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विधानसभा उपचुनाव 2021: राजसमंद में भाजपा ने बचाया अपना गढ़, दीप्ति किरण माहेश्वरी की जीत

राजसमंद विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी दीप्ति माहेश्वरी ने जीत दर्ज की है. दीप्ति माहेश्वरी ने कांग्रेस प्रत्याशी तनसुख बोहरा को करीब 5300 से अधिक वोटों से हराया है.

Rajsamand latest news,  Deepti Kiran Maheshwari wins from Rajsamand
दीप्ति किरण माहेश्वरी की जीत
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Published : May 2, 2021, 3:18 PM IST

राजसमंद. प्रदेश में तीन विधानसभा सीटों सहाड़ा, सुजानगढ़ और राजसमंद के लिए हुए उपचुनाव में मतदाताओं ने दिवंगत विधायकों के परिजनों के प्रति पूरी सहानुभूति दिखाई है. मतदाताओं ने तीनों ही स्थानों पर दिवंगत विधायकों के परिजनों को समर्थन देकर उनके परिवारों के वर्चस्व को कायम रखा है.

पढ़ें- सुजानगढ़ कांग्रेस प्रत्याशी मनोज मेघवाल कोरोना पॉजिटिव, CM ने शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की

राजसमंद में राजकीय पॉलिटेक्निकल कॉलेज में रविवार सुबह 8 बजे मतगणना प्रारंभ हुई. इस बार 10 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होना था और जब सुबह मतगणना प्रारंभ हुई तो सबसे पहले डाक मतपत्र की गणना की गई. इसके बाद ईवीएम से भी मतगणना शुरू हुई. इस उपचुनाव में 2,22,463 मतदाताओं में से 1,50,567 मतदाताओं ने मतदान किया था. बता दें, राजसमंद विधानसभा सीट पर भाजपा की दीप्ति माहेश्वरी ने जीत दर्ज की है. दीप्ति माहेश्वरी ने कांग्रेस प्रत्याशी तनसुख बोहरा को करीब 5310 मतों से हराया है. राजसमंद विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी तनसुख बोहरा को 69089 वोट मिले हैं तो वहीं भाजपा प्रत्याशी दीप्ति माहेश्वरी को 74408 मत प्राप्त हुए हैं. आरएलपी प्रत्याशी को 1551 वोट मिला है.

राजसमंद बीजेपी का गढ़

बता दें, राजसमंद बीजेपी का गढ़ माना जाता है. यहां की विधायक किरण माहेश्वरी का भी कोविड-19 की पहली लहर में कोरोना संक्रमण के कारण निधन हो गया था, जिसके कारण यह सीट रिक्त हो गई थी. यहां बीजेपी ने भी अपने गढ़ को बचाने के लिए सहानुभूति का कार्ड खेलते हुए किरण माहेश्वरी की बेटी दीप्ति माहेश्वरी को चुनाव मैदान में उतारा. कांग्रेस ने बीजेपी के इस गढ़ को भेदने का पूरा प्रयास किया लेकिन वह सफल नहीं हो पाई. यहां उसने दीप्ति माहेश्वरी का मुकाबला करने के लिए तनसुख बोहरा पर दांव खेला, लेकिन पार नहीं पड़ी. मतदाताओं ने माहेश्वरी परिवार पर फिर भी भरोसा जताते हुए दीप्ति को विजयी बनाया है.

प्रदेश सरकार ने झोंक दी थी पूरी ताकत

राजसमंद में उपचुनाव की घोषणा होने के बाद ही प्रदेश सरकार इस सीट को जीतने के लिए कई जतन करती हुई दिखी. चुनाव से ठीक पहले राजसमंद विधानसभा क्षेत्र के लिए कई घोषणाएं की गई, तो वहीं दूसरी तरफ इस चुनाव में प्रदेश सरकार के कई मंत्री. कांग्रेस के कई कार्यकर्ता और जयपुर कांग्रेस संगठन के कई पदाधिकारियों ने कई दिनों तक राजसमंद में डेरा डाले रखा.

जीत का अंतर हुआ कम

राजसमंद विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो विधानसभा चुनाव में किरण माहेश्वरी ने 26 हजार से अधिक वोटों से विजयी हुई थी. लेकिन, इस बार विधानसभा उपचुनाव में दीप्ति माहेश्वरी महज 5310 वोटों की ही बढ़त बना पाई.

