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पाली : प्राचीन कालीन मूर्ति को चुराने वाले दो आरोपी गिरफ्तार

टोंक पुलिस के हाथ एक बड़ी सफलता लगी है. बता दें कि पुलिस ने प्राचीन रघुनाथ जी मंदिर से चुराई गई प्राचीन प्रतिमा को चुराने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इस कार्रवाई को 48 घटों में अंजाम दिया है.

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प्राचीन कालीन मूर्ति को चुराने वाले दो आरोपी गिरफ्तार
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Published : Mar 14, 2020, 3:41 PM IST

टोंक. जिले के पारली गांव के प्राचीन रघुनाथ जी मंदिर से प्राचीन प्रतिमा चोरी हो गई थी. जिसपर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने प्रतिमा चुराने वाले दो आरोपियों सूरजमल जांगिड़ और सत्यनारायण को को 48 घंटों में गिरफतारी को अंजाम दिया. साथ ही चुराई गई प्राचीन प्रतिमा को बरामद करने में सफलता हासिल की है.

प्राचीन कालीन मूर्ति को चुराने वाले दो आरोपी गिरफ्तार

बता दें कि मालपुरा उपखंड के पचेवर थाना क्षेत्र के पारली गांव से दिनदहाड़े मंदिर से प्राचीन प्रतिमा के चोरी हो गई थी. जिससे क्षेत्र की जनता में काफी आक्रोश था. जिसके बाद पुलिस ने अलग-अलग दलों के गठन के साथ ही साइबर सेल के एक्सपर्ट को मूर्ति चोरों का पता लगाने की जिम्मेदारी सौंपी और पुलिस ने 48 घंटो में ही चोरों को गिरिफ्तार करने में सफलता हासिल कर ली.

बताया जा रहा है कि मूर्ति चोरी के दोनों आरोपी मंदिर के पुजारी के पास मूर्ति चोरी की घटना से पहले दो-तीन बार गृह दोष निवारण के लिए जा चुके थे और पुजारी ने ही दोनों आरोपियों को बताया था कि मंदिर की प्रतिमा काफी प्राचीन है और यह नीलम के पत्थर की है. इसी बात से गृह दोष दूर करवाने पंहुचे दोनों चोरों की नीयत बदल गई और अपने आर्थिक हालात को बदलने के लिए पकड़े गए दोनों आरोपियों ने मूर्ति चोरी करने का प्लान बनाया. जिसके बाद दोनों ने चोरी की वारदात को दिन दहाड़े अंजाम दिया और पकड़े गए.

पारली रघुनाथ जी मंदिर का पुजारी प्राचीन मंदिर में पूजा अर्चना कर, झाड़-फूक और गृह दोष निवारण के कार्य के साथ ही निजी स्कूल का संचालन भी करता था. यही कारण भी रहा कि प्राचीन प्रतिमा के मंदिर से चोरी करने की दोनों चोरो ने योजना बनाई. बता दें कि दोनों चोर अलग-अलग मोटर साइकिलों पर सवार होकर पारली पंहुचे उसके बाद एक चोर ने पुजारी की रेकी की और घर से उसे स्कूल छोड़ा. वहीं दूसरे चोर ने इशारा पाकर प्राचीन मूर्ति को मंदिर से दिन दहाड़े चुरा लिया. उसके बाद गांव में जाकर अपने खेत में गड्डा गाड़कर मूर्ति छिपा दी , लेकिन मौके से जुटाए गेट साक्ष्यों और साइबर सेल एक्सपर्ट ने 48 घंटों से पहले ही मूर्ति चोरी की वारदात से पर्दा उठा दिया.

पढ़ें- विधानसभा सत्र: वित्त एवं विनियोग विधेयक पर जवाब देते हुए सीएम गहलोत ने की विभिन्न घोषणाएं


टोंक पुलिस ने प्राचीन प्रतिमा की चोरी की वारदात को खोलकर मूर्ति बरामद करने में सफलता हासिल की है, लेकिन खुलासों में रोचक बात निकलकर यह सामने आई है कि पुजारी ने चोरों को प्राचीन प्रतिमा को नीलम की प्रतिमा बताया था और यहीं से चोंरो ने इस प्रतिमा को चुरा कर अपनी आर्थिक बदहाली से निजात पाने की योजना बनाई. लेकिन अब दोनों की जगह जेल की सलाखें होगी. पुलिस इस मामले मे पकड़े गए दोनों आरोपियों से मूर्ति तस्करों से उनके लिंक खंगालने में जुटी है.

