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राजसमंद में प्रतिबंध के बावजूद भी POP से हो रहा मूर्तियों का निर्माण - pop statues in rajsamand

प्रतिबंध के बावजुद भी राजसमंद में धड़ल्ले से प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों का निर्माण तेजी से हो रहा है. पेयजल स्रोत को प्रदूषित करता है प्लास्टर ऑफ पेरिस.

राजसमंद प्लास्टर ऑफ पेरिस Rajsamand Plaster of Paris
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Published : Aug 22, 2019, 11:05 AM IST

राजसमंद. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने लंबे समय से देशभर में प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्ति पर प्रतिबंध लगा रखा है. एनजीटी के आदेश पर कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने आदेश निकालकर 2 सितंबर को आने वाले गणेश चतुर्थी और दुर्गा पूजा महोत्सव के दौरान मूर्तियों का उपयोग करने पर प्रतिबंध कर दिया. गौरतलब है कि कलेक्टर पोसवाल आदेश निकालकर पीओपी की मूर्ति पर प्रतिबंध लगाया.

प्रतिबंध के बाद भी तेजी से हो रहा है प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों का निर्माण

लेकिन जिला कलेक्टर के आदेश की अवहेलना करते हुए आदेश के विपरीत शहर में कई जगह पर प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियां धड़ल्ले बनाई जा रही हैं. कलेक्टर ने आने वाले 2 सितंबर को होने वाले गणेश चतुर्थी पर्व पर नागरिकों से अपील कर कहा कि जिला क्षेत्र में प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों का उपयोग नहीं करे. मिट्टी की मूर्तियों का ही निर्माण करें ताकि जल प्रदूषण न हो. लेकिन उसके बावजूद भी धड़ल्ले से प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियां बनाई जा रही हैं.

पढ़ेंः चिदंबरम गिरफ्तार, आज CBI कोर्ट में होगी पेशी, कांग्रेस समर्थकों का विरोध

बता दें कि जिले में जगह-जगह गणेश महोत्सव पर करीब 5 हजार के करीब प्रतिमाएं स्थापित होती हैं. यह सभी प्लास्टर ऑफ पेरिस की प्रतिमाएं किसी न किसी तालाब नदी या फिर पेयजल स्रोत में विसर्जित होती हैं. जिला मुख्यालय पर एक हजार प्रतिमाओं की स्थापन होती हैं. इनका विसर्जन एनजीटी के आदेश को ताक में रखकर राजसमंद झील में किया जाता है. वहीं जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने कहा कि अगर जिले में रोक के बावजूद भी कोई प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों बना रहे हैं, तो टीम गठित कर उन्हें रुकवाने का काम किया जाएगा.

राजसमंद. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने लंबे समय से देशभर में प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्ति पर प्रतिबंध लगा रखा है. एनजीटी के आदेश पर कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने आदेश निकालकर 2 सितंबर को आने वाले गणेश चतुर्थी और दुर्गा पूजा महोत्सव के दौरान मूर्तियों का उपयोग करने पर प्रतिबंध कर दिया. गौरतलब है कि कलेक्टर पोसवाल आदेश निकालकर पीओपी की मूर्ति पर प्रतिबंध लगाया.

प्रतिबंध के बाद भी तेजी से हो रहा है प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों का निर्माण

लेकिन जिला कलेक्टर के आदेश की अवहेलना करते हुए आदेश के विपरीत शहर में कई जगह पर प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियां धड़ल्ले बनाई जा रही हैं. कलेक्टर ने आने वाले 2 सितंबर को होने वाले गणेश चतुर्थी पर्व पर नागरिकों से अपील कर कहा कि जिला क्षेत्र में प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों का उपयोग नहीं करे. मिट्टी की मूर्तियों का ही निर्माण करें ताकि जल प्रदूषण न हो. लेकिन उसके बावजूद भी धड़ल्ले से प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियां बनाई जा रही हैं.

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बता दें कि जिले में जगह-जगह गणेश महोत्सव पर करीब 5 हजार के करीब प्रतिमाएं स्थापित होती हैं. यह सभी प्लास्टर ऑफ पेरिस की प्रतिमाएं किसी न किसी तालाब नदी या फिर पेयजल स्रोत में विसर्जित होती हैं. जिला मुख्यालय पर एक हजार प्रतिमाओं की स्थापन होती हैं. इनका विसर्जन एनजीटी के आदेश को ताक में रखकर राजसमंद झील में किया जाता है. वहीं जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने कहा कि अगर जिले में रोक के बावजूद भी कोई प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों बना रहे हैं, तो टीम गठित कर उन्हें रुकवाने का काम किया जाएगा.

Intro:राजसमंद- नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने लंबे समय से देशभर में प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्ति पर प्रतिबंध लगा रखा है. एनजीटी के आदेश पर कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने आदेश निकालकर 2 सितंबर को आने वाले गणेश चतुर्थी और दुर्गा पूजा महोत्सव के दौरान मूर्तियों का उपयोग करने पर प्रतिबंध कर दिया गौरतलब है. कि कलेक्टर पोसवाल आदेश निकालकर पीओपी की मूर्ति पर प्रतिबंध लगाया. लेकिन जिला कलेक्टर के आदेश की अवहेलना करते हुए आदेश के विपरीत शहर में कई जगह पर पीओके की मूर्तियां बनाई जा रही हैं.


Body:कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल आने वाले 2 सितंबर को होने वाले गणेश चतुर्थी पर्व पर आयोजन करता और नागरिकों से अपील कर कहा कि गणेश चतुर्थी पर जिला क्षेत्र में प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों का उपयोग नहीं कर मिट्टी की मूर्तियों का ही उपयोग करें ताकि जल प्रदूषण ना हो. लेकिन उसके बावजूद भी धड़ल्ले से प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियां बनाई जा रही है. आपको बता दें कि जिले में जगह-जगह गणेश महोत्सव पर करीब 5000 के करीब प्रतिमाएं स्थापित होती हैं. यह सभी पीओके की प्रतिमाएं किसी न किसी तालाब नदी या फिर पेयजल स्रोत में विसर्जित होती हैं.जिला मुख्यालय पर एक हजार प्रतिमाओं का स्थापन होती हैं. इनका विसर्जन एनजीटी के आदेश को ताक में रखकर राजसमंद झील में किया जाता है. तो वहीं जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल ने कहा कि अगर जिले में रोक के बावजूद भी कोई प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों बना रहे हैं टीम गठित कर कर उन्हें रुकवाने का काम किया जाएगा.


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