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Special: कोरोना महामारी का रेस्टोरेंट व्यवसाय पर भी पड़ा गहरा प्रभाव, 35 से 40 फीसद ही बचा व्यापार

कोरोना वायरस के चलते लगे लॉकडाउन के बाद से अनलॉक-4 तक कई नकारात्मक मानव जीवन पर दिखाई पड़े हैं. बात रेस्टोरेंट व्यवसाय की करें तो पिछले 6 माह के दौरान इस व्यवसाय का हाल भी बेहाल है. कोरोना संक्रमण के चलते लोगों के बाहर खाने-पीने के परहेज के चलते अब पहले के मुकाबले सिर्फ 35 से 40 फीसदी व्यवसाईयों का ही रेस्टोरेंट चल पा रहा है.

rajsamand news, कोरोना वायरस न्यूज राजसमंद
रेस्टोरेंट्स व्यवसाय पर भी पड़ा गहरा प्रभाव
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Published : Sep 1, 2020, 10:51 PM IST

राजसमंद. कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न हुई स्थितियों की वजह से पिछले 6 महीने से पूरे अर्थ तंत्र पर गहरा प्रभाव पड़ा है. इस महामारी ने हर सेक्टर पर गहरी चोट पहुंचाई है. 6 महीने बीत जाने के बाद भी कुछ व्यवसाय तो अभी भी कछुए की चाल चल रहे हैं. खास करके इस महामारी ने रेस्टोरेंट व्यवसाय पर गहरी मार पड़ी है. यही वजह है, कि कोरोना भय लोगों के दिलों दिमाग से अभी उत्तर नहीं पा रहा. जिसकी वजह से लोग बाहर खानपान की वस्तुओं में ज्यादा दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं.

रेस्टोरेंट्स व्यवसाय पर भी कोरोना प्रभाव

ईटीवी भारत ने भी जानने की कोशिश की कोरोना काल की वजह से जो स्थितियां उत्पन्न हुई. इसमें रेस्टोरेंट व्यवसाय की क्या स्थिति है. इसके लिए हमारी टीम राजसमंद जिले के विभिन्न रेस्टोरेंट का दौरा किया तो विचित्र परिस्थितियां निकल कर सामने आए. पहले के मुकाबले अब सिर्फ 35 से 40 फीसदी व्यवसाईयों का ही रेस्टोरेंट चल पा रहा है.

कोरोना महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण करीब 2 महीने तक व्यवसाय पूरी तरह से बंद रहा. इसके बाद सरकार ने अनलॉक करते हुए इस व्यवसाय को खोलने की छूट दी गई. लेकिन लोगों में अभी भी कोरोना महामारी का डर बैठा हुआ दिखाई देता है. यही वजह है, कि पूरी सावधानियां बरतनी के बावजूद भी रेस्टोरेंट्स व्यवसाय रफ्तार नहीं पकड़ पा रहे है.

rajsamand news, कोरोना वायरस न्यूज राजसमंद
खाली पड़े रेस्टोरेंट

पढ़ें- SPECIAL: कोरोना काल में घरेलू उड़ानें प्रभावित, यात्री भार की कमी के चलते रद्द हो रही हैं फ्लाइट्स

हमारी मुलाकात शहर के रेस्टोरेंट संचालक भूषण से हुई, उन्होंने बताया कि प्रशासन की ओर से जारी दिशा निर्देशों की पालना करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाकर रेस्टोरेंट संचालित किए जा रहे हैं. लेकिन कस्टमर कम होने के कारण रेस्टोरेंट के व्यवसाय में भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है.

rajsamand news, कोरोना वायरस न्यूज राजसमंद
रेस्टोरेंट्स व्यवसाय को भी हुआ नुकसान

इसी के साथ उन्होंने बताया कि पहले के मुकाबले 30 फीसदी व्यवसाय ही चल रहा है. इस व्यवसाय में काफी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. खास करके सब्जियों के भाव लगातार आसमान छू रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद भी हम हमारे खाने की रेट नहीं बढ़ा पा रही हैं, क्योंकि कस्टमर की लिमिट डिमांड होती है. दूसरा काम करने वाले सभी स्टाफ को उनका वेतन देना भी मुश्किल भरा होने लगा है.

rajsamand news, कोरोना वायरस न्यूज राजसमंद
रेस्टोरेंट में पसरा सन्नाटा

पढ़ें- SPECIAL: यादों को यादगार बनाने वाले फोटोग्राफर्स पर आफत बनकर टूटा कोरोना

इनके बाद हमारी मुलाकात वेणी राम कुमावत से हुई जहां उन्होंने बताया कि हाईवे पर रेस्टोरेंट संचालित है. लेकिन इसके बावजूद भी ग्राहकों की आवक नाम मात्र के बराबर है, लेकिन खर्चे पहले की तरह ही जस के तस बने हुए हैं. होटल संचालक भेरू लाल पुरोहित बताते हैं, कि पहले अधिक संख्या में लोग खाना खाने आते थे, लेकिन अब संख्या काफी घट गई है. पहले हजारों रुपए का व्यवसाय प्रतिदिन होता था. लेकिन अब 40 प्रतिशत से भी कम व्यवसाय रह गया है. कोरोना महामारी इस दौर में रेस्टोरेंट व्यवसायियों को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

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स्टाफ का नहीं निकल पा रहा वेतन

इसी के साथ पुरोहित ने बताया कि पूर्ण रूप से सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क सैनिटाइजर करने के बाद ही रेस्टोरेंट्स चलाए जा रहे हैं, लेकिन ग्राहकों की दिलचस्पी नाममात्र के बराबर है. इन सभी लोगों ने सरकार से गुहार लगाई की इस व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों को कुछ राहत मिले. जिससे व्यवसाय को उभार पाने में थोड़ी राहत मिल सके खास करके अभी वर्तमान में 50 लोगों से ज्यादा एक साथ इकट्ठा नहीं हो सकते किसी भी कार्यक्रम में यह भी एक समस्या भरा है.