दीया कुमारी की सक्रियता और कटारिया का बयान रहा चर्चाओं में

इस विधानसभा के उपचुनाव के दौरान राजसमंद सांसद दीया कुमारी की अति सक्रियता ना केवल बीजेपी पार्टी कार्यकर्ताओं में बल्कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में भी चर्चा का केंद्र रहा. इसके साथ ही बीजेपी के दिग्गज नेता गुलाबचंद कटारिया के महाराणा प्रताप को लेकर दिए गए बयान के बाद उठे विवाद की भी खूब चर्चाएं हुई.

राजसमंद. प्रदेश में तीन विधानसभा सीटों सहाड़ा, सुजानगढ़ और राजसमंद के लिए हुए उपचुनाव में मतदाताओं ने दिवंगत विधायकों के परिजनों के प्रति पूरी सहानुभूति दिखाई है. मतदाताओं ने तीनों ही स्थानों पर दिवंगत विधायकों के परिजनों को समर्थन देकर उनके परिवारों के वर्चस्व को कायम रखा है.

पढ़ें- सुजानगढ़ कांग्रेस प्रत्याशी मनोज मेघवाल कोरोना पॉजिटिव, CM ने शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की

राजसमंद में राजकीय पॉलिटेक्निकल कॉलेज में रविवार सुबह 8 बजे मतगणना प्रारंभ हुई. इस बार 10 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होना था और जब सुबह मतगणना प्रारंभ हुई तो सबसे पहले डाक मतपत्र की गणना की गई. इसके बाद ईवीएम से भी मतगणना शुरू हुई. इस उपचुनाव में 2,22,463 मतदाताओं में से 1,50,567 मतदाताओं ने मतदान किया था. बता दें, राजसमंद विधानसभा सीट पर भाजपा की दीप्ति माहेश्वरी ने जीत दर्ज की है. दीप्ति माहेश्वरी ने कांग्रेस प्रत्याशी तनसुख बोहरा को करीब 5310 मतों से हराया है. राजसमंद विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी तनसुख बोहरा को 69089 वोट मिले हैं तो वहीं भाजपा प्रत्याशी दीप्ति माहेश्वरी को 74408 मत प्राप्त हुए हैं. आरएलपी प्रत्याशी को 1551 वोट मिला है.

राजसमंद बीजेपी का गढ़

बता दें, राजसमंद बीजेपी का गढ़ माना जाता है. यहां की विधायक किरण माहेश्वरी का भी कोविड-19 की पहली लहर में कोरोना संक्रमण के कारण निधन हो गया था, जिसके कारण यह सीट रिक्त हो गई थी. यहां बीजेपी ने भी अपने गढ़ को बचाने के लिए सहानुभूति का कार्ड खेलते हुए किरण माहेश्वरी की बेटी दीप्ति माहेश्वरी को चुनाव मैदान में उतारा. कांग्रेस ने बीजेपी के इस गढ़ को भेदने का पूरा प्रयास किया लेकिन वह सफल नहीं हो पाई. यहां उसने दीप्ति माहेश्वरी का मुकाबला करने के लिए तनसुख बोहरा पर दांव खेला, लेकिन पार नहीं पड़ी. मतदाताओं ने माहेश्वरी परिवार पर फिर भी भरोसा जताते हुए दीप्ति को विजयी बनाया है.

प्रदेश सरकार ने झोंक दी थी पूरी ताकत

राजसमंद में उपचुनाव की घोषणा होने के बाद ही प्रदेश सरकार इस सीट को जीतने के लिए कई जतन करती हुई दिखी. चुनाव से ठीक पहले राजसमंद विधानसभा क्षेत्र के लिए कई घोषणाएं की गई, तो वहीं दूसरी तरफ इस चुनाव में प्रदेश सरकार के कई मंत्री. कांग्रेस के कई कार्यकर्ता और जयपुर कांग्रेस संगठन के कई पदाधिकारियों ने कई दिनों तक राजसमंद में डेरा डाले रखा.

जीत का अंतर हुआ कम

राजसमंद विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो विधानसभा चुनाव में किरण माहेश्वरी ने 26 हजार से अधिक वोटों से विजयी हुई थी. लेकिन, इस बार विधानसभा उपचुनाव में दीप्ति माहेश्वरी महज 5310 वोटों की ही बढ़त बना पाई.

दीया कुमारी की सक्रियता और कटारिया का बयान रहा चर्चाओं में

इस विधानसभा के उपचुनाव के दौरान राजसमंद सांसद दीया कुमारी की अति सक्रियता ना केवल बीजेपी पार्टी कार्यकर्ताओं में बल्कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में भी चर्चा का केंद्र रहा. इसके साथ ही बीजेपी के दिग्गज नेता गुलाबचंद कटारिया के महाराणा प्रताप को लेकर दिए गए बयान के बाद उठे विवाद की भी खूब चर्चाएं हुई.

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