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मौसम परिवर्तन के साथ ही औसत पर संकट के बादल, कई खेतों में अब शुरू होगा चीरा लगाने का कार्य

जिले में अफीम की फसल में डोडो से दूध संग्रहण का काम किया जा रहा है. लेकिन लगातार हो रहे मौसम में बदलाव से अब खेतों में डोडे सूखने की समस्या भी शुरू हो गई है. तापमान में बढ़ोतरी हो गई है जिससे डोडो से अफीम दूध में कमी आने लगी है और किसान परेशान हो रहे हैं.

प्रतापगढ़ की ताजा हिंदी खबरें, Poppy Milk Storage, अफीम की फसल
लगातार बदल रहे मौसम के कारण डोडे सूखने की समस्या हुई शुरू
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Published : Mar 2, 2021, 2:28 PM IST

प्रतापगढ़. जिले में इन दिनों अफीम की फसल में डोडो से दूध संग्रहण का कार्य चल रहा है. वहीं कई खेतों में डोडो पर चीरा लगाने का कार्य अब शुरू हो रहा है. ऐसे में मौसम में एकाएक परिवर्तन हो गया है. तापमान में बढ़ोतरी हो गई है जिससे डोडो से अफीम दूध में कमी आने लगी है. जबकि कई खेतों में डोडे सूखने की समस्या भी शुरू हो गई है. इसके साथ ही अफीम की फसल में बीमारियों की आशंका बढ़ गई है. जिससे किसानों को अफीम की औसत पूरी करने की चिंता सताने लगी है. कांठल में इन दिनों अफीम किसान पशोपेश में है.

लगातार बदल रहे मौसम के कारण डोडे सूखने की समस्या हुई शुरू

गौरतलब है कि जिले में अफीम की फसल से दूध संग्रहण का कार्य शुरू हो चुका है. छोटी सादड़ी इलाके में एक पखवाड़े से अफीम दूध संग्रहण किया जा रहा है. वहीं, प्रतापगढ़ और अरनोद इलाके में भी किसानों ने डोडो पर चीरा लगाया है. कई किसान अब चीरा लगा रहे हैं.

वहीं दूसरी ओर तापमान में बढ़ोतरी हो गई है. जिससे डोडो पर दूध कम निकल रहा है. कई डोडो पर दूध सूख गया है. जबकि बीमारियों का प्रकोप भी होने लगा है. मौसम में परिवर्तन होने से अफीम की फसल में बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है. इसके चलते किसानों में चिंता भी बढ़ गई है. दिन में तेज धूप है, जबकि रात में पर्याप्त सर्दी नहीं होने से पौधों की वृद्घि प्रभावित हो रही है. इसके लिए किसान कई प्रकार के उर्वरक और कीटनाशक का उपयोग कर रहे हैं. लेकिन फायदा नहीं हो रहा है.

मौसम में लगातार परिवर्तन होने से अफीम की फसलों पर बीमारियों को प्रकोप बढ़ रहा है. किसान इन फसलों की देखभाल करने के साथ ही महंगे कीटनाशक का छिड़काव कर रहे हैं. किसानों का खर्च अधिक होने के बाद भी फसलों में बढ़वार नहीं हो रही है. मौसम की बेरुखी से किसानो को दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ ही किसानों को फसलों को मवेशियों, पक्षियों आदि से बचाना भी लोहे के चने चबाने के समान रहता है.

जिले के किसान हीरालाल पाटीदार का कहना है कि मौसम की अनुकूलता नहीं होने के कारण पौधों की लंबाई और गुणवत्ता प्रभावित हुई है. कई पौधों पर डोडे नहीं लग रहे हैं. छगनलाल पाटीदार बरडिया का कहना है कि मौसम की मार से किसानों की सारी मेहनत बेकार हो रही है. इस बार भी मौसम की बेरुखी से अफीम की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव हो रहा है.

पढ़ें- प्रतापगढ़ में अखिल भारतीय किसान महासभा ने कृषि कानूनों के खिलाफ किया प्रर्दशन, राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

अफीम की फसल में सूअर कर रहे नुकसान

छोटीसादड़ी क्षेत्र में आसपास के खेतों में सूअर घुसकर फसल नष्ट कर रहे हैं. सूअरों के आतंक से किसानों की बहुमूल्य फसल अफीम को भी खासा नुकसान पहुंचाकर चट कर रहे हैं. लेकिन पालिका प्रशासन पुख्ता प्रबंध करने में नाकाम हो रही है. पिछले कई दिनों से सूअरों के आतंक से किसान परेशान हैं. सूअरों के आतंक से परेशान होकर किसानों ने नगर पालिका ईओ अब्दुल वाहिद को शिकायत की है. शिकायत में बताया कि भाटों की बावड़ी के पीछे खेतों में सूअर लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं. इस समस्या से आस-पास के सभी क्षेत्रों के किसान काफी परेशान है. किसानों ने शिकायत देकर सूअरों के मालिकों को पाबंद करवाकर राहत दिलाने की मांग की है. इस दौरान कई किसान मौजूद थे.

