राजसमंद. सांसद दीया कुमारी ने ’विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ पर राष्ट्र के विभाजन के कारण अपनी जान गंवाने वाले लाखों लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान उन्होंने कहा कि इस विभीषिका के कारण हुए विस्थापन से असंख्य लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा. 1947 का यह विभाजन भारतीय इतिहास का एक अमानवीय अध्याय है. देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार पिछले कई वर्षों से इन लाखों लोगों को याद किये बिना ही आजादी का जश्न मना रही थी, जिन्होंने इस विभाजन की पीड़ा को सहन किया.
सांसद दीया कुमारी ने नाथद्वारा की एक होटल में आयोजित विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस एवं नाथद्वारा विधानसभा बूथ विजय संकल्प बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि पीएम मोदी की ओर से 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस की घोषणा के बाद अब उन सभी बलिदानियों को याद किया जा रहा है. यह देश का दुर्भाग्य है कि कांग्रेस के स्वार्थ और व्यक्तिगत हितों की राजनीति ने विभाजन के दर्द को जन्म दिया. सरदार पटेल, डॉ मुखर्जी, गुरू गोलवलकर और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ हमेशा बंटवारे का विरोध करते रहे, लेकिन ब्रिटिश सरकार, मुस्लिम लीग और कांग्रेस की सत्ता लोलूप राजनीति और तुष्टिकरण की नीतियों के कारण विभाजन हुआ.
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सांसद ने कहा कि विभाजन को एक सबक और गलती के रूप में लेना चाहिए. विभाजन को लेकर कांग्रेस के कुछ नेताओं में भी अन्तर विरोध था, लेकिन जवाहर लाल नेहरू के व्यक्तिगत स्वार्थों के कारण यह विभाजन हुआ और परिवारवाद की राजनीति का जन्म हुआ, जो कांग्रेस में आज भी जारी है. उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में 14 अगस्त की तिथि कभी न भूलने वाली तिथि है.
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इस अवसर पर प्रदेश महामंत्री दामोदर अग्रवाल, प्रदेश उपाध्यक्ष चुन्नीलाल गरासिया, जिला अध्यक्ष मान सिंह बारहठ, विधानसभा प्रभारी अलका मुंदड़ा, संभाग विस्तारक प्रभारी सोहन लाल आंजना, विभाजन विभीषिका कार्यक्रम प्रभारी जगदीश पालीवाल, विधानसभा विस्तारक अर्जुन, महेश प्रताप सिंह, मंडल अध्यक्ष प्रदीप काबरा, मंडल अध्यक्ष जितेंद्र सिंह, हरदयाल सिंह, चतर सिंह, संदीप श्रीमाली सहित पार्टी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे.