राजसमंद. लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पहली बार शनिवार को राजसमंद जिले के भीम पहुंचें. मुख्यमंत्री गहलोत ने भीम क्षेत्र के देव डूंगरी में मजदूर किसान शक्ति संगठन की ओर से लगाए गए युवा चिंतन शिविर में कार्यकर्ताओं से रूबरू हुए. तो वहीं देव डूंगरी में ग्रामीण महिलाओं के समूह और नरेगा श्रमिकों से चर्चा भी की. इस दौरान सीएम गहलोत ने क्षेत्र के समस्त सामाजिक हालातों के बारे में जानकारी ली. इससे पहले मुख्यमंत्री ने देव डूंगरी में स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि और ग्रामीणों से भी चर्चा की.
इस दौरान राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी भी सीएम गहलोत के साथ रहे. वहीं ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के समक्ष विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. जिसमें सिलिकोसिस से प्रभावित श्रमिकों के कल्याण श्रम विभाग के सहायता योजनाओं में पारदर्शिता लाते हुए पात्र जनों को अधिक से अधिक लाभान्वित करने और श्रम विभाग द्वारा निर्धारित छात्रवृत्ति समय पर मुहैया कराने, श्रम विभाग की योजनाओं को सोशल ऑडिट कराने, शामलाती भूमि पर पॉलिसी बढ़ाने, आदिवासी क्षेत्रों में गैस सिलेंडर की उपलब्धता वाले ग्रामीण क्षेत्रों को केरोसिन वैकल्पिक बंदोबस्त करने की सुविधा देने की बात रखी.
घुमंतु समुदाय के सभी जातियों को बसाने के लिए कारगर योजना बनाने और उनकी शिक्षा और स्वास्थ्य की बेहतर सुविधा देने को लेकर भी चर्चा हुई. वहीं इस दौरान ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री को बताया कि पोस्टमैन द्वारा पेंशन समय पर नहीं पहुंचाई जा रही है. कुकर खेड़ा में बुजुर्ग दंपति के वहां पेंशन नहीं पहुंचने और गड़बड़ी की जानकारी दिए जाने पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि पोस्टमैन के खिलाफ पुलिस प्राथमिकी दर्ज कराई जानी चाहिए. सीएम गहलोत ने इसके लिए निर्देश भी दिए. इस कार्यक्रम में राजस्थान के विधानसभा डॉ. सीपी जोशी, पूर्व मंत्री रामलाल जाट, पूर्व मंत्री लक्ष्मण सिंह रावत, विधायक सुदर्शन सिंह, समाजसेवी अरुणा राय बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे.