राजसमंद. पुष्टिमार्गीय वल्लभ संप्रदाय की तृतीय पीठ श्री द्वारकाधीश मंदिर में अन्नकूट महोत्सव में लूट की करीब 300 साल पुरानी परंपरा को मंदिर प्रशासन बंद करने जा रहा है. वहीं श्री लालन ग्रुप राजसमंद मंदिर प्रशासन के फैसले का विरोध कर रहा है. साथ ही ग्रुप के सदस्यों ने इस परंपरा को फिर शुरू करने को लेकर मंदिर प्रशासन को ज्ञापन दिया है.
बता दें कि 28 अक्टूबर को अन्नकूट भील आदिवासी समाज द्वारा लूटा गया. जिस पर मंदिर प्रशासन ने विभिन्न प्रकार के प्रसादों को हटा लिया. वहीं भील आदिवासी समाज ने अन्नकूट प्रसाद लूट की परंपरा का विरोध किया गया. जिस पर मंदिर प्रशासन में आपसी समझाइश की गई और अन्नकूट लूट की परंपरा को विधिवत विधान पूर्ण हुआ. लेकिन मंदिर प्रशासन की ओर से द्वारकाधीश मंदिर में अन्नकूट महोत्सव की परंपरा को समाप्त करने की घोषणा कर दी गई.
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श्री लल्लन ग्रुप अध्यक्ष कुलदीप शर्मा ने बताया कि मंदिर मंडल द्वारा की गई इस घोषणा का वे विरोध करते हैं. उनका कहना रहा कि मंदिर मंडल से इस पर पुनर्विचार करने की मांग की गई है. साथ ही उनका आग्रह रहा कि सभी वर्गों को साथ लेकर वैष्णव परंपरा का ध्यान रखते हुए समस्त नगरवासियों को विश्वास में लेकर ही कोई निर्णय लिया जाए. उन्होंने बताया कि वर्षों पुरानी इन परंपराओं से धार्मिक आस्था से जुड़ी हुई है. इसलिए किसी की आस्थाओं से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए.