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कोरोना की मार से धरती पुत्र बेहाल, मजदूरों की कमी के चलते 20 दिन लेट हुई फसल

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Published : Apr 11, 2020, 6:41 PM IST

प्रदेश में लॉकडाउन के चलते किसान परेशान हैं. खेत में पड़ी फसल अब खराब होने की कगार पर पहुंच गई है. किसानों का कहना है कि सरकार उनकी फसल को खेत में ही खरीदने की व्यवस्था करें. साथ ही उन्हें फसल का उचित मूल्य मिले, ये भी ध्यान रखा जाए.

Farmers upset due to crop failure, लॉकडाउन में किसान परेशान
मजदूरों की कमी के चलते 20 दिन लेट हुई फसल

प्रतापगढ़. लॉकडाउन के चलते धरती पुत्रों का बेहाल हैं. खेत में फसल पड़ी है और लॉकडाउन के चलते उन्हें मजदूर नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में अब किसानों ने एक दूसरे की मदद करना शुरू कर दिया है. अब किसान एक दूसरे का सहयोग कर कटाई में जुट गए हैं.

लेकिन फसल की कटाई अब 20 दिन लेट हो चुकी है. आलम ये है कि कई जगहों पर फसल खराब होने लगी है. शहर से ही जुड़े मानपुरा इलाके में खेतों पर काम कर रहे किसान गोपाल कुमावत ने बताया कि इस सीजन में हमने खेतों में प्याज, मैथी, गोभी, बैंगन सहित अन्य सब्जियों की भी बुवाई कर रखी थी, जो लगभग लगभग खराब हो चुकी है.

मजदूरों की कमी के चलते 20 दिन लेट हुई फसल

बाजार में अगर बेचने के लिए जाते हैं, तो पुलिस डंडे मारती है. कटाई के लिए मजदूर नहीं मिलने से पास वाले किसानों से सहयोग लेकर फिर उनकी फसल कटाई में सहयोग दे रहे हैं. इस तरह से एक दूसरे का सहयोग कर कटाई की जा रही है. गोपाल कुमावत भरी दुपहरी में अपने पूरे परिवार के साथ फसल कटाई में जुटे हैं.

पढ़ें- अब पहरदारों पर Corona का साया, हेड कांस्टेबल और उसका बेटा भी पॉजिटिव

इनका कहना है कि मैथी पूरी तरह खराब हो चुकी है. वहीं, प्याज की कटाई करने में जुटी कैलाशी का कहना है कि प्याज की जो क्वालिटी होनी चाहिए, वह क्वालिटी अब नहीं रही. क्योंकि कटाई में देरी हो चुकी है. सरकार को चाहिए कि उनकी फसल को खेतों में ही खरीदने की व्यवस्था की जाए और साथ ही उन फसलों का उचित मूल्य मिले यह भी ध्यान रखा जाए. क्योंकि लॉकडाउन की स्थिति में वह बाजार में भी अपनी उपज को बेचने नहीं जा सकते. ऐसे में उनके सामने केवल अपनी फसलों को बर्बाद होते देखने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. ऐसे में सरकार से ही राहत की उम्मीद है.

प्रतापगढ़. लॉकडाउन के चलते धरती पुत्रों का बेहाल हैं. खेत में फसल पड़ी है और लॉकडाउन के चलते उन्हें मजदूर नहीं मिल रहे हैं. ऐसे में अब किसानों ने एक दूसरे की मदद करना शुरू कर दिया है. अब किसान एक दूसरे का सहयोग कर कटाई में जुट गए हैं.

लेकिन फसल की कटाई अब 20 दिन लेट हो चुकी है. आलम ये है कि कई जगहों पर फसल खराब होने लगी है. शहर से ही जुड़े मानपुरा इलाके में खेतों पर काम कर रहे किसान गोपाल कुमावत ने बताया कि इस सीजन में हमने खेतों में प्याज, मैथी, गोभी, बैंगन सहित अन्य सब्जियों की भी बुवाई कर रखी थी, जो लगभग लगभग खराब हो चुकी है.

मजदूरों की कमी के चलते 20 दिन लेट हुई फसल

बाजार में अगर बेचने के लिए जाते हैं, तो पुलिस डंडे मारती है. कटाई के लिए मजदूर नहीं मिलने से पास वाले किसानों से सहयोग लेकर फिर उनकी फसल कटाई में सहयोग दे रहे हैं. इस तरह से एक दूसरे का सहयोग कर कटाई की जा रही है. गोपाल कुमावत भरी दुपहरी में अपने पूरे परिवार के साथ फसल कटाई में जुटे हैं.

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इनका कहना है कि मैथी पूरी तरह खराब हो चुकी है. वहीं, प्याज की कटाई करने में जुटी कैलाशी का कहना है कि प्याज की जो क्वालिटी होनी चाहिए, वह क्वालिटी अब नहीं रही. क्योंकि कटाई में देरी हो चुकी है. सरकार को चाहिए कि उनकी फसल को खेतों में ही खरीदने की व्यवस्था की जाए और साथ ही उन फसलों का उचित मूल्य मिले यह भी ध्यान रखा जाए. क्योंकि लॉकडाउन की स्थिति में वह बाजार में भी अपनी उपज को बेचने नहीं जा सकते. ऐसे में उनके सामने केवल अपनी फसलों को बर्बाद होते देखने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. ऐसे में सरकार से ही राहत की उम्मीद है.

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