राजसमंद. कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न हुई स्थितियों की वजह से पिछले 6 महीने से पूरे अर्थ तंत्र पर गहरा प्रभाव पड़ा है. इस महामारी ने हर सेक्टर पर गहरी चोट पहुंचाई है. 6 महीने बीत जाने के बाद भी कुछ व्यवसाय तो अभी भी कछुए की चाल चल रहे हैं. खास करके इस महामारी ने रेस्टोरेंट व्यवसाय पर गहरी मार पड़ी है. यही वजह है, कि कोरोना भय लोगों के दिलों दिमाग से अभी उत्तर नहीं पा रहा. जिसकी वजह से लोग बाहर खानपान की वस्तुओं में ज्यादा दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं.

रेस्टोरेंट्स व्यवसाय पर भी कोरोना प्रभाव

ईटीवी भारत ने भी जानने की कोशिश की कोरोना काल की वजह से जो स्थितियां उत्पन्न हुई. इसमें रेस्टोरेंट व्यवसाय की क्या स्थिति है. इसके लिए हमारी टीम राजसमंद जिले के विभिन्न रेस्टोरेंट का दौरा किया तो विचित्र परिस्थितियां निकल कर सामने आए. पहले के मुकाबले अब सिर्फ 35 से 40 फीसदी व्यवसाईयों का ही रेस्टोरेंट चल पा रहा है.

कोरोना महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण करीब 2 महीने तक व्यवसाय पूरी तरह से बंद रहा. इसके बाद सरकार ने अनलॉक करते हुए इस व्यवसाय को खोलने की छूट दी गई. लेकिन लोगों में अभी भी कोरोना महामारी का डर बैठा हुआ दिखाई देता है. यही वजह है, कि पूरी सावधानियां बरतनी के बावजूद भी रेस्टोरेंट्स व्यवसाय रफ्तार नहीं पकड़ पा रहे है.

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खाली पड़े रेस्टोरेंट

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हमारी मुलाकात शहर के रेस्टोरेंट संचालक भूषण से हुई, उन्होंने बताया कि प्रशासन की ओर से जारी दिशा निर्देशों की पालना करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाकर रेस्टोरेंट संचालित किए जा रहे हैं. लेकिन कस्टमर कम होने के कारण रेस्टोरेंट के व्यवसाय में भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है.

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रेस्टोरेंट्स व्यवसाय को भी हुआ नुकसान

इसी के साथ उन्होंने बताया कि पहले के मुकाबले 30 फीसदी व्यवसाय ही चल रहा है. इस व्यवसाय में काफी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. खास करके सब्जियों के भाव लगातार आसमान छू रहे हैं. लेकिन इसके बावजूद भी हम हमारे खाने की रेट नहीं बढ़ा पा रही हैं, क्योंकि कस्टमर की लिमिट डिमांड होती है. दूसरा काम करने वाले सभी स्टाफ को उनका वेतन देना भी मुश्किल भरा होने लगा है.

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रेस्टोरेंट में पसरा सन्नाटा

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इनके बाद हमारी मुलाकात वेणी राम कुमावत से हुई जहां उन्होंने बताया कि हाईवे पर रेस्टोरेंट संचालित है. लेकिन इसके बावजूद भी ग्राहकों की आवक नाम मात्र के बराबर है, लेकिन खर्चे पहले की तरह ही जस के तस बने हुए हैं. होटल संचालक भेरू लाल पुरोहित बताते हैं, कि पहले अधिक संख्या में लोग खाना खाने आते थे, लेकिन अब संख्या काफी घट गई है. पहले हजारों रुपए का व्यवसाय प्रतिदिन होता था. लेकिन अब 40 प्रतिशत से भी कम व्यवसाय रह गया है. कोरोना महामारी इस दौर में रेस्टोरेंट व्यवसायियों को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

rajsamand news, कोरोना वायरस न्यूज राजसमंद
स्टाफ का नहीं निकल पा रहा वेतन

इसी के साथ पुरोहित ने बताया कि पूर्ण रूप से सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क सैनिटाइजर करने के बाद ही रेस्टोरेंट्स चलाए जा रहे हैं, लेकिन ग्राहकों की दिलचस्पी नाममात्र के बराबर है. इन सभी लोगों ने सरकार से गुहार लगाई की इस व्यवसाय से जुड़े हुए लोगों को कुछ राहत मिले. जिससे व्यवसाय को उभार पाने में थोड़ी राहत मिल सके खास करके अभी वर्तमान में 50 लोगों से ज्यादा एक साथ इकट्ठा नहीं हो सकते किसी भी कार्यक्रम में यह भी एक समस्या भरा है.

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