प्रतापगढ़. जिले की दलोट पंचायत समिति में दिलचस्प राजनीति देखने को मिली. जहां पंचायत समिति के 15 सीटों में 6 सीटें बीटीपी समर्थित, 5 भाजपा और 4 सीटें कांग्रेस को मिली थी. शुरूवार को हुए प्रधान चुनाव में भाजपा और कांग्रेस ने मिलकर निर्दलीय प्रत्याशी श्यामा बाई को दावेदार बनाया जिन्हें 9 वोट मिले. वहीं बीटीपी समर्थित गीता बाई ने प्रधान की दावेदारी की जिन्हें 6 वोट मिले.
बीटीपी ने भाजपा और कांग्रेस के ऊपर कटाक्ष करते हुए कहा कि दोनों पार्टियां एक है और आपस में मिली हुई है. 70 सालों से एक दूसरे की धुर विरोधी है वह सिर्फ आदिवासियों के हक को दबाने के लिए एक हुई हैं. बीटीपी ने आरोप लगाया है कि क्षेत्र के पिछड़े आदिवासीयों को आगे आने नहीं देना चाहती ये दोनों पार्टियां इसी लिए दोनों विरोधी पार्टियां एक हो गई है. जबकि दोनों पार्टियों से ज्यादा बहुमत भारतीय ट्राईबल पार्टी समर्थित सदस्यों के पास था. जिसके बाद भी दोनों पार्टियों ने एक होकर क्षेत्र की जनता के साथ छलावा किया है. आने वाले चुनाव में इन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा.
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बता दें, बीटीपी को मात देने के लिए भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने मिलकर निर्दलीय प्रत्याशी को दलोट पंचायत समिति के प्रधान पद पर निर्वाचित किया है. वहीं जिले में अधिकांश पंचायत समिति सहित जिला प्रमुख पद पर भी कांग्रेस ने जीत हासिल की है. भारतीय ट्राइबल पार्टी को प्रतापगढ़ में कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टी के लोगों ने सिरे से नकारते हुए दलोट पंचायत समिति में एकजुटता दिखाते हुए निर्दलीय प्रत्याशी को प्रधान के रूप में चुना है.
भाजपा में उप प्रधान के लिए भी बगावती सुर...
प्रतापगढ़ जिले में पंचायत समिति प्रधान के चुनाव में मुंह की खाने के बाद भारतीय जनता पार्टी में उप प्रधान के चुनाव में भी बगावत का बिगुल बज चुका है. यहां पर भाजपा के टिकट पर चुनकर आई निर्मला कुमारी आंजना ने निर्दलीय के तौर पर नामांकन दाखिल किया है. भाजपा ने यहां से सज्जन बाई को अपना उम्मीदवार घोषित किया है . कांग्रेस ने यहां से अपना कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं कर भाजपा में बगावत की आग को हवा देना शुरू कर दिया है.
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प्रतापगढ़ पंचायत समिति के चुनाव में 19 सीटों में से भाजपा को एकतरफा जीत हासिल हुई थी. सीटों पर जीत हासिल करते हुए भाजपा ने पूर्ण बहुमत प्राप्त किया था. पर कांग्रेस को केवल 4 सीटें प्राप्त हुई थी लेकिन प्रधान के चुनाव में भाजपा में शुरू हुई आपसी गुटबाजी के कारण रमेश मीणा जो भाजपा के टिकट पर चुनकर आए थे बगावत करते हुए निर्दलीय मैदान में कूद पड़े और कांग्रेस के समर्थन से प्रधान का चुनाव जीतने में कामयाब रहे. भाजपा में प्रधान चुनाव को लेकर लगी आग अभी मुझे भी नहीं की उपप्रधान के चुनाव में भी निर्मला कुमारी आंजना ने बगावती तेवर अपनाते हुए निर्दलीय के रूप में नामांकन दाखिल किया है