राजसमंद. 28 मई को विश्व माहवारी दिवस के रूप में मनाया जाता है. दो वर्ष पहले अक्षय कुमार की फिल्म पैडमैन आई थी. इसमें माहवारी के दौरान महिलाओं को होने वाली दिक्कतों को दिखाया गया था. फिल्म में नायक महिलाओं की मदद के लिए हर तरह की मुसीबत झेलने के बाद भी सैनिटरी नैपकिन बना कर बांटते हैं.
बता दें कि कुछ इसी तरह का मामला राजसमंद जिले के देवगढ़ का भी है. यहां भावना पालीवाल पिछले 5 वर्षों से महिलाओं की मदद के लिए आगे आई. वे जरूरतमंद महिलाओं और छात्राओं के बीच जाकर लॉकडाउन में निल्क सैनिटरी नैपकिन बांट रही हैं.
देवगढ़ की भावना पालीवाल 'चुप्पी तोड़ो, सयानी बनो' स्त्री स्वाभिमान अभियान चला रही है. इनकी कोशिश है कि महिलाएं माहवारी पर चुप्पी तोड़ें और उनका स्वास्थ्य बेहतर रहे. पालीवाल ने बताया कि वे घर परिवार का काम खत्म कर गांवों की ओर निकल जाती है. उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर चुप रहने वाली महिलाएं को कार्यशाला के माध्यम से अपनी झिझक तोड़ पीरियड के दिनों को लेकर चर्चा कर उनके मन की तमाम भ्रांतियों को दूर किया जाता है.
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भावना पालीवाल ने बताया कि गांव की चौपाल पर, गली-मोहल्लों, स्कूलों, कॉलेजों, और ग्राम पंचायत में महिलाओं और युवतियों को एक जगह एकत्रित कर माहवारी पर 2 से 3 घंटे की कार्यशाला लेती हैं. बता दें कि भावना ने महिलाओं-बालिकाओं की चुप्पी तोड़ते हुए स्वच्छता का संदेश विश्ववव्यापी कोरोना महामारी के दौरान भी जारी रखा. पालीवाल पिछले पांच सालों से गांवों, मजरा, ढाणियों और विद्यालयों में जाकर महावारी पर चुप्पी तोड़ो अभियान के तहत 10 हजार महिलाओं को जागरूक कर चुकी हैं.