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राजसमंद में सरकारी केंद्रों में बीज खरीदने के बजाय किसान निजी तौर पर बीज खरीदना करते हैं पसंद - Special Story

राजस्थान में अधिकतर किसान सरकारी केंद्रों के बजाय निजी केंद्र पर बीज खरीदना पसंद कर रहे हैं. जिसकी मुख्य वजह जानने के लिए ईटीवी भारत ने किसानों से बात की तो किसानों ने बताया कि सरकारी केंद्र पर अधिक लोगों की भीड़ होती है. जिससे समय पर बीज नहीं मिल पाता.

राजसमंद में सरकारी केंद्रों में बीज खरीदने के बजाय किसान निजी तौर पर बीज खरीदना करते हैं पसंद
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Published : Jul 18, 2019, 12:28 PM IST

राजसमंद. देश के किसानों की आज क्या स्थिति है. इससे हम सभी लोग वाकिफ है. जहां एक तरफ वर्षा की कमी के कारण किसान खेती में नुकसान झेल रहा है. तो वहीं दूसरी तरफ फसल कम होने से इस बार के मानसून में किसानों को फिर से खेती करने में खेती के लिए बीजों के लिए अधिक पैसा देना पड़ रहा है. क्योंकि जहां एक तरफ पूरे देश भर में किसानों की स्थिति गंभीर है.तो वहीं राजस्थान भी इससे अलग नहीं है. इस मानसून की बारिश का दौर शुरू हो गया इसके साथ ही किसान अब अपने खेत की ओर फसल बुवाई को लेकर अपने खेतों में जुट गए हैं.

ईटीवी भारत ने राजसमंद जिले के किसानों से उनकी समस्याएं जानी. साथ ही उनसे पूछा कि उन्हें किस भाव में उन्हें बीज मिल रहा है. और बीज सरकारी केंद्रों पर और निजी तौर पर किस किस भाव में बेचा जा रहा है. तो हमारे सामने आया कि अधिकतर किसान निजी केंद्र पर बीज खरीदना पसंद करते हैं. जिसकी मुख्य वजह सरकारी केंद्र पर अधिक भीड़ होना है. जिससे उन्हें समय पर बीज नहीं मिल पाता है.

राजसमंद में सरकारी केंद्रों में बीज खरीदने के बजाय किसान निजी तौर पर बीज खरीदना करते हैं पसंद

किसानों ने बताया कि सरकारी केंद्र पर बीज खरीदने में यह सहूलियत तो जरूर है कि बाजार की तुलना में बीच सस्ता मिलता है, लेकिन उतनी ही जटिलता भी है. क्योंकि सरकारी बीज भंडार में समय रहते बीज वितरित नहीं कर पाते. जिसके कारण हमें परेशानी होती है. इस वजह से हम लोग निजी तौर पर बीज खरीदते हैं. राजसमंद जिला मुख्यालय सहित आसपास के कई इलाकों में निजी बीज केंद्र की दुकाने हैं.

वहीं सरकारी बीज केंद्र के कृषि उपनिदेशक रामपाल खटीक ने बताया कि राजसमंद में सरकारी केंद्र पर मक्का 95 रुपये किलो, ज्वार 90 रुपए किलो ,बाजरा उड़द रुपये 85, किलो मूंग रुपये 80 किलो, तिल रुपये150 किलो, सोयाबीन रुपये 60 किलो ,ग्वार रुपये 60 किलो मिलता है. इसी प्रकार अन्य बीज भी उपलब्ध हैं. कृषि उपनिदेशक ने बताया कि किसानों को बीज खरीदने के लिए आधार कार्ड और राशन कार्ड दिखाना होता है. जिसके बाद उन्हें जितना भी बीज चाहिए उन्हें दे दिया जाता है. बता दें कि सरकारी केंद्र की तुलना में निजी तौर पर बीज दो गुना रेट में बेचे जा रहे हैं.

राजसमंद. देश के किसानों की आज क्या स्थिति है. इससे हम सभी लोग वाकिफ है. जहां एक तरफ वर्षा की कमी के कारण किसान खेती में नुकसान झेल रहा है. तो वहीं दूसरी तरफ फसल कम होने से इस बार के मानसून में किसानों को फिर से खेती करने में खेती के लिए बीजों के लिए अधिक पैसा देना पड़ रहा है. क्योंकि जहां एक तरफ पूरे देश भर में किसानों की स्थिति गंभीर है.तो वहीं राजस्थान भी इससे अलग नहीं है. इस मानसून की बारिश का दौर शुरू हो गया इसके साथ ही किसान अब अपने खेत की ओर फसल बुवाई को लेकर अपने खेतों में जुट गए हैं.

ईटीवी भारत ने राजसमंद जिले के किसानों से उनकी समस्याएं जानी. साथ ही उनसे पूछा कि उन्हें किस भाव में उन्हें बीज मिल रहा है. और बीज सरकारी केंद्रों पर और निजी तौर पर किस किस भाव में बेचा जा रहा है. तो हमारे सामने आया कि अधिकतर किसान निजी केंद्र पर बीज खरीदना पसंद करते हैं. जिसकी मुख्य वजह सरकारी केंद्र पर अधिक भीड़ होना है. जिससे उन्हें समय पर बीज नहीं मिल पाता है.

