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मदरसा शिक्षक संघ ने जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन, मानदेय बढ़ाने की मांग - etvbharat

राजसमंद में मदरसा पैराटीचर्स के एक समूह ने बुधवार को राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ के नेतृत्व में जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. जिसमें बताया गया कि मदरसा पैरा टीचर्स विगत 18 वर्षों से न्यूनतम मजदूरी से भी कम मानदेय में कार्यरत हैं.

राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ के लोगों ने जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
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Published : Jul 24, 2019, 5:47 PM IST

राजसमंद. राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ के नेतृत्व में बुधवार को मदरसा पैरा टीचर्स के न्यूनतम मजदूरी से भी कम मानदेय में कार्यरत करने का मुद्दा उठाते हुए जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. उन्होंने बताया कि मदरसा पैरा टीचर्स पिछले 18 वर्षों से वो न्यूनतम मजदूरी से भी कम मानदेय में काम कर रहें हैं.

इतने कम मानदेय में परिवार का भरण पोषण करना असंभव है. ज्ञापन में बताया गया कि मदरसा पैरा टीचर्स का कार्य तृतीय श्रेणी के अध्यापक के समान ही है. उनका कहना है कि विधानसभा चुनाव में घोषणा पत्र 2018 के पेज नंबर 34 के बिंदु क्रम संख्या 25 में सरकार द्वारा मदरसा पैरा टीचर्स को नियमित करने का वादा किया गया है. मगर यह वादा भी अधूरा साबित हुआ.

राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ के लोगों ने जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

जिस कारण राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ द्वारा 22 जुलाई से प्रदेश भर के मदरसों में कार्य का बहिष्कार किया जा रहा है. राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ को राजस्थान बजट 2019 में बड़ी निराशा हाथ लगी है. इस बजट में उन्हें महत्व भी नहीं दिया गया है. वहीं बजट में किसी प्रकार की मानदेय में वृद्धि भी नहीं की गई. जिससे परेशान होकर बुधवार को राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ के नेतृत्व में जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया.

राजसमंद. राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ के नेतृत्व में बुधवार को मदरसा पैरा टीचर्स के न्यूनतम मजदूरी से भी कम मानदेय में कार्यरत करने का मुद्दा उठाते हुए जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. उन्होंने बताया कि मदरसा पैरा टीचर्स पिछले 18 वर्षों से वो न्यूनतम मजदूरी से भी कम मानदेय में काम कर रहें हैं.

इतने कम मानदेय में परिवार का भरण पोषण करना असंभव है. ज्ञापन में बताया गया कि मदरसा पैरा टीचर्स का कार्य तृतीय श्रेणी के अध्यापक के समान ही है. उनका कहना है कि विधानसभा चुनाव में घोषणा पत्र 2018 के पेज नंबर 34 के बिंदु क्रम संख्या 25 में सरकार द्वारा मदरसा पैरा टीचर्स को नियमित करने का वादा किया गया है. मगर यह वादा भी अधूरा साबित हुआ.

राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ के लोगों ने जिला कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

जिस कारण राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ द्वारा 22 जुलाई से प्रदेश भर के मदरसों में कार्य का बहिष्कार किया जा रहा है. राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ को राजस्थान बजट 2019 में बड़ी निराशा हाथ लगी है. इस बजट में उन्हें महत्व भी नहीं दिया गया है. वहीं बजट में किसी प्रकार की मानदेय में वृद्धि भी नहीं की गई. जिससे परेशान होकर बुधवार को राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ के नेतृत्व में जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया.

Intro:राजसमंद-, मदरसा पैराटीचर्स के एक समूह ने आज राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ के नेतृत्व में जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन में बताया कि मदरसा पैरा टीचर्स विगत 18 वर्षों से न्यूनतम मजदूरी से भी कम मानदेय में कार्यरत हैं. इतने कम मानदेय में परिवार का भरण पोषण करना असंभव है. ज्ञापन में बताएं कि जबकि मदरसा पैराटीचर्स का कार्य तृतीय श्रेणी के अध्यापक के समान ही है. उनका कहना है. कि विधानसभा चुनाव में घोषणा पत्र 2018 के पेज नंबर 34 बिंदु क्रम संख्या 25 में सरकार द्वारा मदरसा पैरा टीचर्स को नियमित करने का वादा किया गया है.


Body:लेकिन यह वादा अधूरा साबित हुआ तो वही राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ द्वारा 22 जुलाई से प्रदेश भर के मदरसों में कार्य का बहिष्कार किया जा रहा है. राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ को राजस्थान बजट 2019 में बड़ी निराशा हाथ लगी है. और ज्ञापन में बताया कि इस बजट में उन्हें महत्व नहीं दिया गया है. वही बजट में किसी प्रकार की मानदेय में वृद्धि नहीं की गई. जिससे परेशान होकर आज राजस्थान मदरसा शिक्षा सहयोगी संघ के नेतृत्व में जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया
बाइट- मो हनीफ शेख जिलाध्यक्ष


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