टोंक. जिले के पारली गांव के प्राचीन रघुनाथ जी मंदिर से प्राचीन प्रतिमा चोरी हो गई थी. जिसपर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने प्रतिमा चुराने वाले दो आरोपियों सूरजमल जांगिड़ और सत्यनारायण को को 48 घंटों में गिरफतारी को अंजाम दिया. साथ ही चुराई गई प्राचीन प्रतिमा को बरामद करने में सफलता हासिल की है.

प्राचीन कालीन मूर्ति को चुराने वाले दो आरोपी गिरफ्तार

बता दें कि मालपुरा उपखंड के पचेवर थाना क्षेत्र के पारली गांव से दिनदहाड़े मंदिर से प्राचीन प्रतिमा के चोरी हो गई थी. जिससे क्षेत्र की जनता में काफी आक्रोश था. जिसके बाद पुलिस ने अलग-अलग दलों के गठन के साथ ही साइबर सेल के एक्सपर्ट को मूर्ति चोरों का पता लगाने की जिम्मेदारी सौंपी और पुलिस ने 48 घंटो में ही चोरों को गिरिफ्तार करने में सफलता हासिल कर ली.

बताया जा रहा है कि मूर्ति चोरी के दोनों आरोपी मंदिर के पुजारी के पास मूर्ति चोरी की घटना से पहले दो-तीन बार गृह दोष निवारण के लिए जा चुके थे और पुजारी ने ही दोनों आरोपियों को बताया था कि मंदिर की प्रतिमा काफी प्राचीन है और यह नीलम के पत्थर की है. इसी बात से गृह दोष दूर करवाने पंहुचे दोनों चोरों की नीयत बदल गई और अपने आर्थिक हालात को बदलने के लिए पकड़े गए दोनों आरोपियों ने मूर्ति चोरी करने का प्लान बनाया. जिसके बाद दोनों ने चोरी की वारदात को दिन दहाड़े अंजाम दिया और पकड़े गए.

पारली रघुनाथ जी मंदिर का पुजारी प्राचीन मंदिर में पूजा अर्चना कर, झाड़-फूक और गृह दोष निवारण के कार्य के साथ ही निजी स्कूल का संचालन भी करता था. यही कारण भी रहा कि प्राचीन प्रतिमा के मंदिर से चोरी करने की दोनों चोरो ने योजना बनाई. बता दें कि दोनों चोर अलग-अलग मोटर साइकिलों पर सवार होकर पारली पंहुचे उसके बाद एक चोर ने पुजारी की रेकी की और घर से उसे स्कूल छोड़ा. वहीं दूसरे चोर ने इशारा पाकर प्राचीन मूर्ति को मंदिर से दिन दहाड़े चुरा लिया. उसके बाद गांव में जाकर अपने खेत में गड्डा गाड़कर मूर्ति छिपा दी , लेकिन मौके से जुटाए गेट साक्ष्यों और साइबर सेल एक्सपर्ट ने 48 घंटों से पहले ही मूर्ति चोरी की वारदात से पर्दा उठा दिया.

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टोंक पुलिस ने प्राचीन प्रतिमा की चोरी की वारदात को खोलकर मूर्ति बरामद करने में सफलता हासिल की है, लेकिन खुलासों में रोचक बात निकलकर यह सामने आई है कि पुजारी ने चोरों को प्राचीन प्रतिमा को नीलम की प्रतिमा बताया था और यहीं से चोंरो ने इस प्रतिमा को चुरा कर अपनी आर्थिक बदहाली से निजात पाने की योजना बनाई. लेकिन अब दोनों की जगह जेल की सलाखें होगी. पुलिस इस मामले मे पकड़े गए दोनों आरोपियों से मूर्ति तस्करों से उनके लिंक खंगालने में जुटी है.

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