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मॉक ड्रिल : प्रतापगढ़ जिला अस्पताल में आग की सूचना पर सबसे आखिर में आई आपदा प्रबंधन टीम - Pratapgarh District Hospital Fire Pratapgarh Mock Drill System Failed

प्रतापगढ़ जिला अस्पताल में आग की झूठी सूचना देकर सोमवार को कलक्टर ने सभी विभागों की तत्परता की परख की. इस ‘मॉक ड्रिल’ में कई विभागों की ढिलाई उजागर हो गई. कई विभागों के अधिकारी काफी देर से पहुंचे.

Pratapgarh District Hospital Mock Drill
प्रतापगढ़ जिला अस्पताल में आग की सूचना
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Published : May 17, 2021, 10:36 PM IST

प्रतापगढ़. एक तरफ कोरोना की मार तो दूसरी तरफ तौकते तूफान का प्रहार. ऐसे में सिस्टम की सक्रियता की परख करने के लिए अतिरिक्त जिला कलेक्टर गोपाल लाल स्वर्णकार ने जिला अस्पताल में आग की झूठी खबर देकर सभी विभागों को तुरंत कॉल किया. मकसद था मॉक ड्रिल. लेकिन इस मॉक ड्रिल में कई विभागों की ढिलाई उजागर हो गई.

यहां तक कि आपदा प्रबंधन के कर्मचारी ही सबसे लेट आए. शहर में दोपहर तीन बजे के आसपास यह सूचना फैल गई कि जिला अस्पताल में आग लग गई है. इससे अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गई. जिला स्तर के सभी विभागों के कर्मचारी और अधिकारी जिला चिकित्सालय पहुंच गए. यहां आने के बाद पता चला कि यह एक मॉक ड्रिल थी.

अतिरिक्त जिला कलक्टर गोपाल लाल स्वर्णकार ने बताया कि जिला चिकित्सालय प्रतापगढ़ के ऑक्सीजन प्लांट में आग की सूचना पर अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक चिरंजीलाल, उपखण्ड अधिकारी श्यामसुंदर चेतिवाल, तहसीलदार सुंदरलाल कटारा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ वीडी मीना सहित आला अधिकारी मौके पर पहुंचे. जिला चिकित्सालय में एंबुलेंस एवं फायर ब्रिगेड की सायरन की आवाज से एक बार अफरा-तफरी का माहौल बना.

पढ़ें- इंसानियत शर्मसार: बुजुर्ग मां को अस्पताल में भर्ती करवाकर लावारिस छोड़ गया बेटा, 12 घंटे बाद मौत

आपदा प्रबंधन की टीम भी पहुंची लेट

दोपहर बाद तीन बजे शुरू हुई मॉक ड्रिल के बाद करीब पौने चार बजे एडीएम गोपाल लाल स्वर्णकार जिला चिकित्सालय पहुंचे. जबकि आपदा प्रबंधन की टीम जिसको सबसे पहले पहुंचना था वह मॉक ड्रिल खत्म होने तक भी नहीं पहुंची. यह हालत तब है जब तौकते तूफान को लेकर पहले से प्रशासन अलर्ट मोड़ पर है. जिला चिकित्सालय में आग की सूचना पर निजी और दूसरी सारी एंबुलेंस मौके पर पहुंच गई लेकिन इमरजेंसी एंबुलेंस लास्ट में पहुंची.

आग बुझाने के लिए नहीं मिली बालू रेत की बाल्टी

मॉक ड्रिल के दौरान जिला कलक्टर रेणु जयपाल और एसपी चूनाराम जाट अस्पताल पहुंचे. इन्हें अस्पताल में आग बुझाने के लिए बालू रेत की बाल्टी तक नजर नहीं आई. जिला चिकित्सालय में लगे पानी के नोजल में पानी का प्रेशर नहीं मिला.

धरियावद में वैक्सीनेशन सेंटर पर उड़ी सोशल डिस्टेंसिंग धज्जियां

यहां वैक्सीनेशन सेंटर पर वैक्सीन लगवाने के लिए बड़ी तादाद में लोग उमड़ पड़े. सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ते देख बाद में पुलिस को सूचना दी गई. जिस पर थानाधिकारी सुरेंद्र सिंह राव मौके पर पहुंचे और व्यवस्था को संभाला. धरियावद सीएचसी पर वैक्सीन की 300 डोज पहुंची थी. वैक्सीन के पहुंचने की सूचना पर बड़ी संख्या में लोग यहां वैक्सीनेशन करवाने के लिए पहुंच गए. पहले वैक्सीन लगवाने की जल्दबाजी में लोग सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करना भी भूल गए.

