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सकारात्मक पहल: दो भाइयों ने मृत्युभोज की राशि शिक्षा और सामाजिक कार्यों में खर्च करने का लिया संकल्प - brothers decided not organise Mrityubhoj

जैतारण में दो भाइयों ने सकारात्मक पहल की है. उन्होंने अपनी मां की मृत्यु के बाद मृत्युभोज नहीं करने का निर्णय लिया है. उन्होंने भोज में खर्च होने वाली राशि को शिक्षा और सामाजिक कार्यों में खर्च करने का संकल्प लिया है.

मृत्यु भोज न करने की पहल, Jaitaran news
मृत्यु भोज न करने की पहल
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Published : Aug 28, 2020, 2:41 PM IST

जैतारण (पाली). जिले के जैतारण कस्बे के सेंदाड़ा ग्राम पंचायत के केसरपुरा में दो भाइयों ने सकारात्मक पहल की है. दोनों भाइयों ने अपनी मां के मृत्यु के बाद मृत्युभोज की राशि शिक्षा और सामाजिक कार्यों में खर्च करने का संकल्प लिया है. साथ ही मृत्युभोज को कुरीति बताते हुए इसे मिटाने का आह्वान किया.

सेन्दड़ा ग्राम पंचायत के केसरपुरा राजस्व ग्राम के मुंदा की मोर बाडिया में मृत्यु भोज को लेकर एक बहुत ही अनुकरणीय उदाहरण देखने को मिली है. भाइयों ने अपनी मां लाडी देवी उम्र 100 साल पत्नी स्व. नाथू सिंह चौहान की मृत्यु के बाद मृत्यु भोज ना कर समाज में अनूठा संदेश दिया है. दोनों भाइयों ने मृत्युभोज में खर्च होने वाली राशि को शिक्षण संस्थानों और धार्मिक कार्य के लिए खर्च करने की बात कही है.

केसरपुरा के मूंदा की मोर निवासी सेवानिवृत्त रेलवे और वार्ड पंच भीम सिंह चौहान और सीओ राजस्थान पुलिस नोखा बीकानेर नेम सिंह चौहान ने मिलकर अपनी मां की मृत्यु पर मृत्यु भोज नहीं करके एक अनूठी मिसाल पेश की है. मगरा क्षेत्र में मृत्यु भोज को लेकर लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं.

यह भी पढ़ें. भाइयों ने लिखी नई इबारत...मृत्युभोज की राशि सामाजिक कार्यों में खर्च करने का लिया संकल्प

इस अवसर पर सैकड़ों लोगों ने इस फैसले की सराहाना की है. साथ ही सब ने प्रण किया कि ऐसे ही हम लोग भी सामूहिक भोज में अनावश्यक खर्च नहीं करके सामाजिक कार्यों में खर्च करेंगे. जिससे यह पिछड़े हुए इस समाज की तरक्की की तरफ बढ़ा एक लाजवाब कदम है, जो आगे जाकर मील का पत्थर साबित होगा.

जैतारण (पाली). जिले के जैतारण कस्बे के सेंदाड़ा ग्राम पंचायत के केसरपुरा में दो भाइयों ने सकारात्मक पहल की है. दोनों भाइयों ने अपनी मां के मृत्यु के बाद मृत्युभोज की राशि शिक्षा और सामाजिक कार्यों में खर्च करने का संकल्प लिया है. साथ ही मृत्युभोज को कुरीति बताते हुए इसे मिटाने का आह्वान किया.

सेन्दड़ा ग्राम पंचायत के केसरपुरा राजस्व ग्राम के मुंदा की मोर बाडिया में मृत्यु भोज को लेकर एक बहुत ही अनुकरणीय उदाहरण देखने को मिली है. भाइयों ने अपनी मां लाडी देवी उम्र 100 साल पत्नी स्व. नाथू सिंह चौहान की मृत्यु के बाद मृत्यु भोज ना कर समाज में अनूठा संदेश दिया है. दोनों भाइयों ने मृत्युभोज में खर्च होने वाली राशि को शिक्षण संस्थानों और धार्मिक कार्य के लिए खर्च करने की बात कही है.

केसरपुरा के मूंदा की मोर निवासी सेवानिवृत्त रेलवे और वार्ड पंच भीम सिंह चौहान और सीओ राजस्थान पुलिस नोखा बीकानेर नेम सिंह चौहान ने मिलकर अपनी मां की मृत्यु पर मृत्यु भोज नहीं करके एक अनूठी मिसाल पेश की है. मगरा क्षेत्र में मृत्यु भोज को लेकर लाखों रुपए खर्च किए जाते हैं.

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इस अवसर पर सैकड़ों लोगों ने इस फैसले की सराहाना की है. साथ ही सब ने प्रण किया कि ऐसे ही हम लोग भी सामूहिक भोज में अनावश्यक खर्च नहीं करके सामाजिक कार्यों में खर्च करेंगे. जिससे यह पिछड़े हुए इस समाज की तरक्की की तरफ बढ़ा एक लाजवाब कदम है, जो आगे जाकर मील का पत्थर साबित होगा.

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