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हरा-भरा राजस्थान : ईटीवी भारत ने देखी पौधारोपण की ग्राउंड रिपोर्ट, देखरेख के अभाव के कारण नहीं बढ़ रहे वन क्षेत्र - वन विभाग

ईटीवी भारत ने हरा-भरा राजस्थान मुहिम के तहत राजसमंद जिले के वन विभाग द्वारा पिछले सालों में लगाए गए पौधारोपण की हकीकत जानने की कोशिश की. इसके लिए टीम ने जिला मुख्यालय के अन्नपूर्णा माता मंदिर क्षेत्र में वर्ष 2018 में लगाए गए पौधों की वास्तविक स्थिति देखी.

देखरेख के अभाव के कारण नहीं बढ़ रहे वन क्षेत्र
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Published : Jun 29, 2019, 6:54 PM IST

राजसमंद. बदलते दौर में वैश्विक जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों के कारण कहीं सूखा तो कहीं बाढ़ की स्थितियां सामने आ रही है. इन स्थितियों के चलते धरातल पर पेयजल संकट गहराता जा रहा है. वहीं दूसरी ओर पानी की कमी के कारण खेती का रकबा घट रहा है. ऐसे में जलवायु परिवर्तन की समस्या से निजात पाने के लिए वन विभाग द्वारा पिछले कई सालों से पौधारोपण किया जा रहा है. इस बार भी विभाग जिले में मानसून के समय 100 हेक्टेयर क्षेत्रफल में करीब 20 हजार पौधे लगाएगा. ईटीवी भारत ने अपनी हरा-भरा राजस्थान मुहिम के तहत पिछले साल वन विभाग द्वारा लगाए गए पौधों की ग्राउंड रिपोर्ट देखी.

हरा-भरा राजस्थान : ईटीवी भारत ने देखी पौधारोपण की ग्राउंड रिपोर्ट, देखरेख के अभाव के कारण नहीं बढ़ रहे वन क्षेत्र

वन विभाग ने 2018 में जिले के 1050.62 हेक्टेयर क्षेत्र में करीब 2 लाख 35 हजार 400 पौधे लगवाए थे. पौधों की वर्तमान स्थिति की पड़ताल करने के लिए ईटीवी भारत ने अन्नपूर्णा माता जी के मंदिर क्षेत्र का दौरा किया. यहां सामने आया कि पौधों को पशुओं द्वारा नष्ट कर दिया गया है. वहीं कुछ पौधे सुरक्षा, पानी और देखरेख के अभाव में नष्ट हो गए. क्षेत्र में विभाग ने करीब 1 हजार बड़े पौधे और 4 हजार छोटे पौधे लगाए थे. जिनमें से कई पौधे नष्ट हो चुके हैं. कुछ बचे हैं तो उनके लिए किसी भी प्रकार की व्यवस्था नजर नहीं आ रही है.

पिछले 5 सालों में वन विभाग द्वारा लगाए गए पौधों का विवरण-:

वर्ष क्षेत्रफल पौधों की संख्या
2014 350 हेक्टेयर 70 हजार
2015 520 हेक्टेयर 1 लाख 9 हजार 100
2016 450 हेक्टेयर 1 लाख 50 हजार
2017 200 हेक्टेयर 40 हजार
2018 1050.62 हेक्टेयर 2 लाख 35 हजार 400

वन विभाग ने साल 2019 में मानसून के समय 100 हेक्टेयर क्षेत्र में करीब 20 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है. वहीं पुराने पौधों पर वन विभाग का कहना है कि पिछले तीन सालों में किए गए पौधारोपण में से वर्तमान में 70 से 75 फीसदी पौधे जीवित है.

राजसमंद. बदलते दौर में वैश्विक जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों के कारण कहीं सूखा तो कहीं बाढ़ की स्थितियां सामने आ रही है. इन स्थितियों के चलते धरातल पर पेयजल संकट गहराता जा रहा है. वहीं दूसरी ओर पानी की कमी के कारण खेती का रकबा घट रहा है. ऐसे में जलवायु परिवर्तन की समस्या से निजात पाने के लिए वन विभाग द्वारा पिछले कई सालों से पौधारोपण किया जा रहा है. इस बार भी विभाग जिले में मानसून के समय 100 हेक्टेयर क्षेत्रफल में करीब 20 हजार पौधे लगाएगा. ईटीवी भारत ने अपनी हरा-भरा राजस्थान मुहिम के तहत पिछले साल वन विभाग द्वारा लगाए गए पौधों की ग्राउंड रिपोर्ट देखी.

हरा-भरा राजस्थान : ईटीवी भारत ने देखी पौधारोपण की ग्राउंड रिपोर्ट, देखरेख के अभाव के कारण नहीं बढ़ रहे वन क्षेत्र

वन विभाग ने 2018 में जिले के 1050.62 हेक्टेयर क्षेत्र में करीब 2 लाख 35 हजार 400 पौधे लगवाए थे. पौधों की वर्तमान स्थिति की पड़ताल करने के लिए ईटीवी भारत ने अन्नपूर्णा माता जी के मंदिर क्षेत्र का दौरा किया. यहां सामने आया कि पौधों को पशुओं द्वारा नष्ट कर दिया गया है. वहीं कुछ पौधे सुरक्षा, पानी और देखरेख के अभाव में नष्ट हो गए. क्षेत्र में विभाग ने करीब 1 हजार बड़े पौधे और 4 हजार छोटे पौधे लगाए थे. जिनमें से कई पौधे नष्ट हो चुके हैं. कुछ बचे हैं तो उनके लिए किसी भी प्रकार की व्यवस्था नजर नहीं आ रही है.

