राजसमंद. अरावली पर्वत की पहाड़ियों के बीच 1 से 3 दिसंबर तक कुंभलगढ़ फेस्टिवल होगा. शास्त्रीय संगीत और कला प्रेमी रहे महाराणा कुंभा को समर्पित कुंभलगढ़ महोत्सव का आगाज पर्यटन विभाग और राजसमंद जिला प्रशासन के तत्वावधान में होगा. इस दौरान यहां हजारों की संख्या में लोग देश और विदेश से कुंभलगढ़ पहुंचेंगे. इसे लेकर पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन ने तैयारियां पूरी कर ली गई है.
कुंभलगढ़ फेस्टिवल साल 2006 में पहली बार शुरू हुआ था. तब से ये लगातार हर साल आयोजित किया जा रहा है. 3 दिन तक चलने वाले इस फेस्टिवल में एक से बढ़कर एक कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे. इस बार पर्यटन विभाग ने यहां आने वाले सैलानियों के लिए कई मनमोहक तैयारियां भी की गई है.
पढ़ें: JKK में म्यूजिक फेस्टिवल का समापन, स्त्री शक्ति बैंड ने संगीतप्रेमियों को किया मंत्रमुग्ध
तीन दिवसीय कुंभलगढ़ फेस्टिवल में राजस्थान की विभिन्न संस्कृतियों की झलक भी दिखाई देगी. इस मौके पर कई प्रतियोगिताएं भी पर्यटकों को देखने को मिलेगी. पारंपरिक खेलों का भी आयोजन होगा. बता दें कि यूनेस्को की विश्व विरासत स्थलों की सूची में सम्मिलित कुंभलगढ़ दुर्ग अपनी ऐतिहासिकता और मनोहारी प्राकृतिक छटा के लिए विख्यात है.
पढ़ें: जयपुरः 'इनडिवा बैंड' ने पॉप, रॉक और फोक फ्यूजन की प्रस्तुति से बांधा समां
महोत्सव के पहला दिन का कार्यक्रम
महोत्सव का पहला दिन 1 दिसंबर को समारोह का दीप प्रज्वलन करके विधिवत शुभारंभ होगा. उसके बाद दोपहर 3 बजे तक कुंभलगढ़ दुर्ग पर पर्यटकों के मनोरंजन के लिए विभिन्न प्रतियोगिताएं (साफा बांधना और रस्साकशी जैसी) आयोजित की जाएंगी. साथ ही दिन में राजस्थानी लोक कलाकारों द्वारा लोक नृत्य की प्रस्तुतियां दी जाएंगी. इसके बाद कथक नृत्य, कालबेलिया, घूमर और कच्ची घोड़ी जैसे नृत्य पर्यटकों के लिए खास आकर्षण का केंद्र होंगे.
महोत्सव के दूसरे दिन का कार्यक्रम
यहां सात शास्त्रीय रूपों की एक सभा होगी. इनमें से भरतनाट्यम, कथन, कथकली, कुचीपुड़ी, मोहिनी और अटाम के कलाकार नृत्य करेंगे. इसके अलावा फेस्टिवल में शेल भट्ट ग्रुप डेजर्ट स्ट्रोम फॉग परफॉर्मेंस देंगे.
महोत्सव के तीसरे दिन का कार्यक्रम
महोत्सव के तीसरे दिन बांसुरी वादन, लोक गायन, बच्चों के खेल और राजस्थानी गीत जैसे कई कार्यक्रम आयोजित होंगे. कार्यक्रम के इस अंतिम दिन जैसलमेर के फेमस गाजी खां बारना ग्रुप की प्रस्तुति भी होगी.