प्रतापगढ़. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम मामले में ऐतिहासिक आदेश देते हुए जब्त पशुओं के भरण-पोषण के लिए प्रतिमाह गौशाला में 200 रुपए प्रति पशु रोजाना के हिसाब से जमा कराने के आदेश प्रदान किए हैं. इस मामले में आरोपियों को 96 हजार 750 रुपए काठल गौशाला में जमा करवाने के आदेश दिए गए हैं.
अदालत ने यह आदेश बीती 27 नवंबर को कोतवाली थाना पुलिस द्वारा 4 पिकअप में अवैध रूप से भर कर ले जाए जा रहे 17 मवेशी की जब्ती के मामले में दिए है. इस मामले में पुलिस ने चारों पिकअप को भी जब्त किया था. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रतापगढ़ लक्ष्मणराम विश्नोई ने एक महत्वपूर्ण आदेश प्रदान करते हुए पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत जब्त की गई 14 भैंस और तीन पाड़ों की अभिरक्षा कांठल गोशाला को दिए जाने का महत्वपूर्ण आदेश प्रदान किया था. जिसके तहत पशुओं के प्रति क्रूरता और भरण पोषण नियम 2017 के तहत प्रति पशु 200 रुपए प्रतिदिन और प्रति छोटे पशु 125 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से प्रतिमाह 96 हजार 750 रुपए कांठल गौशाला प्रतापगढ़ को जमा कराए जाने बाबत आरोपी को आदेश दिए है. प्रत्येक माह को 10 दिन के भीतर कांठल गौशाला प्रतापगढ़ में यह राशि आरोपियों को जमा करानी होगी.
पशु कुरता निवारण समिति के कार्यकारी सदस्य एडवोकेट सचिन पटवा ने बताया कि दिनांक 27 नवंबर 2020 को सुबह करीब 5:00 बजे पशु क्रूरता समिति के उपाध्यक्ष एडवोकेट रमेशचंद्र शर्मा को मुखबिर से सूचना मिली कि बांसवाड़ा की तरफ से चार पिकअप में 14 पशुओं को निर्दयता पूर्वक भरकर कत्लखाने की ओर ले जाया जा रहा है. जिसपर शर्मा ने पुलिस कंट्रोल रूम प्रतापगढ़ और पुलिस थाने में दी.
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इस पर एसएचओ बुद्धराम विश्नोई पुलिस जाब्ते के साथ मौके पर पहुंचे और उन्होंने चारों पिकअप को अने कब्जे में लेकर पशुओं को कांठल गौशाला प्रतापगढ के सुपुर्द किया. थाना प्रभारी प्रतापगढ़ मदनलान खटीक ने पशु क्रूरता अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध करने के निर्देश प्रदान किए. जिसका अनुसंधान मोहनलाल मीणा पुलिस हेड कांस्टेबल द्वारा किया जा कर प्रथम दृष्टया आरोप प्रमाणित पाए जाने पर आरोपीगण के विरुद्ध आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया.