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आत्मनिर्भर भारत : घर में थी पानी की समस्या, लॉकडाउन में पूरे परिवार ने मिलकर खोद डाला कुआं

राजसमंद के नाथद्वारा में लॉकडाउन के दौरान एक परिवार ने समय का सदुपयोग करते हुए एक कुआं खोद डाला. परिवार आर्थिक रूप से संपन्न बताए जा रहे हैं, वहीं उनके इस काम को स्थानीय लोग सराहना कर रहे हैं. नीचे पढ़ें पूरी कहानी...

Rajsamand news, lockdown news, family dug wells
लॉकडाउन के दौरान एक परिवार ने घरों में खोदा कुआं
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Published : Jun 18, 2020, 8:19 AM IST

नाथद्वारा (राजसमंद). देश में कोरोना वायरस को नियंत्रण करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के बीच अपने खाली समय का इस्तेमाल राजसमंद के एक गांव में एक परिवार ने कुआं खोदकर अपने घर की पानी की समस्या को दूर करने में किया.

जब लॉकडाउन में समय बिताने के लिए लोग अलग-अलग रास्ते तलाश रहे थे, तब इस परिवार ने पानी की समस्या को दूर करने का फैसला लिया और कुआं खोदने में जुट गए. इन लोगों की मेहनत को प्रकृति का भी साथ मिला और ये परिवार करीब 14 फीट की गहराई में पानी खोजने में सफल रहा.

लॉकडाउन के दौरान एक परिवार ने घरों में खोदा कुआं

यह परिवार नाथद्वारा तहसील के उपली ओडन गांव का रहने वाला है. अब इन लोगों को इस बात की खुशी है कि उनके लिए पानी अब हर समय उपलब्ध है. परिवार के मुखिया दयाशंकर प्रजापत ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से पूरा परिवार घर पर ही था. उनके ओर छोटे भाई के पांचों बच्चों और घर की औरतों ने मिल कर इस कार्य को शुरू किया.

घर के आंगन में एक नकारा कुआं था, जो मिट्टी धस जाने से बंद हो चुका था, इसी दौरान उनके मन में विचार आया कि वह अपने घर के परिसर में फिर से कुआं खोद लें. उन्होंने कहा कि बेटे-बहु पूरा परिवार घर पर ही बैठे रहते थे, इसलिए समय का सदुपयोग करने के लिए उन्होंने कुआं खोदने का निर्णय लिया. उनके दो बेटे जमीन खुदाई का काम करते थे और बाकी परिवार गड्ढे से मिट्टी हटाने के काम में लगा रहता था.

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लॉकडाउन के दौरान एक परिवार ने घरों में खोदा कुआं

यह भी पढ़ें- खबर का असर: 14 साल से जंजीरों में जकड़े करण सिंह के इलाज और सहायता की प्रक्रिया शुरू

दो लड़के गड्ढे में प्रवेश करके मिट्टी को बाल्टी में भरते और बाकी सदस्य बारी-बारी से उसे खींच कर निकालते थे. दयाशंकर ने बताया कि इस तरह से 14 फीट गहराई तक खोदते गए, तो गीली मिट्टी आने लगी फिर हौसला बढ़ा तो खुदाई में नया जोश आया और अतंतः कुआं खुदाई का काम पूरा हुआ. उन्होंने कहा कि अब उनके परिवार के पास साफ पीने का पानी उपलब्ध है.

दयाशंकर के बेटे ने कहा कि वे इस काम में एक सवा महीने तक लगे रहे. सुबह आठ-नो बजे ही पूरा कुनबा इस काम में लग जाता. दिन में एक घंटा आराम करते, फिर खुदाई में जुट जाते. उन्होंने कहा कि उन लोगों की मेहनत सफल हुई और उनके घर में पानी की व्यवस्था हो गई. अब वे पड़ोसियों के लिए भी पानी का नल घर के बाहर लगाने की सोच रहे हैं.

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लॉकडाउन के दौरान एक परिवार ने घरों में खोदा कुआं

यह भी पढ़ें- SPECIAL: कोरोना के खिलाफ मजबूती से जंग लड़ रहा है ये गांव, युवाओं की सूझबूझ ने अब तक रखा महफूज..

गांव के सरपंच ने इसे एक अनूठी और सकारात्मक पहल बताया है और परिवार के लोगों की हौसला अफजाई की है. सरपंच सुरेश जलानीय के कहा कि यूं तो यह परिवार पैसे के मामले में सम्पन्न है, फिर भी खुद ही खुदाई कर पानी के मामले में अब आत्मनिर्भर बन गया है, जो प्रेरणादायक है.