पिछले 5 सालों में वन विभाग द्वारा लगाए गए पौधों का विवरण-:

वर्ष क्षेत्रफल पौधों की संख्या
2014 350 हेक्टेयर 70 हजार
2015 520 हेक्टेयर 1 लाख 9 हजार 100
2016 450 हेक्टेयर 1 लाख 50 हजार
2017 200 हेक्टेयर 40 हजार
2018 1050.62 हेक्टेयर 2 लाख 35 हजार 400

वन विभाग ने साल 2019 में मानसून के समय 100 हेक्टेयर क्षेत्र में करीब 20 हजार पौधे लगाने का लक्ष्य रखा है. वहीं पुराने पौधों पर वन विभाग का कहना है कि पिछले तीन सालों में किए गए पौधारोपण में से वर्तमान में 70 से 75 फीसदी पौधे जीवित है.

Intro: ईटीवी भारत ग्रीन राजस्थान की मुहिम के तहत आज हमने राजस्थान के राजसमंद जिले की वन विभाग के द्वारा पिछले साल लगाए गए.पौधों की वास्तविक स्थिति को टटोलने की कोशिश की.जिसमें हमने राजसमंद जिला मुख्यालय के अन्नपूर्णा माता जी के मंदिर के रास्ते में लगाए गए पौधों की पड़ताल कि पौधों की स्थिति क्या है.

राजसमंद -बदलते दौर में वैश्विक जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों के कारण कहीं सूखा तो कहीं बाढ़ की स्थितियां सामने आ रही है. इससे एक और जल संकट पैदा हो रहा है. तो दूसरी और पानी की कमी से खेती का रकबा घट रहा है.इसी क्रम में जलवायु परिवर्तन की समस्या से निजात पाने के लिए वन विभाग पौधारोपण कर रहा है. इस बार वन विभाग राजसमंद जिले में वर्षा ऋतु में 100 हेक्टेयर क्षेत्र में करीब 20000 पौधे लगाएगा. तो वही ईटीवी भारत ग्रीन राजस्थान की मुहिम के तहत हमने आज राजसमंद जिले के वन विभाग द्वारा पिछले साल लगाए गए पौधारोपण के वास्तविक स्थिति को टटोलने के लिए राजसमंद जिला मुख्यालय के अन्नपूर्णा माता मंदिर के इर्द-गिर्द लगाए गए 2018 के पौधों की वास्तविक स्थिति को देखने के लिए ग्राउंड रिपोर्ट पर उतरे तो.


Body:ईटीवी भारत की टीम के सामने वन विभाग के द्वारा लगाए गए 2018 के पौधों की वास्तविक स्थिति निकल कर आए.आपको बता देगी 2018 में वन विभाग द्वारा क्षेत्रफल1050.62(हेक्टेयर) मैं करीब 235400 पेड़ लगवाए गए थे जिनकी वास्तविक स्थिति को टटोलने के लिए कि 2018 में लगाए गए पेड़ों की वर्तमान स्थिति क्या है पेड़ 2018 से लेकर अब तक किस स्थिति में है. इसकी पड़ताल करने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने अन्नपूर्णा माता जी के मंदिर के पास लगाए गए पेड़ों की पड़ताल की तो सामने आया कि कुछ पेड़ों को पशु-पक्षियों द्वारा नष्ट कर दिया गया वहीं पेड़ों को खुले में होने के कारण और उनके किसी प्रकार का सुरक्षा के लिए जाल व्यवस्था नहीं करने के कारण पशुओं ने उन्हें नष्ट कर दिया आपको बता दें कि अन्नपूर्णा माता मंदिर के पास करीब 1000 बड़े पेड़ और 4000 छोटे पेड़ लगाए गए थे जिनमें से कुछ पेड़ नष्ट हो चुके हैं तो कुछ अभी लगे हुए हैं लेकिन पेड़ों की सुरक्षा के लिए किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं होने के कारण में पेड़ नष्ट हो रहे हैं.


Conclusion:अगर पिछले 5 सालों के वन विभाग राजसमंद द्वारा लगाए गए. पेड़ों का विवरण देखें दो राजसमंद में 2014 में 350 क्षेत्रफल हेक्टर में 70000 पेड़ लगाए गए.वही 2015 में 520 क्षेत्र हेक्टर109100 पौधे लगाए गए.वही 2016 में 450 क्षेत्र हेक्टर में 150000 पेड़ लगाए गए.वही 2017 में 200 क्षेत्रफल हेक्टर मैं40000 पौधे लगाए गए. वहीं 2018 में क्षेत्रफल हेक्टेयर में 1050.62 की दृष्टि से करीब 235400 पेड़ लगवाए गए. वहीं वर्ष 2019 में वर्षा ऋतु के समय 100 हेक्टेयर क्षेत्र में करीब 20000 पौधे लगवाए जाएंगे. वही वन विभाग का कहना है. कि गत 3 वर्षों में रोपित पौधों का वर्तमान में जीविता प्रतिशत 70 से 75% है.
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