प्रतापगढ़. जिले में इन दिनों अफीम की फसल में डोडो से दूध संग्रहण का कार्य चल रहा है. वहीं कई खेतों में डोडो पर चीरा लगाने का कार्य अब शुरू हो रहा है. ऐसे में मौसम में एकाएक परिवर्तन हो गया है. तापमान में बढ़ोतरी हो गई है जिससे डोडो से अफीम दूध में कमी आने लगी है. जबकि कई खेतों में डोडे सूखने की समस्या भी शुरू हो गई है. इसके साथ ही अफीम की फसल में बीमारियों की आशंका बढ़ गई है. जिससे किसानों को अफीम की औसत पूरी करने की चिंता सताने लगी है. कांठल में इन दिनों अफीम किसान पशोपेश में है.

लगातार बदल रहे मौसम के कारण डोडे सूखने की समस्या हुई शुरू

गौरतलब है कि जिले में अफीम की फसल से दूध संग्रहण का कार्य शुरू हो चुका है. छोटी सादड़ी इलाके में एक पखवाड़े से अफीम दूध संग्रहण किया जा रहा है. वहीं, प्रतापगढ़ और अरनोद इलाके में भी किसानों ने डोडो पर चीरा लगाया है. कई किसान अब चीरा लगा रहे हैं.

वहीं दूसरी ओर तापमान में बढ़ोतरी हो गई है. जिससे डोडो पर दूध कम निकल रहा है. कई डोडो पर दूध सूख गया है. जबकि बीमारियों का प्रकोप भी होने लगा है. मौसम में परिवर्तन होने से अफीम की फसल में बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है. इसके चलते किसानों में चिंता भी बढ़ गई है. दिन में तेज धूप है, जबकि रात में पर्याप्त सर्दी नहीं होने से पौधों की वृद्घि प्रभावित हो रही है. इसके लिए किसान कई प्रकार के उर्वरक और कीटनाशक का उपयोग कर रहे हैं. लेकिन फायदा नहीं हो रहा है.

मौसम में लगातार परिवर्तन होने से अफीम की फसलों पर बीमारियों को प्रकोप बढ़ रहा है. किसान इन फसलों की देखभाल करने के साथ ही महंगे कीटनाशक का छिड़काव कर रहे हैं. किसानों का खर्च अधिक होने के बाद भी फसलों में बढ़वार नहीं हो रही है. मौसम की बेरुखी से किसानो को दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ ही किसानों को फसलों को मवेशियों, पक्षियों आदि से बचाना भी लोहे के चने चबाने के समान रहता है.

जिले के किसान हीरालाल पाटीदार का कहना है कि मौसम की अनुकूलता नहीं होने के कारण पौधों की लंबाई और गुणवत्ता प्रभावित हुई है. कई पौधों पर डोडे नहीं लग रहे हैं. छगनलाल पाटीदार बरडिया का कहना है कि मौसम की मार से किसानों की सारी मेहनत बेकार हो रही है. इस बार भी मौसम की बेरुखी से अफीम की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव हो रहा है.

पढ़ें- प्रतापगढ़ में अखिल भारतीय किसान महासभा ने कृषि कानूनों के खिलाफ किया प्रर्दशन, राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन

अफीम की फसल में सूअर कर रहे नुकसान

छोटीसादड़ी क्षेत्र में आसपास के खेतों में सूअर घुसकर फसल नष्ट कर रहे हैं. सूअरों के आतंक से किसानों की बहुमूल्य फसल अफीम को भी खासा नुकसान पहुंचाकर चट कर रहे हैं. लेकिन पालिका प्रशासन पुख्ता प्रबंध करने में नाकाम हो रही है. पिछले कई दिनों से सूअरों के आतंक से किसान परेशान हैं. सूअरों के आतंक से परेशान होकर किसानों ने नगर पालिका ईओ अब्दुल वाहिद को शिकायत की है. शिकायत में बताया कि भाटों की बावड़ी के पीछे खेतों में सूअर लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं. इस समस्या से आस-पास के सभी क्षेत्रों के किसान काफी परेशान है. किसानों ने शिकायत देकर सूअरों के मालिकों को पाबंद करवाकर राहत दिलाने की मांग की है. इस दौरान कई किसान मौजूद थे.

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