राजसमंद में सरकारी केंद्रों में बीज खरीदने के बजाय किसान निजी तौर पर बीज खरीदना करते हैं पसंद

किसानों ने बताया कि सरकारी केंद्र पर बीज खरीदने में यह सहूलियत तो जरूर है कि बाजार की तुलना में बीच सस्ता मिलता है, लेकिन उतनी ही जटिलता भी है. क्योंकि सरकारी बीज भंडार में समय रहते बीज वितरित नहीं कर पाते. जिसके कारण हमें परेशानी होती है. इस वजह से हम लोग निजी तौर पर बीज खरीदते हैं. राजसमंद जिला मुख्यालय सहित आसपास के कई इलाकों में निजी बीज केंद्र की दुकाने हैं.

वहीं सरकारी बीज केंद्र के कृषि उपनिदेशक रामपाल खटीक ने बताया कि राजसमंद में सरकारी केंद्र पर मक्का 95 रुपये किलो, ज्वार 90 रुपए किलो ,बाजरा उड़द रुपये 85, किलो मूंग रुपये 80 किलो, तिल रुपये150 किलो, सोयाबीन रुपये 60 किलो ,ग्वार रुपये 60 किलो मिलता है. इसी प्रकार अन्य बीज भी उपलब्ध हैं. कृषि उपनिदेशक ने बताया कि किसानों को बीज खरीदने के लिए आधार कार्ड और राशन कार्ड दिखाना होता है. जिसके बाद उन्हें जितना भी बीज चाहिए उन्हें दे दिया जाता है. बता दें कि सरकारी केंद्र की तुलना में निजी तौर पर बीज दो गुना रेट में बेचे जा रहे हैं.

Intro:राजसमंद- देश के किसानों की आज क्या स्थिति है. इससे हम सभी लोग वाकिफ है. जहां एक तरफ वर्षा की कमी के कारण किसान खेती में नुकसान झेल रहा है. तो वहीं दूसरी तरफ फसल कम होने से इस बार के मानसून में किसानों को फिर से खेती करने में खेती के लिए बीजों के लिए अधिक पैसा देना पड़ रहा है. क्योंकि जहां एक तरफ पूरे देश भर में किसानों की स्थिति गंभीर है.तो वहीं राजस्थान भी इससे अलग नहीं है. इस मानसून की बारिश का दौर शुरू हो गया इसके साथ ही किसान अब अपने खेत की ओर फसल बुवाई को लेकर अपने खेतों में जुट गए हैं.


Body:तो वही ईटीवी भारत ने भी जानने की कोशिश की की राजस्थान के राजसमंद जिले में किसानों को किस भाव में बीज मिल रहा है. और बीज सरकारी केंद्रों पर और निजी तौर पर किस किस भाव में बेचा जा रहा है. तो हमारे सामने आया की अधिकतर किसान निजी केंद्र पर बीज खरीदना पसंद करते हैं. जिसकी मुख्य वजह है.सरकारी केंद्र पर अधिक लोगों की भीड़ होना जिससे समय पर बीज नहीं मिल पाना किसानों ने हमें बताया कि सरकारी केंद्र पर बीज खरीदने में यह सहूलियत तो जरूर है. कि बाजार की तुलना में बीच सस्ता जरूर मिलता है. लेकिन उतनी ही जटिलता भी है. क्योंकि सरकारी बीज भंडार में समय रहते बीज वितरित नहीं कर पाते जिसके कारण हमें परेशानी होती है.इस वजह से हम लोग निजी तौर पर बीज खरीदते हैं. राजसमंद जिला मुख्यालय सहित आसपास के कई इलाकों में निजी बीज केंद्र की दुकाने हैं.


Conclusion:तो वही सरकारी बीज केंद्र के कृषि उपनिदेशक रामपाल खटीक ने बताया कि राजसमंद में सरकारी केंद्र पर मक्का 95 रुपए किलो तो वही ज्वार 90 रुपए किलो इनके अलावा बाजरा उड़द ₹85 किलो मूंग ₹80 किलो तिल ₹150 किलो सोयाबीन ₹60 किलो ग्वार ₹60 किलो इसी प्रकार अन्य बीज भी उपलब्ध है तो वहीं कृषि उपनिदेशक ने बताया कि किसानों को बीज खरीदने के लिए आधार कार्ड और राशन कार्ड दिखाना होगा जिसके बाद उन्हें जितना भी बीज चाहिए उन्हें दे दिया जाएगा. तो वहीं सरकारी केंद्र की तुलना में निजी तौर पर बीज दो होने रेट में बेचे जा रहे हैं.
बाइट- रामपाल खटीक कृषि उपनिदेशक
बाइट- सभी किसानों की
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