प्रतापगढ़. एक तरफ कोरोना की मार तो दूसरी तरफ तौकते तूफान का प्रहार. ऐसे में सिस्टम की सक्रियता की परख करने के लिए अतिरिक्त जिला कलेक्टर गोपाल लाल स्वर्णकार ने जिला अस्पताल में आग की झूठी खबर देकर सभी विभागों को तुरंत कॉल किया. मकसद था मॉक ड्रिल. लेकिन इस मॉक ड्रिल में कई विभागों की ढिलाई उजागर हो गई.

यहां तक कि आपदा प्रबंधन के कर्मचारी ही सबसे लेट आए. शहर में दोपहर तीन बजे के आसपास यह सूचना फैल गई कि जिला अस्पताल में आग लग गई है. इससे अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गई. जिला स्तर के सभी विभागों के कर्मचारी और अधिकारी जिला चिकित्सालय पहुंच गए. यहां आने के बाद पता चला कि यह एक मॉक ड्रिल थी.

अतिरिक्त जिला कलक्टर गोपाल लाल स्वर्णकार ने बताया कि जिला चिकित्सालय प्रतापगढ़ के ऑक्सीजन प्लांट में आग की सूचना पर अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक चिरंजीलाल, उपखण्ड अधिकारी श्यामसुंदर चेतिवाल, तहसीलदार सुंदरलाल कटारा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ वीडी मीना सहित आला अधिकारी मौके पर पहुंचे. जिला चिकित्सालय में एंबुलेंस एवं फायर ब्रिगेड की सायरन की आवाज से एक बार अफरा-तफरी का माहौल बना.

पढ़ें- इंसानियत शर्मसार: बुजुर्ग मां को अस्पताल में भर्ती करवाकर लावारिस छोड़ गया बेटा, 12 घंटे बाद मौत

आपदा प्रबंधन की टीम भी पहुंची लेट

दोपहर बाद तीन बजे शुरू हुई मॉक ड्रिल के बाद करीब पौने चार बजे एडीएम गोपाल लाल स्वर्णकार जिला चिकित्सालय पहुंचे. जबकि आपदा प्रबंधन की टीम जिसको सबसे पहले पहुंचना था वह मॉक ड्रिल खत्म होने तक भी नहीं पहुंची. यह हालत तब है जब तौकते तूफान को लेकर पहले से प्रशासन अलर्ट मोड़ पर है. जिला चिकित्सालय में आग की सूचना पर निजी और दूसरी सारी एंबुलेंस मौके पर पहुंच गई लेकिन इमरजेंसी एंबुलेंस लास्ट में पहुंची.

आग बुझाने के लिए नहीं मिली बालू रेत की बाल्टी

मॉक ड्रिल के दौरान जिला कलक्टर रेणु जयपाल और एसपी चूनाराम जाट अस्पताल पहुंचे. इन्हें अस्पताल में आग बुझाने के लिए बालू रेत की बाल्टी तक नजर नहीं आई. जिला चिकित्सालय में लगे पानी के नोजल में पानी का प्रेशर नहीं मिला.

धरियावद में वैक्सीनेशन सेंटर पर उड़ी सोशल डिस्टेंसिंग धज्जियां

यहां वैक्सीनेशन सेंटर पर वैक्सीन लगवाने के लिए बड़ी तादाद में लोग उमड़ पड़े. सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ते देख बाद में पुलिस को सूचना दी गई. जिस पर थानाधिकारी सुरेंद्र सिंह राव मौके पर पहुंचे और व्यवस्था को संभाला. धरियावद सीएचसी पर वैक्सीन की 300 डोज पहुंची थी. वैक्सीन के पहुंचने की सूचना पर बड़ी संख्या में लोग यहां वैक्सीनेशन करवाने के लिए पहुंच गए. पहले वैक्सीन लगवाने की जल्दबाजी में लोग सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करना भी भूल गए.

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