राजसमंद. फाल्गुन मास की पूर्णिमा के अवसर पर रविवार को राजसमंद जिला मुख्यालय पर भी होलिका दहन हुआ. इसे बुराई पर अच्छाई की विजय का पर्व भी माना जाता है. इस अवसर पर जिले भर में पारंपरिक अंदाज में होलिका दहन किया गया.
पढ़ें- अलवर : ऊपर मोहल्ले में होती है सबसे बड़ी होली...होता है खास महत्व
बुराई पर अच्छाई और अधर्म पर धर्म की विजय का पर्व होलिका दहन रविवार को राजसमंद जिला मुख्यालय पर भी पारंपरिक अंदाज में मनाया गया. फाल्गुन मास की पूर्णिमा पर धर्म नगरी राजसमंद में पारंपरिक अंदाज से होलिका दहन किया गया. इस अवसर पर पुष्टिमार्गीय संप्रदाय की तृतीय पीठ प्रन्यास द्वारिकाधीश मंदिर से एक मशाल यात्रा निकाली गई, जो होलीथड़ा पहुंची.
यहां मंदिर के अधिकारी और कर्मचारियों ने विधि-विधान से होली की पूजा की. जिसके बाद होली की परिक्रमा कर मंत्रोच्चार के साथ अग्नि प्रवाहित की. इससे पहले शाम से ही महिलाएं होलिका की पूजा करने में जुट गई. माना जाता है कि नवविवाहिताएं होली की पूजा करती हैं तो उसका जीवन खुशहाल रहता है. वहीं, नवजात बच्चों को भी होली की परिक्रमा करवाई जाती है. इसके पीछे मान्यता है कि उन्हें बुरी नजर और बुराई से बचाया जाता है.