प्रतापगढ़. नकली नोट खपाने आए पांच सदस्यी गिरोह को एसटीएफ ने गिरफ्त में लिया है. इनके पास से 13.35 लाख रुपए के नकली नोट बरामद हुए हैं. खास बात यह कि यह गिरोह कलर फोटो कॉपी से नकली नोट बनाते थे. चूंकि फोटोकॉपी के रंग निकलते है तो इसके लिए टिंचर के पानी में घोलकर सुखाते थे ताकि रंग न निकले. वहीं इस गिरोह का सरगना राजस्थान प्रतापगढ़ का युवक है. एसटीएफ की एक टीम प्रतापगढ़ भी गई है.
एसटीएफ एसपी अंजना तिवारी ने बताया कि रविवार रात को मुखबीर से सूचना मिली थी कि आगर रोड वेयर हाउस के पास एक कार खड़ी है जिसमें नकली नोट रखे हैं. कुछ लोग उन्हें ठिकाने लगाने की कोशिश में हैं. इस पर निरीक्षक दीपिका शिंदे की टीम ने दबिश मारकर वेयर हाउस के पास खड़ी आरजे 35 सीए 0591 नंबर की कार से चार लोगों को गिरफ्तार किया.
जिनमें सद्दाम और नईम उर्फ नियाज निवासी प्रतापगढ़, मेहमूद खां निवासी आगर, गोवर्धन निवासी नईखेड़ी भैरवगढ़ को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ में इनके पांचवे साथी संतोष निवासी सुसनेर के बारे में पता चला. जिसे दोपहर में गिरफ्तार किया गया. आरोपियों के पास से 13 लाख 35 हजार रुपए के 2000 और 500 के नकली मिले हैं. इसके अलावा इनके पास से कलर प्रिंटर, टींचर और अन्य सामग्री जब्त हुई है.
कलर नहीं निकलने का दिखाते थे डेमो
निरीक्षक दीपिका शिंदे ने बताया कि प्रतापगढ़ में रहने वाले दोनों युवक गिरोह के सरगना है और इनका आपराधिक रिकार्ड भी है. ये बदमाश 2 हजार और 500 के नोट कलर फोटो कॉपी से बनाते थे. बाद में इन नोटों से रंग नहीं निकले इसके लिए टिंचर के पानी में डालकर सुखाते थे. ऐसा करने से नोट पर एक परत जम जाती, इससे इनमें रंग नहीं निकलता. आरोपी रंग पक्का होने का डेमो भी अपने ग्राहकों को दिखाते थे.
60 हजार रुपए में बेचते थे 1 लाख के नकली नोट
पकड़े गए आरोपी ने प्रारंभिक पूछताछ में बताया कि यह नकली नोट आपराधिक लोगों के साथ ही व्यापारियों को देते थे. 1 लाख के नकली नोट देने के एवज में 60 हजार रुपए लेते थे. यह लोग नकली नोट बेचने के प्रयास कर ही रहे थे कि पकड़े गए.