से मरीज परेशान...राजसमंद में अस्पताल में लगी मरीजों की लंबी कतार - rajsamand news

राजसमंद के आरके जिला अस्पताल में डाक्टरों की हड़ताल के कारण मरीजों को काफी परेशानियां हो रही हैं. चिकित्सकों की हड़ताल के कारण इलाज नहीं मिल पा रहा है. जिससे बच्चे, महिला और बुजुर्ग सभी वर्ग परेशान हैं.

राजसमंद में डाक्टरों की हड़ताल से मरीजों हैं काफी परेशान
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Published : Jun 17, 2019, 3:16 PM IST

राजसमंद. भारतीय चिकित्सा संघ नई दिल्ली के आह्वान पर सोमवार को निजी और सरकारी चिकित्सालयों के चिकित्सकों ने 24 घंटे के लिए चिकित्सा कार्यों का बहिष्कार किया हैं. जिसके कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा हैं. आर के जिला चिकित्सालय में बुजुर्ग, युवा, महिला और बच्चे सभी परेशान होते हुए नजर आये. अधिकांश मरीजों का कहना है कि हम घर से निकले थे तब हमें नहीं पता था कि आज सभी चिकित्सक हड़ताल पर रहेंगे.

तो वहीं अपना इलाज कराने आए सुरेश ने बताया कि, मैं सुबह से हॉस्पिटल आया हुआ हूं, लेकिन आज हड़ताल बताई जा रही हैं जिसके कारण वो इलाज नहीं करवा पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हड़ताल किसी समस्या का कोई समाधान नहीं हैं. इन्हें सरकार से बात करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि चिकित्सकों की जो भी समस्या हो उसे सरकार के साथ बैठकर हल करना चाहिए न की हड़ताल करके मरीजों को परेशान करना चाहिये.

ऐसा करने से समस्या का समाधान नहीं होता. वहीं इनके अलावा अपनी बच्ची का इलाज कराने आयी एक मां ने कहा कि मेरी बच्ची बीमार हैं. मैं सुबह से उसे लेकर हॉस्पिटल में घूम रही हूं लेकिन चिकित्सकों द्वारा हड़ताल बताकर इलाज नहीं किया जा रहा हैं.

राजसमंद जिले के डॉक्टरों ने रखी अपनी प्रतिक्रिया

क्या था मामला

पश्चिम बंगाल के कोलकाता में स्थित एनआरएस मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों पर हमले के विरोध में सोमवार को देशभर के डॉक्टरों हड़ताल पर हैं. पश्चिम बंगाल से शुरू हुई जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल अब देशभर में फैल चुकी है जिसका असर राजस्थान के भी कई हिस्सों में मिला. हमले के विरोध में सोमवार को देश भर में डाक्टरों चिकित्सक यह बहिष्कार कर रहे हैं, लेकिन इस बहिष्कार के कारण आम मरीजों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

राजसमंद जिले के डॉक्टरों ने रखी अपनी प्रतिक्रिया

राजसमंद के जिला आरके चिकित्सालय में भी चिकित्सकों ने चिकित्सा कार्य का बहिष्कार किया. मुख्य चिकित्सा अधिकारी नरेंद्र पालीवाल ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि जिस प्रकार से चिकित्सकों पर हमला किया वह बिल्कुल गलत है. इससे सभी चिकित्सकों में रोष का माहौल है.

उन्होंने कहा की सरकार को ऐसा कानून बनाना चाहिए जिसके कारण जो भी डॉक्टरों के साथ अमानवीय व्यवहार करते हैं, उन्हें सख्त सजा मिल सके. उन्होनें अस्पताल में पर्याप्त सुरक्षा गार्ड भी लगवाने की मांग की. उन्होंने कहा कि अगर इस प्रकार की घटनाएं हुई तो भविष्य में गंभीर पेशेंट को डॉक्टर देखना ही बंद कर लेगा क्योंकि उनके मन में भय रहेगा.

वहीं डॉ रमेश रजक ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि कोलकाता में मेडिकल कॉलेज में जो हिंसा की घटना हुई है. जिसके विरोध में आज ओपीडी सुविधाओं का बहिष्कार किया गया हैं.उन्होंने कहा कि आने वाले समय में डॉक्टरों को सुरक्षा मुहैया कराना सरकार की जिम्मेदारी हैं.

राजसमंद. भारतीय चिकित्सा संघ नई दिल्ली के आह्वान पर सोमवार को निजी और सरकारी चिकित्सालयों के चिकित्सकों ने 24 घंटे के लिए चिकित्सा कार्यों का बहिष्कार किया हैं. जिसके कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा हैं. आर के जिला चिकित्सालय में बुजुर्ग, युवा, महिला और बच्चे सभी परेशान होते हुए नजर आये. अधिकांश मरीजों का कहना है कि हम घर से निकले थे तब हमें नहीं पता था कि आज सभी चिकित्सक हड़ताल पर रहेंगे.

