देवगढ़ (राजसमंद). जिले के भीम विधानसभा क्षेत्र में गुरुवार को भीम उपखंड अधिकारी को राजस्थान में बढ़ती हुई बिजली दरों के विरोध में राज्यपाल के नाम भीम उपखंड अधिकारी को ज्ञापना सौंपा. ज्ञापन भारतीय जनता पार्टी भीम की ओर से पूर्व मंगरा विकास बोर्ड के अध्यक्ष पूर्व विधायक हरिसिंह रावत के सानिध्य में दिया गया.
ज्ञापन में बताया गया कि राजस्थान की पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान जनता के हितों को देखते हुए कभी भी सरकार ने बिजली की दरों में बढ़ोतरी नहीं की. वसुंधरा राजे सरकार में किसानों को राहत और प्रोत्साहन देते हुए कृषि कनेक्शन धारियों को वर्ष में 10 हजार रुपये तक का बिल माफ किया गया था.
वहीं कांग्रेस ने अपने मेनिफेस्टो में कहा था कि 5 वर्षों तक किसानों को राहत देते हुए बिजली बिलों में कोई बढ़ोतरी नहीं की जाएगी. विभाग की ओर से बिना मीटर रीडिंग लिए ही मनमाने ढंग से बिल भेज कर जनता का पैसा वसूल रहे हैं.
वर्ष 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद गहलोत सरकार की ओर से यह घोषणा की गई थी कि बजली की दरों में बढ़ोतरी नही की जाएगी. मगर आज सरकार की ओर से कथनी और करनी में अंतर आ गया है. कांग्रेस सरकार राजस्थान में है या नहीं आम जनता समझ नहीं पा रही है, क्योंकि कांग्रेस सरकार में अपनी अंदरूनी झगड़े के कारण दो हिस्सों में बंटी हुई है.
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वैश्विक महामारी कोरोना लॉकडाउन के दौरान बिजली के बिल जारी नहीं हुए थे. लॉकडाउन खत्म होते ही सरकार की ओर से मनमाने ढंग से औसत एवरेज बिल जारी कर दिए गए हैं, जो सरकार की गलत नीति है.
साथ ही उन्होंने भीम उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि नेतृत्वहीन कांग्रेस सरकार को बर्खास्त कर बिजली की बढ़ी हुई दरों को वापस लिया जाए. साथ ही गुजरात, मध्यप्रदेश, उतर प्रदेश की सरकार की ओर से जिस तरह बिजली बिल माफ किए गए थे. ठीक उसी तर्ज पर राजस्थान में भी बिजली बिलों को माफ कर जनता को राहत दिलाई जाए.
इससे पहले भाजपा कार्यकर्ता भीम पार्टी कार्यालय से कांग्रेस सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उपखंड कार्यालय पर पहुंचे. इस दौरान लालचंद मुणोत, भीम भाजपा मंडल अध्यक्ष नरेंद्र कुमार बागड़ी, पूर्व मंडल अध्यक्ष राजेंद्र सिंह, कुकरखेड़ा मंडल अध्यक्ष, राम सिंह उपाध्यक्ष, आईटी सेल प्रभारी भीम मंडल रघुवीर सिंह इत्यादि कार्यकर्ता मौजूद रहे.