राजसमंद. 10वीं कक्षा की इतिहास की पुस्तक में महाराणा प्रताप और हल्दीघाटी युद्ध के तथ्यों से छेड़छाड़ का मामला सामने आया है. मामले में मंगलवार को देलवाड़ा कस्बे में श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.
करणी सेना के तहसील अध्यक्ष दशरथ सिंह झाला ने बताया कि 10वीं कक्षा की इतिहास की पुस्तक में महाराणा प्रताप के वास्तविक इतिहास को बदल कर दुर्भावनावश युद्ध में अकबर की सेना की असफलता सिद्ध करने वाले तथ्य हटाए गए हैं. साथ ही महाराणा प्रताप के हल्दी घाटी युद्ध की हार का भ्रम पैदा किया गया है. उनका कहना है कि 2017 से चल रही पुस्तक में इतिहासकारों के आंकलन के आधार पर उन तथ्यों का उल्लेख किया गया था, जो अकबर की सेना की असफलता सिद्ध करते हैं.
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दशरथ सिंह झाला ने बताया कि महान पूर्वजों के इतिहास के प्रति शिक्षा विभाग दुर्भावना और कुंठा से ग्रसित नजर आता है. उनका कहना है कि इतिहास आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत होता है, उसी से भविष्य की दिशा और दशा को तय किया जाता है. ऐसे में इतिहास के साथ छेड़छाड़ शिक्षा और समाज दोनों के लिए ही दुर्भाग्य की बात है.
श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना ने शिक्षा विभाग से इन पाठ्यक्रमों को जल्द दुरुस्त कराए जाने की मांग की है. देलवाड़ा तहसीलदार को ज्ञापन सौंपते समय देलवाड़ा तहसील अध्यक्ष दशरथ सिंह झाला के साथ श्री राष्ट्रीय करणी सेना के सभी पदाधिकारी उपस्थित रहे.
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने की सरकार की कड़ी आलोचना
वहीं, मामले को लेकर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी राजस्थान सरकार की कड़ी आलोचना की है. शेखावत ने कहा कि राजस्थान शिक्षा विभाग द्वारा दसवीं कक्षा में महाराणा प्रताप, राणा उदय सिंह, मेवाड़ के राज परिवार और हल्दी घाटी के प्रति भ्रामक तथ्य छापकर मरुधरा के इतिहास का अपमान किया गया है. सरकार द्वारा पाठ्यक्रम में इस तरह के बदलाव अस्वीकार्य हैं.