जयपुर. नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने गहलोत सरकार पर निशाना साधा है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार बहुमत के मद में चूर है और वह लोकतांत्रिक परंपराओं का हनन कर रही है. इस दौरान कटारिया ने वासुदेव देवनानी के निलंबन, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का जयपुर दौरा सहित कई अहम मुद्दों पर अपनी राय रखी.
देवनानी विवाद में कौन सही, कौन गलत ?
राजस्थान विधानसभा में विधायक वासुदेव देवनानी के निलंबन को लेकर काफी विवाद हुआ था. इसके जवाब में कटारिया ने कहा कि उन्हें 40 साल की संसदीय परंपरा का अनुभव है. इस दौरान उन्होंने विधानसभा में कई घटनाएं, दुर्घटनाएं देखी हैं, लेकिन जिस तरह छोटी सी बात को लेकर विधानसभा में इतना बड़ा बवाल मचा, वह सही नहीं था. संसदीय कार्य मंत्री द्वारा विधायक वासुदेव देवनानी को सदन से निलंबित करने का प्रस्ताव सरकार की तानाशाही का प्रतीक है. कटारिया ने कहा कि सरकार के पास बहुमत है और बहुमत में चूर सरकार लोकतांत्रिक परंपराओं का हनन कर रही है.
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने क्या दिया मंत्र ?
राजस्थान भाजपा में खेमेबंदी और अलग-अलग धड़ों में बंटे होने की खबरें लगातार सामने आती रही हैं. ऐसे में 2 दिन पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का जयपुर दौरा काफी अहम माना जा रहा है. इस दौरान प्रदेश भाजपा और सभी आला नेता एकजुट नजर आए. नड्डा के दौरे पर गुलाब कटारिया ने कहा कि उनके दौरे से संगठन मजबूत हुआ है. नड्डा जी ने कार्यकर्ताओं को क्या संदेश दिया यह सबके सामने है. मीडिया ने नड्डा जी के दौरे का पूरा कवरेज किया था. ऐसे में जो कुछ कहा वह सभी के सामने है. यह किसी से छुपा हुआ नहीं रहा. कटारिया ने कहा कि नड्डा ने संगठन को मजबूत करने और सब को एकजुट रहने का मंत्र दिया है.
पढ़ें : उदयपुर : पंजाब के इस 'कबाड़ी' ने सरकार को लगाया करीब 14.13 करोड़ का चूना, ऐसे आया चंगुल में
वहीं, जेपी नड्डा के साथ जयपुर पहुंची भारती बेन पटेल ने कहा कि गुजरात में बीजेपी की जीत का आधार है पन्ना प्रमुख. पटेल ने उदाहरण देते हुए बताया कि उनके संसदीय क्षेत्र में ना किसी बड़े नेता की सभा हुई, ना ही किसी बड़े नेता ने दौरा किया. उसके बावजूद उनकी ऐतिहासिक जीत इस बात का उदाहरण है कि पन्ना प्रमुख व्यवस्था कितनी मजबूत है. पन्ना प्रमुख में एक बूथ पर 5 परिवारों को जोड़ा गया, जिसमें 25 से 30 सदस्य एक साथ पार्टी से जुड़ गए. ऐसे में पार्टी को जीत हासिल करने से कोई नहीं रोक सकता.
राजसमंद उपचुनाव में थ्री-लेयर सिस्टम कितना कारगर ?
नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने बताया कि राजसमंद उपचुनाव में भाजपा ने three-layer पर सर्वे करवाया है. कटारिया ने कहा कि भाजपा एक लोकतांत्रिक पार्टी है, जिसमें निर्णय सभी की सलाह से किया जाता है. सभी को पार्टी में अपनी इच्छा जाहिर करने का अधिकार है. ऐसे में बीजेपी में स्वस्थ लोकतंत्र की यही परंपरा है कि सभी दावेदार अपनी बात, अपने विचार आजादी के साथ रख सकते हैं. हालांकि, पार्टी का जो निर्णय होगा वह सर्वमान्य होगा और सभी उसकी अनुशासित कार्यकर्ता के रूप में पालना करेंगे.
बार-बार मध्यावधि चुनाव का राग क्यों ?
प्रदेश में बार-बार मध्यावधि चुनाव की बात कहने वाले कटारिया ने ईटीवी से खास बातचीत में कहा कि गहलोत सरकार में आपसी मनमुटाव है. इसी आपसी विवाद में यह सरकार एक दिन धराशाई हो जाएगी. कटारिया ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत पहली बार 156 सीटों को छोड़कर चुनाव में उतरे तो कांग्रेस 56 सीटों पर सिमट गई थी. वहींं, दूसरी बार उन्होंने कांग्रेस को महज 21 सीटों पर लाकर छोड़ा. ऐसे में कांग्रेस के युवा नेता ने सड़कों पर संघर्ष कर पार्टी को बहुमत दिलवाया, लेकिन आज गहलोत ने उस युवा नेता को सड़क पर लाकर छोड़ दिया. ऐसे में निराश युवा नेता का असंतोष एक दिन यह सरकार गिरने का कारण बनेगा.
कटारिया ने कहा कि गहलोत सरकार आश्वासन के आधार पर टिकी हुई है. विधायकों को बोर्ड चेयरमैन और मंत्री बनाने का प्रलोभन देकर साथ में खड़ा किया हुआ है. जिस दिन उन विधायकों की आकांक्षा पूरी नहीं होगी, वह विधायक भी गहलोत सरकार का साथ छोड़ देंगे. कटारिया ने कहा कि आज सरकार की जेब में पैसा नहीं है, लेकिन सरकार बड़ी बड़ी घोषणा कर रही है. लेकिन जमीनी धरातल पर घोषणाओं को पूरा करने के लिए पैसों की जरूरत होती है. कटारिया ने बताया कि वर्तमान में गहलोत सरकार पर चार लाख 51 हजार करोड़ का कर्ज है, जो साल का अंत होने तक पांच लाख करोड़ को पार कर जाएगा. आज प्रदेश में हर व्यक्ति पर करीब 50 हजार का कर्ज है. ऐसे में गहलोत सरकार की थोथी घोषणाओं का जमीनी धरातल पर उतर पाना नामुमकिन है. कटारिया ने कहा कि प्रदेश में 10 दिनों में किसानों का कर्ज माफ, सभी बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देना, बिजली के दाम नहीं बढ़ाना, संविदा कर्मचारियों को नियुक्ति देना, जैसे वादों का क्या हश्र हुआ. ये सब प्रदेश की जनता के सामने है. गुलाब कटारिया ने बताया कि गहलोत सरकार पिछले चुनाव में भाजपा से सिर्फ 50 हजार वोट ही ज्यादा ले पाई थी. ऐसे में भाजपा उनसे कमतर नहीं है.
राजसमंद में मंत्रियों की घोषणाओं में कितना दम ?
कटारिया ने बताया कि राजसमंद में मंत्रियों की घोषणाएं सिर्फ कागजी घोषणाएं हैं. कटारिया ने कहा कि किरण माहेश्वरी के नाम पर कॉलेज खोलने की घोषणा करना कोई बड़ी बात नहीं है. पहले भी विधायकों के नाम पर स्कूल कॉलेज की घोषणा हुई है, लेकिन यह सिर्फ पहली बार ऐसा हो रहा है कि इसको भी इतना बड़ा चढ़ाकर बताया जा रहा है. कटारिया ने कहा कि मार्च के महीने में कॉलेज खोलने की घोषणा करना और उसे अमलीजामा पहनाना क्या संभव है. उन्होंने कहा कि उपचुनाव के बाद सभी को पता चल जाएगा कि यह घोषणा कितनी सही और कितनी गलत है. कटारिया ने कहा कि गहलोत सरकार केवल घोषणाओं की सरकार है और सिर्फ घोषणा ही करती है. उन घोषणाओं का धरातल पर उतर पाना नामुमकिन है.