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राजसमंद: देलवाड़ा में कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन

राजसमंद में कृषि कानूनों के विरोध में कांग्रेस कार्यक्रताओं ने प्रदर्शन किया. इस दौरान केंद्र सरकार से तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए तहसीलदार को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा.

protest to agricultural law in Rajsamand,  protest in rajsamand
राजसमंद में कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन
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Published : Jan 11, 2021, 7:26 PM IST

राजसमंद. जिले की देलवाड़ा तहसील में सोमवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने क्षेत्र के किसानों के साथ प्रदर्शन किया. इस दौरान तीनों कृषि कानूनों को वापस करवाने के लिए राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन तहसीलदार हुकम कुँवर को सौंपा. देलवाड़ा प्रधान रामेश्वर खटीक और सरपंच मांगीलाल कटारिया के नेतृत्व में किसानों के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ट्रैक्टर पर सवार होकर नारेबाजी की और रैली निकालते हुए तहसील कार्यालय पहुंचे.

ज्ञापन में तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए प्रधान रामेश्वर खटीक ने बताया कि केंद्र सरकार ने बिना सलाह मशवरे के आनन-फानन में कानून बना दिया. साथ ही इस कानूनों को किसानों पर थोपे जा रहे हैं. इन कानूनों के माध्यम से किसानों की भूमि, किसानों की फसल को चंद पूंजीपतियों के हाथों में सौंपने की प्लानिंग की जा रही है.

पढ़ें- देवगढ़ के एक मकान से अंग्रेजी और देशी शराब बरामद, आरोपी फरार

प्रधान रामेश्वर खटीक ने बताया कि किसान आंदोलन कर रहा है न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने की जबकि मोदी सरकार उनपर जबरदस्ती ये काले कानून थोपना चाह रही है. पहले से सरकारें मंडियों के माध्यम से फसल खरीदती आ रही है. अब मोदी सरकार अपने व्यवसाई मित्रों को खुश करने के लिए किसानों की बलि चढ़ाना चाहती है. लेकिन कांग्रेस हमेशा किसानों के साथ खड़ी रहेगी चाहे इसके लिए जान भी गंवानी क्यों न पड़े.

राजसमंद. जिले की देलवाड़ा तहसील में सोमवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने क्षेत्र के किसानों के साथ प्रदर्शन किया. इस दौरान तीनों कृषि कानूनों को वापस करवाने के लिए राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन तहसीलदार हुकम कुँवर को सौंपा. देलवाड़ा प्रधान रामेश्वर खटीक और सरपंच मांगीलाल कटारिया के नेतृत्व में किसानों के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ट्रैक्टर पर सवार होकर नारेबाजी की और रैली निकालते हुए तहसील कार्यालय पहुंचे.

ज्ञापन में तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए प्रधान रामेश्वर खटीक ने बताया कि केंद्र सरकार ने बिना सलाह मशवरे के आनन-फानन में कानून बना दिया. साथ ही इस कानूनों को किसानों पर थोपे जा रहे हैं. इन कानूनों के माध्यम से किसानों की भूमि, किसानों की फसल को चंद पूंजीपतियों के हाथों में सौंपने की प्लानिंग की जा रही है.

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प्रधान रामेश्वर खटीक ने बताया कि किसान आंदोलन कर रहा है न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने की जबकि मोदी सरकार उनपर जबरदस्ती ये काले कानून थोपना चाह रही है. पहले से सरकारें मंडियों के माध्यम से फसल खरीदती आ रही है. अब मोदी सरकार अपने व्यवसाई मित्रों को खुश करने के लिए किसानों की बलि चढ़ाना चाहती है. लेकिन कांग्रेस हमेशा किसानों के साथ खड़ी रहेगी चाहे इसके लिए जान भी गंवानी क्यों न पड़े.

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