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राजसमंद में यज्ञ के सहारे धरतीपुत्र, इंद्रदेव को रिझाने का कर रहे प्रयास

बारिश नहीं होने से मायूस राजसमंद के धरतीपुत्र अब इंद्र देव को रिझाने का प्रयास कर रहे है. इसके लिए किसानों की ओर से प्रतिदिन यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है. अगर एक दो दिन में बारिश नहीं होती तो प्रति किसानों को हजारों का नुकसान हो सकता है.

राजसमंद समाचार, rajsamand news
इंद्रदेव को रिझाने का प्रयास
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Published : Jul 25, 2020, 7:41 PM IST

देवगढ़ (राजसमंद). सावन का महीना बीतने को आया है लेकिन फिर भी जिले में बारिश देखने को नहीं मिल रही. इसके चलते जिले के देवगढ़ और भीम क्षेत्र के धरतीपुत्रों के चेहरे पर अब मायूसी साफतौर पर देखी जा सकती है. यही कारण है कि ग्रामीणों की ओर से इंद्रदेव को रिझाने का प्रयास भी किया जा रहा है.

दरअसल, देवगढ़ क्षेत्र में सावन माह के शुरुआत में हुई बारिश के बाद किसानों ने अपने खेतों में खरीफ फसलों की बुवाई कर दी गई थी. लेकिन पिछले एक पखवाड़े से बारिश नहीं होने से भूमिपुत्रों द्वारा अपने खेतों की बुवाई की गई. लेकिन मक्का, मूंगफली, ज्वार, बाजरा, उड़द, मूंग, तिलहन सहित आदि फसलें पानी के अभाव में खराब होने के कागार पर है.

पढ़ें- राजसमंद: नाथद्वारा में एक ही परिवार के दो सदस्य मिले कोरोना पॉजिटिव, मुम्बई से आए थे घर

अब अगर एक दो दिन में बारिश नहीं होती तो प्रति किसान को हजारों रुपये का नुकसान हो सकता है. क्षेत्र के किसान खरीफ फसलों के साथ फूल गोभी, हरि मिर्च, टमाटर और कपास की नकदी फसलों की पैदावार करते हैं. पिछले साल 2019 में औसत से भी ज्यादा 947 मिमी बारिश होने के कारण इस बार किसानों ने अपने खेतों में 550 हेक्टेयर में कपास और 350 हेक्टेयर में फूल गोभी की बुवाई की है.

लेकिन बारिश नहीं होने के कारण किसानों की मुसीबतें बढ़ गई है. इसके लिए अब किसानों की ओर से इंद्रदेव को रिझाने के लिए प्रतिदिन यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है. इसके साथ ही ग्रामीणों की ओर से खेड़ा देव की पूजा-अर्चना कर विभिन्न प्रकार व्यंजनों का भोग लगाकर इंद्रदेव को मनाने का प्रयास किया जा रहा है.

देवगढ़ (राजसमंद). सावन का महीना बीतने को आया है लेकिन फिर भी जिले में बारिश देखने को नहीं मिल रही. इसके चलते जिले के देवगढ़ और भीम क्षेत्र के धरतीपुत्रों के चेहरे पर अब मायूसी साफतौर पर देखी जा सकती है. यही कारण है कि ग्रामीणों की ओर से इंद्रदेव को रिझाने का प्रयास भी किया जा रहा है.

दरअसल, देवगढ़ क्षेत्र में सावन माह के शुरुआत में हुई बारिश के बाद किसानों ने अपने खेतों में खरीफ फसलों की बुवाई कर दी गई थी. लेकिन पिछले एक पखवाड़े से बारिश नहीं होने से भूमिपुत्रों द्वारा अपने खेतों की बुवाई की गई. लेकिन मक्का, मूंगफली, ज्वार, बाजरा, उड़द, मूंग, तिलहन सहित आदि फसलें पानी के अभाव में खराब होने के कागार पर है.

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अब अगर एक दो दिन में बारिश नहीं होती तो प्रति किसान को हजारों रुपये का नुकसान हो सकता है. क्षेत्र के किसान खरीफ फसलों के साथ फूल गोभी, हरि मिर्च, टमाटर और कपास की नकदी फसलों की पैदावार करते हैं. पिछले साल 2019 में औसत से भी ज्यादा 947 मिमी बारिश होने के कारण इस बार किसानों ने अपने खेतों में 550 हेक्टेयर में कपास और 350 हेक्टेयर में फूल गोभी की बुवाई की है.

लेकिन बारिश नहीं होने के कारण किसानों की मुसीबतें बढ़ गई है. इसके लिए अब किसानों की ओर से इंद्रदेव को रिझाने के लिए प्रतिदिन यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है. इसके साथ ही ग्रामीणों की ओर से खेड़ा देव की पूजा-अर्चना कर विभिन्न प्रकार व्यंजनों का भोग लगाकर इंद्रदेव को मनाने का प्रयास किया जा रहा है.

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