आंगन में बनाया गया कुआं 25 फीट गहरा है, जिसमें 12 फीट तक पानी भरा हुआ है. पानी साफ और पीने लायक है. परिवार के इस कदम की चर्चा गावं में चारों ओर है और दिन भर में कई लोग इसे देखने आते हैं. साथ ही परिवार को इसके लिए बधाई भी देते हैं.

नाथद्वारा (राजसमंद). देश में कोरोना वायरस को नियंत्रण करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के बीच अपने खाली समय का इस्तेमाल राजसमंद के एक गांव में एक परिवार ने कुआं खोदकर अपने घर की पानी की समस्या को दूर करने में किया.

जब लॉकडाउन में समय बिताने के लिए लोग अलग-अलग रास्ते तलाश रहे थे, तब इस परिवार ने पानी की समस्या को दूर करने का फैसला लिया और कुआं खोदने में जुट गए. इन लोगों की मेहनत को प्रकृति का भी साथ मिला और ये परिवार करीब 14 फीट की गहराई में पानी खोजने में सफल रहा.

लॉकडाउन के दौरान एक परिवार ने घरों में खोदा कुआं

यह परिवार नाथद्वारा तहसील के उपली ओडन गांव का रहने वाला है. अब इन लोगों को इस बात की खुशी है कि उनके लिए पानी अब हर समय उपलब्ध है. परिवार के मुखिया दयाशंकर प्रजापत ने बताया कि लॉकडाउन की वजह से पूरा परिवार घर पर ही था. उनके ओर छोटे भाई के पांचों बच्चों और घर की औरतों ने मिल कर इस कार्य को शुरू किया.

घर के आंगन में एक नकारा कुआं था, जो मिट्टी धस जाने से बंद हो चुका था, इसी दौरान उनके मन में विचार आया कि वह अपने घर के परिसर में फिर से कुआं खोद लें. उन्होंने कहा कि बेटे-बहु पूरा परिवार घर पर ही बैठे रहते थे, इसलिए समय का सदुपयोग करने के लिए उन्होंने कुआं खोदने का निर्णय लिया. उनके दो बेटे जमीन खुदाई का काम करते थे और बाकी परिवार गड्ढे से मिट्टी हटाने के काम में लगा रहता था.

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लॉकडाउन के दौरान एक परिवार ने घरों में खोदा कुआं

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दो लड़के गड्ढे में प्रवेश करके मिट्टी को बाल्टी में भरते और बाकी सदस्य बारी-बारी से उसे खींच कर निकालते थे. दयाशंकर ने बताया कि इस तरह से 14 फीट गहराई तक खोदते गए, तो गीली मिट्टी आने लगी फिर हौसला बढ़ा तो खुदाई में नया जोश आया और अतंतः कुआं खुदाई का काम पूरा हुआ. उन्होंने कहा कि अब उनके परिवार के पास साफ पीने का पानी उपलब्ध है.

दयाशंकर के बेटे ने कहा कि वे इस काम में एक सवा महीने तक लगे रहे. सुबह आठ-नो बजे ही पूरा कुनबा इस काम में लग जाता. दिन में एक घंटा आराम करते, फिर खुदाई में जुट जाते. उन्होंने कहा कि उन लोगों की मेहनत सफल हुई और उनके घर में पानी की व्यवस्था हो गई. अब वे पड़ोसियों के लिए भी पानी का नल घर के बाहर लगाने की सोच रहे हैं.

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लॉकडाउन के दौरान एक परिवार ने घरों में खोदा कुआं

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गांव के सरपंच ने इसे एक अनूठी और सकारात्मक पहल बताया है और परिवार के लोगों की हौसला अफजाई की है. सरपंच सुरेश जलानीय के कहा कि यूं तो यह परिवार पैसे के मामले में सम्पन्न है, फिर भी खुद ही खुदाई कर पानी के मामले में अब आत्मनिर्भर बन गया है, जो प्रेरणादायक है.

आंगन में बनाया गया कुआं 25 फीट गहरा है, जिसमें 12 फीट तक पानी भरा हुआ है. पानी साफ और पीने लायक है. परिवार के इस कदम की चर्चा गावं में चारों ओर है और दिन भर में कई लोग इसे देखने आते हैं. साथ ही परिवार को इसके लिए बधाई भी देते हैं.

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