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पंचतत्व में विलीन हुआ राजसमंद का लाल, युद्धाभ्यास के दौरान घायल हुए थे शिवपाल

राजसमंद के लाल शिवपाल सिंह रावत जिंदगी और मौत की जंग के बीच झुलते हुए मंगलवार को मौत से हार गए. शिवराज का इलाज चंडीगढ़ आर्मी अस्पताल में चल रहा था. उपचार के दौरान चंडीगढ़ में रावत ने अंतिम सांस ली.

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Published : Nov 13, 2019, 2:06 AM IST

rajsamand news, राजसमंद की खबर

राजसमंद. जिले के भीम उपखंड क्षेत्र के जस्साखेड़ा ग्राम पंचायत के आंतरिया गांव में शिवपाल सिंह मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हो गए. दरअसल जैसलमेर में युद्धाभ्यास के दौरान घायल हुआ जवान शिवपाल का चंडीगढ़ में इलाज के दौरान मौत हो गई. जिसके बाद उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव जस्सा खेड़ा पहुंचा. जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया.

पंचतत्व में विलीन हुआ राजसमंद का लाल

बता दें कि जब शहीद जवान शिवपाल का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो माहौल गमगीन हो गया और सभी की आंखें नम हो गई. परिवार के लोग फूट-फूट कर रोने लगे. जिसके बाद अंतिम संस्कार की तैयारी की गई और उनके पैतृक घर से श्मशान घाट तक की अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग अपने गांव के लाल को अंतिम विदाई देने पहुंचे और नम आंखों से विदाई दी. शमशान घाट पर पहले आर्मी की ओर से अंतिम सलामी दी गई. वहीं, भीम विधायक सुदर्शन सिंह रावत और भीम एसडीएम ने पुष्पांजलि दी.

पढ़ें- राजसमंद के आर.के अस्पताल में अस्थि रोग विशेषज्ञ न होने से मरीज परेशान

जानकारी के अनुसार जैसलमेर में युद्धाभ्यास के दौरान गोला बारूद फटने से जवान शिवपाल घायल हो गए थे. जिसके बाद उसका इलाज चंडीगढ़ में आर्मी अस्पताल में चल रहा था. जहां उनकी मौत हो गई. बता दें कि शिवपाल सिंह रावत 2 साल पूर्व ही भारतीय सेना में भर्ती हुए थे. उनके पिता भी भारतीय सेना में सूबेदार पद पर थे, जो करीब 10 वर्ष पहले रिटायर हो चुके थे.

राजसमंद. जिले के भीम उपखंड क्षेत्र के जस्साखेड़ा ग्राम पंचायत के आंतरिया गांव में शिवपाल सिंह मंगलवार को पंचतत्व में विलीन हो गए. दरअसल जैसलमेर में युद्धाभ्यास के दौरान घायल हुआ जवान शिवपाल का चंडीगढ़ में इलाज के दौरान मौत हो गई. जिसके बाद उनका पार्थिव शरीर पैतृक गांव जस्सा खेड़ा पहुंचा. जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया.

पंचतत्व में विलीन हुआ राजसमंद का लाल

बता दें कि जब शहीद जवान शिवपाल का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा तो माहौल गमगीन हो गया और सभी की आंखें नम हो गई. परिवार के लोग फूट-फूट कर रोने लगे. जिसके बाद अंतिम संस्कार की तैयारी की गई और उनके पैतृक घर से श्मशान घाट तक की अंतिम यात्रा में सैकड़ों लोग अपने गांव के लाल को अंतिम विदाई देने पहुंचे और नम आंखों से विदाई दी. शमशान घाट पर पहले आर्मी की ओर से अंतिम सलामी दी गई. वहीं, भीम विधायक सुदर्शन सिंह रावत और भीम एसडीएम ने पुष्पांजलि दी.

पढ़ें- राजसमंद के आर.के अस्पताल में अस्थि रोग विशेषज्ञ न होने से मरीज परेशान

जानकारी के अनुसार जैसलमेर में युद्धाभ्यास के दौरान गोला बारूद फटने से जवान शिवपाल घायल हो गए थे. जिसके बाद उसका इलाज चंडीगढ़ में आर्मी अस्पताल में चल रहा था. जहां उनकी मौत हो गई. बता दें कि शिवपाल सिंह रावत 2 साल पूर्व ही भारतीय सेना में भर्ती हुए थे. उनके पिता भी भारतीय सेना में सूबेदार पद पर थे, जो करीब 10 वर्ष पहले रिटायर हो चुके थे.

Intro:राजसमंद- जिले के भीम उपखंड क्षेत्र के जस्साखेड़ा ग्राम पंचायत के आंतरिया गांव में शिवपाल सिंह आज पंचतत्व में विलीन हो गए.जैसलमेर में युद्धाभ्यास के दौरान घायल हुआ जवान शिवपाल का चंडीगढ़ में  इलाज के दौरान मौत के बाद उनका पार्थिव देव पैतृक गांव जस्सा खेड़ा पहुंचा. जहां अंतिम संस्कार किया गया। शहीद जवान शिवपाल का पार्थिव देह जब गांव पहुंचा तो माहौल गमगीन हो गया और सभी की आंखें नम दिखी । परिवार के लोग  फूट-फूट कर रोने लगे ।जिसके बाद अंत्येष्टि की तैयारी की गई और उनके पैतृक घर से श्मशान घाट तक अंतिम यात्रा शुरू हुई जिसमें सैकड़ों लोग अपने गांव के लाल को अंतिम विदाई देने पहुंचे और नम आंखों से विदाई दी । अंतिम यात्रा गांव के श्मशान घाट पहुंची जहां उनका पार्थिव दे पंचतत्व में विलीन हुआ । इससे पहले आर्मी द्वारा अंतिम सलामी दी गई वही भीम विधायक सुदर्शन सिंह रावत भीम एसडीएम पुष्प  श्रद्धांजलि दी । Body:आपको बता देंं कि जैसलमेर में युद्धाभ्याास के दौरान गोला बारूद फटने से जवान शिवपाल घायल हो गया था जिसके बााद उसका इलाज चंडीगढ़ में आर्मी अस्पताल में चल रहा था उनका पार्थिव देह आज सुबह उनके पैतृक गांव जस्सा खेड़ा पहुंचा । जहां विधि विधान से अंतिम संस्कार किया गया। शिवपाल सिंह रावत 2 साल पूर्व भी ही भारतीय आर्मी में भर्ती हुआ था वहीं के पिता भी करीब 10 वर्ष पहले आर्मी के सूबेदार पद से रिटायर हुए थे.


बाइट - सुदर्शन सिंह रावत ( विधायक भीम राजसमंद )Conclusion:
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