तो वहीं अपना इलाज कराने आए सुरेश ने बताया कि, मैं सुबह से हॉस्पिटल आया हुआ हूं, लेकिन आज हड़ताल बताई जा रही हैं जिसके कारण वो इलाज नहीं करवा पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हड़ताल किसी समस्या का कोई समाधान नहीं हैं. इन्हें सरकार से बात करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि चिकित्सकों की जो भी समस्या हो उसे सरकार के साथ बैठकर हल करना चाहिए न की हड़ताल करके मरीजों को परेशान करना चाहिये.

ऐसा करने से समस्या का समाधान नहीं होता. वहीं इनके अलावा अपनी बच्ची का इलाज कराने आयी एक मां ने कहा कि मेरी बच्ची बीमार हैं. मैं सुबह से उसे लेकर हॉस्पिटल में घूम रही हूं लेकिन चिकित्सकों द्वारा हड़ताल बताकर इलाज नहीं किया जा रहा हैं.

राजसमंद जिले के डॉक्टरों ने रखी अपनी प्रतिक्रिया

क्या था मामला

पश्चिम बंगाल के कोलकाता में स्थित एनआरएस मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों पर हमले के विरोध में सोमवार को देशभर के डॉक्टरों हड़ताल पर हैं. पश्चिम बंगाल से शुरू हुई जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल अब देशभर में फैल चुकी है जिसका असर राजस्थान के भी कई हिस्सों में मिला. हमले के विरोध में सोमवार को देश भर में डाक्टरों चिकित्सक यह बहिष्कार कर रहे हैं, लेकिन इस बहिष्कार के कारण आम मरीजों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.

राजसमंद जिले के डॉक्टरों ने रखी अपनी प्रतिक्रिया

राजसमंद के जिला आरके चिकित्सालय में भी चिकित्सकों ने चिकित्सा कार्य का बहिष्कार किया. मुख्य चिकित्सा अधिकारी नरेंद्र पालीवाल ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि जिस प्रकार से चिकित्सकों पर हमला किया वह बिल्कुल गलत है. इससे सभी चिकित्सकों में रोष का माहौल है.

उन्होंने कहा की सरकार को ऐसा कानून बनाना चाहिए जिसके कारण जो भी डॉक्टरों के साथ अमानवीय व्यवहार करते हैं, उन्हें सख्त सजा मिल सके. उन्होनें अस्पताल में पर्याप्त सुरक्षा गार्ड भी लगवाने की मांग की. उन्होंने कहा कि अगर इस प्रकार की घटनाएं हुई तो भविष्य में गंभीर पेशेंट को डॉक्टर देखना ही बंद कर लेगा क्योंकि उनके मन में भय रहेगा.

वहीं डॉ रमेश रजक ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि कोलकाता में मेडिकल कॉलेज में जो हिंसा की घटना हुई है. जिसके विरोध में आज ओपीडी सुविधाओं का बहिष्कार किया गया हैं.उन्होंने कहा कि आने वाले समय में डॉक्टरों को सुरक्षा मुहैया कराना सरकार की जिम्मेदारी हैं.

Intro:राजसमंद के आर के अस्पताल में मरीज हो रहे हैं. परेशान चिकित्सकों की हड़ताल के कारण नहीं मिल पा रहा है. इलाज बच्चे महिला बुजुर्ग सभी दिखाई दिए परेशान



राजसमंद- भारतीय चिकित्सा संघ नई दिल्ली के आह्वान पर सोमवार को निजी व सरकारी चिकित्सालय के चिकित्सकों ने 24 घंटे के लिए चिकित्सा कार्यों का बहिष्कार किया. जिसके कारण और मरीजों को काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ा आर के जिला चिकित्सालय में बुजुर्ग युवा महिला बच्चे सभी परेशान होते हुए नजर आए अधिकांश मरीजों का कहना था. कि हम घर से निकले थे. तब हमें नहीं पता था कि आज सभी चिकित्सक हड़ताल पर रहेंगे.


Body:तो वही अपना इलाज कराने आए सुरेश ने बताया कि मैं सुबह से हॉस्पिटल आया हुआ हूं.लेकिन आज हड़ताल बताई जा रही है. उन्होंने कहा कि हड़ताल किसी समस्या का कोई समाधान नहीं है. इन्हें सरकार से बात करनी चाहिए उन्होंने कहा कि चिकित्सकों की जो भी समस्या हो उसे सरकार के साथ बैठकर हल करना चाहिए ना की हड़ताल कर के मरीजों को परेशान करने से किसी समस्या का समाधान नहीं होता. वहीं इनके अलावा अपने बच्ची का इलाज कराने एक मां ने कहा कि मेरी बच्ची बीमार है. मैं सुबह से उसे लेकर हॉस्पिटल में घूम रही हूं. लेकिन चिकित्सकों द्वारा हड़ताल बताकर इलाज नहीं किया जा रहा. गौरतलब है कि गत दिनों कोलकाता के नीलरत्न सरकार मेडिकल कॉलेज के इंटर्न पर हुए जानलेवा हमले के विरोध में चिकित्सक यह बहिष्कार कर रहे हैं. लेकिन इस बहिष्कार के कारण आम मरीजों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है .


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