राजसमंद. राजस्थान में बाघों के संरक्षण और संवर्द्धन की उचित व्यवस्था करवाने के लिए राजसमंद सांसद दीया कुमारी ने केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री प्रकाश जावेड़कर को पत्र लिखकर अनुरोध किया है. पत्र में सांसद ने लिखा कि 23 जुलाई को मुकुंदरा टाइगर हिल रिजर्व में MT-3 बाघ की मौत हो गई. यह बाघ कई दिनों से चल नहीं पा रहा था, लेकिन वन विभाग के अधिकारियों ने विशेषज्ञों को बुलाने के बजाय स्थानीय स्तर पर ही इलाज करने की कोशिश की, जिससे बाघ की मौत हो गई.
इसी प्रकार 3 अगस्त को MT-2 बाघिन की लाश संग्दिध अवस्था में बेवडा तलाई के पास पाई गई और 4 अगस्त को नाहरगढ़ अभयारण्य क्षेत्र में सफेद बाघ राजा की मौत होना पाया गया. ये घटनाएं दर्शाती हैं कि राज्य के अन्य अभयारण्य क्षेत्रों रणथम्भौर, सरिस्का, सज्जनगढ़, नाहरगढ़ सहित अन्य में भी बाघों की स्थिति ठीक नहीं है.
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सांसद ने कहा कि राज्य की टाइगर सेंचुरी में बाघों को देखने अनेक पर्यटक राजस्थान आते हैं, जो राज्य की आय का माध्यम भी हैं. उन्होंने वन मंत्री से अनुरोध किया कि राज्य सरकार को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर हाल ही में हुई बाघों की मौत के कारणों की उच्च स्तरीय जांच की जाए, ताकि इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृति ना हो.
सांसद दीया कुमारी ने मुकदंरा अभयारण्य में मृत मिली MT-2 बाघिन के शावक का 15 दिन बाद भी पता नहीं चलने पर चिंता जाहिर की है. उन्होंने इन घटनाओं को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण बताया, साथ ही केंद्र और राज्य सरकार से दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने और प्रदेश में बाघों के संरक्षण के लिए सख्ती से निर्देश देने का अनुरोध भी किया.
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उल्लेखनीय है कि दीया कुमारी राजसमंद से सांसद हैं और लोकसभा में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण कमेटी (NTCA- National Tiger Conservation Authority) की सदस्य भी हैं. उन्होंने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण के नवनियुक्त सदस्य सचिव, एसपी यादव से भी मुलाकात कर एनटीसीए और राजस्थान में बाघ संरक्षण के मुद्दों पर चर्चा की.